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    केआईपीएम ने मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के 5 विभागों के साथ रहा शामिल

    केआईपीएम ने मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के 5 विभागों के साथ रहा शामिल केआईपीएम कॉलेज ऑफ ईजिनियरिंग टेक्नोलॉजी गिडा गोरखपुर, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्‍वविद्यालय एवं इंडियन डिसलिनेशन एसोसिएशन (INDA) के तत्‍वावधान में सतत विकास के लिए डिसलिनेशन, ऊर्जा, पर्यावरण और सामग्री विज्ञान में फ्रंटियर्स एफईईएमएसएसडी-2023 विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।


    इस इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस में केआईपीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के साथ मदन मोहन मालवीय विश्‍वविद्यालय के पांच विभाग मैकेनिकल, सिविल, रसायन, रसायन इंजीनियरिंग, फार्मेसी शामिल रहा। इस कॉन्‍फ्रेंस में प्रोफेसर जेपी पांडेय, कुलपति मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्‍वविद्यालय, इंजीनियर आरडी सिंह चेयरमैन केआईपीएम गीडा, प्रोफेसर एसपी चौरसिया अध्‍यक्ष आईएनडीए की गौरवमयी उपस्थित रहे। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ सस्‍कैचवन कनाडा के डा. अजय के. दलाई, दक्षिण कोरिया के एमओकेपीओ यूनिवर्सिटी के डा. ताई ऊ कीम, आईआईटी बॉम्‍बे के प्रोफेसर विनय श्रीवास्‍तव के अलावा अन्‍य देशों के शोधकर्ताओं ने अपने द्वारा किए गए शोध की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। इस कांफ्रेंस में देश विदेश के विभिन्‍न टेक्निकल विभाग के छात्रों द्वारा अपना शोध प्रस्‍तुत किया गया। इस इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस में जल/अपशिष्ट जल उपचार और स्थिरता के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियां, जल संसाधन प्रबंधन जल नीतियां और योजना, झिल्ली और थर्मल विलवणीकरण परमाणु/सौर/नवीकरणीय ऊर्जा विलवणीकरण, और अस्वीकार/अपशिष्ट, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) रणनीति प्रबंधन, जल प्रबंधन में अपशिष्ट जल उपचार, पुनर्प्राप्ति और पुन: उपयोग अर्थशास्त्र और वित्तपोषण पहलू, आकलन। निगरानी। जल प्रबंधन क्षेत्र में मॉडलिंग और पूर्वानुमान, जल शोधन के लिए उन्नत सामग्री, जल शोधन जल से ऊर्जा उत्पादन प्रौद्योगिकियों और जल-ऊर्जा में नैनो प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग, बंधन, नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन, ऊर्जा भंडारण के लिए सामग्री ऊर्जा और पर्यावरण में नैनो सामग्री ऊर्जा पर्यावरण और सामग्री विज्ञान में रसायन विज्ञान, वायु और ध्वनि प्रदूषण, सतत निर्माण सामग्री में अग्रिम, निर्माण में अपशिष्ट सामग्री का उपयोग के विषयों पर विस्‍तृत चर्चा हुई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में केआईपीएम संस्था के सचिव श्री विनोद सिंह, अपर निदेशक डॉक्टर जाहिद रियाज खान, इंजी. प्रतीक शाही, इंजी. विवेक सिंह, इंजी.राहुल पटेल के साथ एमएमएमयूटी के डॉ प्रशांत सैनी, डॉ विट्ठल गोले, डॉ रवि शंकर, डॉ प्रतीक खरे एवं डॉ ज्योति का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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