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    रमज़ान शरीफ का फैजान जारी, नमाज के साथ हो रही तिलावत

    रमज़ान शरीफ का फैजान जारी, नमाज के साथ हो रही तिलावत 

    गोरखपुर। रमज़ान शरीफ का फैजान जारी है। अल्लाह की इबादत में रोजेदार व्यस्त हैं। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हो रही है। तरावीह की नमाज में भीड़ उमड़ रही है। अल्लाह भी रोजेदार की इबादत से राजी है, इसी लिए तो रोजेदार के लिए तमाम नेमत है। रोजेदार का हर काम खाना, पीना, सोना, उठना, बैठन, सांस लेना सब इबादत में गिना जा रहा है। अल्लाह का खास फज्ल रोजेदार पर हो रहा है। पाक रमजान की बरकत चल रही है। सभी फैजयाब हो रहे है। 
    मस्जिदों में चल रहे रमज़ान के विशेष दर्स के तीसरे दिन रविवार को रमज़ान के फजाइल के साथ हजरत फातिमा जहरा रजियल्लाहु अन्हा की जिंदगी पर रोशनी डाली गई। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रज़ा कादरी व मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर में कारी मो. अफजल बरकाती ने बताया कि पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बेटी, हजरत अली की बीवी हजरत फातिमा जहरा रजियल्लाहु अन्हा का निधन 3 रमज़ानुल मुबारक को हुआ था। आपकी ज़िंदगी हम सभी खासकर औरतों के लिए ऐसी नजीर है, जिस पर अमल करते हुए अपनी ज़िंदगी को खूबसूरत बनाया जा सकता है। हजरत फातिमा ने अपनी पूरी ज़िंदगी अल्लाह की इबादत में गुजार दी। वालिद, शौहर, बेटों के साथ उनका जो सुलूक रहा, वह आज भी एक नमूना-ए-हयात बना हुआ है। आपने जिस तरह ज़िंदगी गुजारी, बच्चों की परवरिश, पड़ोसियों का ख्याल रखा वह एक मिसाल है। 

    नखास स्थित होटल, रेती, घंटाघर, शाह मारूफ, उर्दू बाजार, जाफरा बाजार, रसूलपुर, इलाहीबाग, पिपरापुर, जाहिदाबाद, गोरखनाथ, तुर्कमानपुर आदि की फिजा इफ्तार की खुशबू से महक रही है। यहां इफ्तार के लिए लजीज ज़ायकेदार व्यंजन तैयार हो रहा हैं। 

    रोजा खजूर, छुहारा या पानी से खोलें : मुफ़्ती मेराज 

    मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने बताया कि पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि हमेशा लोग खैर के साथ रहेंगे जब तक इफ्तार में जल्दी करेंगे। जैसे ही सूर्यास्त का यकीन हो जाए बिला देर किए खजूर या पानी वगैरा से रोजा खोल लें। रोजा खोलकर दुआ मांगें। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया कि मेरी उम्मत मेरी सुन्नत पर रहेगी जब तक इफ्तार में सितारों का इंतजार न करेगी। इस हदीस पाक में भी इफ्तार में जल्दी करने की ताकीद फरमाई गई है और यह खुशखबरी भी दी गई है कि जब तक मेरी उम्मत इफ्तार में जल्दी करेगी मेरी सुन्नत पर कायम रहेगी। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया कि जब तुम में कोई रोजा इफ्तार करें तो खजूर या छुहारे से इफ्तार करे कि वह बरकत है और अगर न मिले तो पानी से कि वह पाक करने वाला है। इस हदीस से यह तरगीब दिलायी गई है कि हो सके तो खजूर या छुहारा ही से रोजा इफ्तार किया जाए कि यह सुन्नत है और अगर खजूर मयस्सर न हो तो फिर पानी से इफ्तार कर लो कि यह भी पाक करने वाला है। 

    इफ्तार के समय दुआ जरूर कबूल होती है : मौलाना अली अहमद 

    सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर के इमाम मौलाना अली अहमद ने बताया कि इफ्तार के समय की दुआ कबूल होती है। रोजादार कितना खुश नसीब होता है कि हर समय  अल्लाह की रज़ा हासिल करता रहता है। यहां तक कि जब इफ्तार का समय आता है तो उस समय वह जो कुछ भी दुआ मांगता है अल्लाह उसे अपने फज्लो करम से कबूल फरमाता है। पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खजूर से रोजा इफ्तार फरमाते। तर खजूरें न होती तो चंद खुश्क खजूरों यानी छुहारों से और अगर यह भी न होती तो चन्द चुल्लू पानी पीते। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया कि जिसने हलाल खाने या पीने से किसी मुसलमान को रोजा इफ्तार कराया, फरिश्ते माह-ए-रमजान में उसके लिए अस्तगफार करते है। पैग़ंबरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि तीन शख्सों की दुआ रद्द नहीं होती। एक रोजेदार की इफ्तार के समय। दूसरी बादशाहे आदिल की। तीसरे मजलूम की। इन तीनों की दुआ अल्लाह बादलों से भी ऊपर उठा लेता है, और आसमान के दरवाजे उसके लिए खुल जाते है। अल्लाह फरमाता है मुझे मेरी इज्जत की कसम! मैं तेरी जरूर मदद फरमाऊंगा। 
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    बच्चे को दूध पिलाने से न रोज़ा टूटता है, न ही वुजू: उलमा किराम

    गोरखपुर। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर रविवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। इन नम्बरों पर आप भी सवाल कर जवाब हासिल कर सकते हैं :  9956971232, 7860799059, 8896678117, 7388095737, 8563077292, 8249333347, 9598348521, 9616089661

    1. सवाल : रोज़े की हालत में बच्चे को दूध पिलाना कैसा क्या इससे रोज़ा टूट जाएगा? (मिस्बाह, रसूलपुर)

    जवाब : नहीं। रोज़े की हालत में बच्चे को दूध पिलाने में कोई हर्ज नहीं न ही इससे रोज़ा टूटता है और न ही वुजू। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)

    2. सवाल : क्या खूनी बवासीर से रोज़ा टूट जाता है? (शादाब, बड़गो)

    जवाब : नहीं खूनी बवासीर से रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ता। (मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी)
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