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    मुन्नत अदब वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह





    *मुन्नत अदब वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह*
    *साहित्यिक क्षेत्र में गोरखपुर शहर अपनी एक अलग पहचान रखता है - मेयर मंगलेश श्रीवास्तव 
     गोरखपुर मुन्नत अदब वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में बुधवार को नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम व कवि सम्मेलन का आयोजन पुष्पांजलि मैरिज हॉल गेहूंआ सागर रोड रूस्तमपुर गोरखपुर में आयोजित किया गया |
    महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंदगिरी, योगी सोमनाथ जी,नंदू मिश्रा,राकेश श्रीवास्तव, डॉ दलजीत सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया | इस अवसर पर गोरखपुर शहर के नवनिर्वाचित मेयर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव का नागरिक अभिनंदन भी किया गया साथ ही साथ एक शाम डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव के नाम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता गोरखपुर शहर के पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण कुमार विश्नोई ने की साथ ही साथ उन्होंने कहा कि शायरी और कविता सुनने के बाद इंसान मंद मुक्त हो जाता है |
    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोरखपुर शहर के नवनिर्वाचित मेयर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर शहर साहित्य क्षेत्र में एक अलग पहचान रखता है क्योंकि गोरखपुर शहर के साहित्यकारों ने साहित्यिक क्षेत्र में समय-समय पर निरंतर अनुत्क्रमणीय योगदान दिया है | कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संगीत नाटक एकेडमी के सदस्य राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि कवि सम्मेलन आपकी भाईचारे को बढ़ावा देते हैं |
    साथ ही साथ पुष्पदंत जैन, सरदार जसपाल सिंह आदि ने भी संबोधित किया |
    कार्यक्रम का संचालन करते हुए मिन्नत गोरखपुरी ने जैसे ही पढा,
    सजा के अपने घर में गीता और कुरान रखते हैं,
    जहां पर राम रखते हैं वही रहमान रखते हैं ||
    लोगों ने खूब तालियां बजाई 
    प्रमोद चोखानी ने पढ़ा,
    लगेंगी ठोकरें तो क्या,
    तुझे मंज़िल को है पाना ||
    डॉक्टर दिलशाद गोरखपुरी ने पढ़ा,
    गुल्लू को जिस तरह से तितलियां आवाज देती है, 
    हमें कॉलेज की सारी लड़कियां आवाज देती है ||
    सुम्बुल‌ हाशमी गोरखपुरी ने पढ़ा,
    मैं कलंदर  हु तंग  दस्ती  में
    ज़िन्दगी जी रहा हूं मस्ती में
    आशिया गोरखपुरी ने पढ़ा,
    है मोहम्मद मति जहां अपना 
    राम ही राम है हमारे लिए ||
    श्वेता सिंह ने पढ़ा ,
    मैं एक नारी हूं,क्या यही खता मेरी,
    कहीं दुर्गा कहीं काली,कहींअबला कहीं बेचारी ||
    आरके भट्ट "बावरा" कुशीनगर ने पढ़ा,
    तुझको देखा तो,मुझको याद आया।
    वो ज़माना ज़माने बाद आया।।
    उत्कर्ष शुक्ला "रुद्रा" ने पढ़ा,
    तुम तुम्हारी बात को तुम तक ही रखो,
    तुम तुम्ही में जल रहे हो ध्यान रखना।
    शाहीन शेख ने पढ़ा,
    मुख्तसर से वक्त मे मुकम्मल मोहब्बत चाहता है |
    कमबख्त उसमे भी असर चाहता है ||
    साथ ही साथ अंजू विश्वकर्मा "अवि",डॉक्टर चेतना पांडेय, प्रेमनाथ मिश्र ,डॉक्टर सरिता सिंह, कौशल गोरखपुरी, स्मिता श्रीवास्तव आदि ने काव्य पाठ किया |
    कार्यक्रम के आयोजक इमरान खान ने बताया कि इस अवसर पर पार्षद गण विनोद पासवान केसी यादव मीना देवी संगीता देवी भोला निषाद धर्मेंद्र सिंह आदि को सम्मानित किया गया |
    कार्यक्रम के सह संयोजक मोहम्मद कमर राजू बताया कि इस अवसर पर सामाजिक कार्यों में योगदान देने वाले समाजसेवियों को भी सम्मानित किया गया | कार्यक्रम सहसंयोजक मिनहाज सिद्दीकी ने सभी को अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया |
    इस अवसर पर राजेश कुमार गुप्ता रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ गोरखपुर अध्यक्ष (आईएएस) 2009 बैच यूपीएससी आशीष मौर्य पिंटू,रूपेश श्रीवास्तव,सैय्यद इरशाद अहमद,हाजी सोहराब खान आदि मौजूद रहे |

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