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    गौ आधारित प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढायें : शिवसागर तिवारी


    गौ आधारित प्राकृतिक खेती  से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढायें : शिवसागर तिवारी

    पौष्टिक भोजन व उत्तम स्वास्थ्य का आधार है श्रीअन्न- राजेश सिंह राजन

    कौडी़राम गोरखपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक न्याय सप्ताह के अंतर्गत भाजपा किसान मोर्चा द्वारा 9 अप्रैल को देशभर में मंडल स्तर पर कार्यकर्ता और किसान भाइयों के साथ गौ आधारित प्राकृतिक खेती और सृजन योजना हेतु जन जागरण पैदल मार्च किया गया। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत कौड़ीराम विकासखंड अंतर्गत भींटी बेलीपार में स्थित मोती लाल इंटर कॉलेज में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिवसागर तिवारी रहे। उन्होंने कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है एवं सिंचाई का अंतराल भी बढ़ जाता है तथा रासायनिक खाद पर निर्भरता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अथक प्रयासों से वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है। भारत में मिलेट्स के अंतर्गत ज्वार बाजरा रागी कंगनी कुटकी कोदो वरिगा और सांवा शामिल है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार मिलेट्स को लेकर प्रयास एवं स्वास्थ्य संबंधी और पर्यावरण लाभों के बारे में जागरूकता से प्रेरित है साथ ही छोटे किसानों को लाभ पहुंचाना भी एक उद्देश्य है। वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला महामंत्री किसान मोर्चा राजेश सिंह राजन ने कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती से फसल की लागत में कमी आती है तथा फसलों की उत्पादकता बढ़ जाती है इसमें देसी गाय के गोबर और पौधों के अर्क का मुख्यता उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती के पंचामृत में जीवामृत, बीजामृत, आच्छादन, वाफसा और इंटरक्रॉपिंग आते हैं। श्री सिंह ने कहा कि पौष्टिक भोजन और उत्तम स्वास्थ्य का आधार है श्री अन्न। देश में मोटा अनाज मूल्यवर्धन श्रृंखला में अब सैकड़ों स्टार्ट अप क्रियाशील हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि  श्रीअन्न फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत होते हैं, यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन फ्री होते हैं इसलिए ये ग्लूटेन इंटोलेरेंट लोगों के लिए उपयुक्त खाद्य पदार्थ है। श्री सिंह ने कहा कि श्री अन्न को विभिन्न प्रकार की मृदा और जलवायु में उगाया जा सकता है जिससे वे किसानों के लिए एक बहुमुखी फसल का विकल्प निर्माण करते हैं। भारत विश्व में मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यह वैश्विक उत्पादन में 20 परसेंट और एशिया के उत्पादन मे 80 परसेंट की हिस्सेदारी रखता है। कार्यक्रम में ब्रह्मानंद शुक्ला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा मंडल कौड़ीराम, शशि बिंदु पाण्डेय, चांदसेन पाण्डेय, अशोक जायसवाल, आस्कंद यादव एवं पदाधिकारी एवं सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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