इमामबाड़े इस्टेट में लगा बैरक
25 जिलहिज्जा (बकरीद) के दिन कर्बला के मैदान में इमामे हुसैन अपने 72 साथियों के साथ आज ही के दिन पहुंचे थे और आपने वहां पर अपना बैरक (शिविर) लगाया था और यजीद को यह पैगाम दिया था कि बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में अपनी कुर्बानियों को देने के लिए इमाम हुसैन अपने साथियों के साथ कर्बला के मैदान आ चुके हैं यहां पर उन्होंने एक विशेष प्रकार का झंडा प्रतीक चिन्ह के रूप में लगाया था जिसे बैरक कहा जाता है ठीक उसी की याद में इमामबाड़ा स्टेट में प्रत्येक वर्ष 25 जिलहिज्जा को प्रति कात्मक स्वरूप में बैरक लगाया जाता है यह जानकारी इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के जिला अध्यक्ष सैयद इरशाद अहमद ने दिया
मियां साहब के प्रतिनिधि मंजूर आलम ने बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से आज ही के दिन से कर्बला की जंग की शुरुआत होती है । इस अवसर पर महासचिव हाजी सोहराब खान उपाध्यक्ष शकील शाही मिन्नत गोरखपुरी डॉक्टर वसीम इकबाल शमशाद हुसैन आदि मौजूद रहे|
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