क़ुरआन-ए-पाक में है हिदायत : मौलाना रियाजुद्दीन
गोरखपुर। रविवार को मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाज़ार में खत्मे कुरआन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कारी सरफुद्दीन मिस्बाही की निगरानी में मो. अमान, मो. अली, मो. अबू तलहा, मो. हारून, अब्दुल रज्जाक, अब्दुल वाहिद रजा, मो. अनस रजा, मो. अरमान अली, मो. इस्माईल कादरी ने क़ुरआन-ए-पाक मुकम्मल किया। कैसर रज़ा ने नात-ए-पाक पेश की।
अध्यक्षता करते हुए मौलाना रियाजुद्दीन क़ादरी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक में सभी लोगों के लिए हिदायत है। यह किताब ज़िंदगी गुजारने का तरीक़ा बताती है। यह किताब अच्छे बुरे में फर्क व तमीज करती है। यह अल्लाह की किताब है। कलाम भी है और सिफत भी। इसके एक-एक हुरूफ पढ़ने पर दस नेकियां मिलती है। इस किताब का तर्जुमा व मतलब भी जरुर पढ़ा जाए या अहले सुन्नत के आलिमों से मालूम किया जाए। कुरआन और हदीस की तालीमात पर पूरी तरह अमल करें। आखिरत की तैयारी करें। नमाजों को उनके वक्तों पर अदा करने की पाबंदी करें।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। कार्यक्रम मेें हाफिज़ नजरे आलम कादरी, मुफ़्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी, हाफिज रेयाज अहमद, नवेद आलम, कारी इसहाक, कारी अबू अहमद, कारी कासिम, मौलाना महमूद रज़ा कादरी, कारी मो. अनस रज़वी, हाफिज रहमत अली, अनस रजा, हाफिज अलकमा, हाफिज गुलाम जीलानी मौजूद रहे।
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