फ़िज़ी महिला ने 129 वर्ष बाद अपने बिछड़े परिवार से मिलने पहुंची भारत,भाऊक हुआ! शाही परिवार
गोला गोरखपुर !बांसगांव संदेश! सन् 1894 ई० मे गोरखपुर से गरीब शाह हैरेश फोर्ड नामक जहाज से फिजी के लिए रवाना हुए थे उसके बाद कभी भी उनका परिवार भारत वापसी नहीं किया लेकिन गरीब शाह की परनातिन अरून लता को पता चला की मै भारत की मूल निवासी हू तो अरून लता के मन मे अपनी मातृ भूमि व खानदान से मिलने की ललक काफ़ी सताने लगी अरुन लता ने अप्रवासी भारतीयों से सम्पर्क करना शुरु कर दी। कुछ अप्रवासी भारतीयों के द्वारा पता चला की सन 1894 का साक्ष आस्ट्रेलिया के नेशनल लाइब्रेरी मे मौजूद है उसने बिना देर किये अपने परनाना गरीब शाह से सम्बन्धित कागजात ढूढ़ निकली जिसमे नाम पता व तस्वीर की पुष्टि हुई की गरीब शाह गोरखपुर के निवासी थे अरून लता ने अपने पति अनिल नारायन राय के साथ 14 फरवरी को फिजी से फ्लाइट के जरिये दिल्ली पहुंची फिर गोरखपुर पर्यटन विभाग से सम्पर्क की लेकिन गरीब शाह से सम्बन्धित कोई ठोस प्रमाण नही मिला फ़िर भी अरून लता ने हार नही मानी वहां से फ़िर राजश्व विभाग पहुंची जहां पर गरीब शाह के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हुई की बड़हलगंज ब्लॉक के ग्राम पूरे निवासी थे फिजी महिला अरुन लता ने 4 मार्च को ग्राम पूरे पहुंची और गावं के लोंगो के समाने रामगरीब शाही के खानदान से सम्बन्धित कुछ कागज़ात व तस्वीर दिखाई जिससे गावं के बुजुर्गों ने बताया की गरीब शाह के खानदान के लोग वर्तमान में ग्राम ददरी मे रहते है फिजी महिला ने ददरी के लिए निकल गयी दादरी गावं के निकट गुरुकुल महाविद्यालय गेट पर लगे बाबू अनिरुद्ध शाही की तस्वीर को देख कर कार चालक को तुरंत रोक दिया और हाथ मे लिए गरीब शाह की तस्वीर और बाबू अनिरुद्ध शाही की तस्वीर को एक टक निहार कर फूट फूट कर रोने लगी क्योकि वह तस्वीर किसी और की नहीं बल्कि बाबू अनिरुद्ध शाही के खानदान की थी फिजी महिला भाउक भरी लफ्जों में राहगीरों से घर की जानकारी ली और घर पर पहुंच कर राम गरीब शाही से सम्बन्धित पूरी जानकारी दी और गरीब शाही की तस्वीर दिखाई जिससे पूरा शाही परिवार भाऊक हो गया सभी परिवार के लोग एक दूसरे को गले लगाकर फूट फूट रोने लगे और 129 वर्ष बाद बिछड़े परिवार का मिलन एक अद्भुत दृश्य था।
फ़िज़ी महिला अरून लता व उनके पति अनिल नारायन राय का आरती कर स्वागत किया गया
शाही परिवार के जयप्रकाश शाही, डा० विपिन शाही सहित अन्य लोग मौके पर मौजूद रहे। फ़िज़ी महिला को देखने व दर्द भरी दाँसता सुनने के लिए गावं के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा
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