राम के राज्याभिषेक में मुख्य अतिथि गंगा पार कराने वाला केवट था- रुकमणी
राम के राज्याभिषेक में मुख्य अतिथि-गंगा पार कराने वाला केवट था-रूखमिड़ि
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।दुनिया के सबसे बड़े राज्याभिषेक का मुख्य अतिथि गंगा पार कराने वाला एक निर्धन परिवार का केवट था । ऐसा करके राम ने न केवल मित्र धर्म का पालन किया वल्कि यह संदेश दिया कि राम के राज्य में सभी बराबर हैं ।
चाहे वह बड़े पद पर बैठा कोई खास व्यक्ति हो या फिर दलित परिवार में पैदा हुआ गंगा घाट का एक मांझी । उक्त- बातें वृंदावन धाम से पधारीं रुक्मिणी शास्त्री ने कही । वह घघसरा नगर पंचायत के ग्राम कुसमा खुर्द में श्री रूद्र महायज्ञ के दूसरे दिन व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा रसपान करा रही थीं । उन्होंने कहा कि 14 वर्ष के बाद जब राम अयोध्या लौटे तो भरत ने अपने भाई का बहुत स्वागत किया और कहा भैया आपके राज्याभिषेक की तैयारी पूरी हो गई है, मुख्य अतिथि किसे बनाया जाए ? सारी प्रजा टकटकी लगाए राम की ओर देखने लगी । राम ने कहा भरत अगर किसी को एतराज न हो, तो राज्याभिषेक का मुख्य अतिथि अपने एक मित्र को बनाना चाहते हैं उसका हमारे ऊपर एक कर्ज भी है। कथा व्यास ने कहा कि- भरत बड़ी उत्सुकता से पूछा कि- भैया वह भाग्यशाली कौन है ? । राम ने कहा गंगा पार कराने वाला केवट । उसका एक उधार भी बाकी है। उसका सम्मान करके चुकाने का प्रयास करूंगा। उक्त अवसर पर संतोष पांडे, गणेश निषाद, ब्रह्मानंद निषाद, प्रदीप सिंह, राम सबद, रामचल चौरसिया, लव कुश, शिवम सिंह, विशाल सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।
चाहे वह बड़े पद पर बैठा कोई खास व्यक्ति हो या फिर दलित परिवार में पैदा हुआ गंगा घाट का एक मांझी । उक्त- बातें वृंदावन धाम से पधारीं रुक्मिणी शास्त्री ने कही । वह घघसरा नगर पंचायत के ग्राम कुसमा खुर्द में श्री रूद्र महायज्ञ के दूसरे दिन व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा रसपान करा रही थीं । उन्होंने कहा कि 14 वर्ष के बाद जब राम अयोध्या लौटे तो भरत ने अपने भाई का बहुत स्वागत किया और कहा भैया आपके राज्याभिषेक की तैयारी पूरी हो गई है, मुख्य अतिथि किसे बनाया जाए ? सारी प्रजा टकटकी लगाए राम की ओर देखने लगी । राम ने कहा भरत अगर किसी को एतराज न हो, तो राज्याभिषेक का मुख्य अतिथि अपने एक मित्र को बनाना चाहते हैं उसका हमारे ऊपर एक कर्ज भी है। कथा व्यास ने कहा कि- भरत बड़ी उत्सुकता से पूछा कि- भैया वह भाग्यशाली कौन है ? । राम ने कहा गंगा पार कराने वाला केवट । उसका एक उधार भी बाकी है। उसका सम्मान करके चुकाने का प्रयास करूंगा। उक्त अवसर पर संतोष पांडे, गणेश निषाद, ब्रह्मानंद निषाद, प्रदीप सिंह, राम सबद, रामचल चौरसिया, लव कुश, शिवम सिंह, विशाल सिंह समेत कई लोग मौजूद थे।
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