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    रमज़ान का तीसरा जुमा : अल्लाह की इबादत कर मांगी दुआ

    रमज़ान का तीसरा जुमा : अल्लाह की इबादत कर मांगी दुआ

    गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान के तीसरे जुमा की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में काफी भीड़ उमड़ी। सभी ने मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की। क्या बड़े और क्या छोटे सभी अल्लाह की इबादत में पलके बिछाए दिखे और 15वां रोजा रखकर अपनी आस्था प्रदर्शित की। रोजेदार रोजा रख कर अल्लाह की दी हुई नेमत का शुक्रिया अदा करने में जुटे रहे। 

    माह-ए-रमज़ान के तीसरे जुमे की नमाज छोटी-बड़ी सभी मस्जिदों में कौमो मिल्लत, मुल्क में अमनो सलामती की दुआ के साथ अदा की गई। घरों में महिलाओं ने इबादत की।

    मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने रमज़ान, जकात, फित्रा, शबे कद्र, एतिकाफ के फजाइल बयान किए। कहा कि अल्लाह ने रमज़ान में इंसानों की रहनुमाई के लिए कुरआन-ए-पाक नाजिल किया। इस माह में सदका व खैरात का बड़ा महत्व है। जकात, सदका-ए-फित्र गरीब तबके के कल्याण और सेवा के लिए किया जाता है। लिहाजा जल्द से जल्द जकात, सदका-ए-फित्र अदा कर अपने कर्तव्यों का पालन करें। 

    चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि मगफिरत के अशरे में चंद दिन बचे हुए है। इसके बाद जहन्नम से आजादी का अशरा शुरु होगा। जिसके शुरु होते ही मस्जिदों में दस दिनों का एतिकाफ भी शुरु हो जाएगा। अंतिम अशरे की ताक रात (21, 23, 25, 27 व 29) में शबे कद्र को पाने के लिए बंदे पूरी रात इबादत करेंगे।

    सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल में मुफ्ती मुनव्वर रजा, गौसिया जामा मस्जिद मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी, मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, सब्जपोश हाउस मस्जिद में हाफिज रहमत अली निजामी आदि ने जुमा की नमाज पढ़ाई। इसके अलावा शहर की सभी मस्जिदों के इमाम ने जुमा का खुतबा दिया व नमाज पढ़ाई। तकरीरों में रमज़ान के फजाइल बयान किए गए। पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व अहले बैत पर सलातो-सलाम का नजराना पेश किया गया। शाम को सबने मिलकर इफ्तार किया। बाजार में ईद की खरीदारी जारी है।
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    एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है : उलमा किराम

    गोरखपुर। तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर शुक्रवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। 

    1. सवाल : नमाज़े इशा से पहले तरावीह पढ़ना कैसा? (नवाज, जाफरा बाजार)
    जवाब : इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद ही तरावीह का वक्त होता है बगैर फर्ज़-ए-इशा पढ़े तरावीह पढ़ना दुरुस्त नहीं अगर किसी शख़्स की नमाज़े इशा छूट गई हो तो पहले इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ ले फिर तरावीह में शरीक हो और आखिर में तरावीह की जो रकातें छूटी हों उन्हें खुद से पढ़ कर बीस रकअतें पूरा कर ले। (कारी मो. अनस)

    2. सवाल : क्या एनीमा लगवाने से रोजा टूट जाता है? (कैफ, तुर्कमानपुर)
    जवाब : हां। एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है। (मुफ्ती मो.  अजहर)

    3. सवाल : औरतों का रोज़े की हालत में लिपस्टिक लगाना कैसा? (यासमीन, बसंतपुर)
    जवाब : जायज है बशर्ते कि उसके जर्रात मुंह में न जाएं। इसी तरह चेहरे या होंठों पर कोई लोशन या क्रीम से भी रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ता। ताहम बचना बेहतर है। (मुफ्ती मेराज)

    4. सवाल : क्या रोज़े की हालत में आंखों में लेंस लगवा सकते हैं? (मुबस्सिर, रेती)
    जवाब : हां लगवा सकते हैं इससे रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा। (मौलाना जहांगीर)

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