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    बड़े माफियाओं पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, छोटे अपराधों की अनदेखी


    *बड़े माफियाओं पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, छोटे अपराधों की अनदेखी*

    *अपराध की नर्सरी के नाम से जाना जाता है राजघाट थाना क्षेत्र*

    *अपराध की नर्सरी की अनदेखी से नही घट रहा अपराध का ग्राफ*

    *उच्च अधिकारियों की मंशा पर पानी फेर रहे हैं नीचे के पुलिस अधिकार 
    गोरखपुर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जबसे प्रदेश की कमान संभाली तबसे बड़े बड़े माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करके उन्हें मिट्टी में मिलाने का काम किया लोगों में कानून के प्रति विश्वास भी पैदा हुआ और अपराध से अर्जित की गई संपत्तियों पर बाबा का बुलडोजर भी चला, लेकिन अपराध की नर्सरी में पैदा हो रहे युवाओं की अनदेखी की वजह से अब कम उम्र के युवा पीढ़ी अपराध करने से हिचक नहीं रहेगी चाहे माफिया अतीक व अशरफ के हत्यारों हो या  लखनऊ कोर्ट में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा जैसे शूटर की हत्या करने में कम उम्र की युवा ने ही इस घटना को अंजाम दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार प्रदेश के आला अधिकारी बड़े माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करके संदेश भी दे रहे हैं कि अपराधी चाहे कितना ही बड़ा और रसूख वाला ही क्यों ना हो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है और अपराध से अर्जित किए गए धन से तैयार अकूत संपत्ति पर  जब्तीकरण व ध्वस्तीकरण की भी कार्रवाई चल रही है और इनके शरणदाताओं की कुंडली भी पुलिस खंगाल रही है लेकिन वही उच्च अधिकारियों की मंशा पर उनके ही नीचे के पुलिस अधिकारी पानी फेर रहे है। अपराध की नर्सरी में पैदा हो रहे अपराधियों की अनदेखी की वजह से अपराध का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। जिले की पुलिस ने टॉप टेन अपराधी की सूची में शामिल सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव  व अजीत शाही जैसे बड़े माफियाओं पर पुलिस ने अपनी निगाह तिरछी की तो उनका सफाया भी शुरू हो गया है बहुत से माफियाओं ने तो पुलिस के डर से पुराने मुकदमे में जमानत कैंसिल करा कर अपने आप को कोर्ट में आत्मसमर्पण भी कर दिया लेकिन जब अपराध की नर्सरी में पल रहे युवाओं पर पुलिस ध्यान नहीं देगी तो यही युवा आगे चलकर बड़े अपराधी बनेंगे और पुलिस के लिए एक दिन सिरदर्द पैदा करेंगे।

    ऐसा ही एक मामला राजघाट थाना क्षेत्र में 10 जून को घटित हुआ तुर्कमानपुर के रहने वाले परवेज अहमद अपनी दुकान बंद कर घर जा रहे थे कि रास्ते में मनबढ़ युवाओं ने उन्हें रोककर मारा-पीटा गाली गलौज किया और उनके जेब मे रखा ₹250 रुपये छीन लिया । पीड़ित ने इस संबंध में राजघाट थाने पर 10 जून 2023 की रात 10:30 बजे थाने पर तहरीर दी लेकिन पुलिस की उदासीनता की वजह से थाने के जिम्मेदार लोगों ने उस शिकायत को संज्ञान लेना तो दूर एक बार घटनास्थल का निरीक्षण भी नहीं किया ना ही उसकी जांच पड़ताल की ऐसे ही छोटे-छोटे अपराध करने वाले लोग एक दिन बड़ी घटना को अंजाम देते हैं तब पुलिस के लिए यही अपराधी सिरदर्द बन जाते हैं और सरकार की छवि इन्हीं चंद पुलिसकर्मियों की वजह से विपक्षियों को सरकार को घेरने का मौका मिलता है।गौरतलब है कि राजघाट थाना क्षेत्र अवैध कच्ची शराब और नशे के कारोबार का गढ़ माना जाता है और चोरी जैसी घटना को कम उम्र के युवा अंजाम देते हैं। एसएसपी की सूची में राजघाट थाने के बहुत से एचएस का भी नाम है।

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