पाली ब्लॉक में बना अमृत सरोवर दिखा आधा अधूरा
*पाली ब्लॉक में बना अमृत सरोवर दिखा आधा अधूरा*
*सीडीओ गोरखपुर संजय मीणा ने कहा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जल्द होगी कार्रवाई*
*पाली विकासखंड के लगभग अनेकों ग्राम पंचायत में अधूरा दिखा अमृत सरोवर*
घघसरा बाजार । बांसगांव संदेश । बांसगांव संदेश संवाददाता सहजनवा तहसील क्षेत्र के पाली ब्लॉक में लाखों की लागत से बना था अमृत सरोवर लगभग दर्जन गांव में करोड़ों से ऊपर रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई वही
अमृत सरोवर का कार्य पिछले वर्ष सन 2022 में ग्रामीण इलाकों में पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा इस योजना को लागू किया गया। हम आपको बता दे जहां एक तरफ सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में हर समस्याओं के समाधान के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में विलुप्त ग्राम प्रधान व सचिव के कारनामों से अधिकारी भी अनजान हैं। हर ग्राम पंचायत में लगभग सभी गांव में बरसों पहले से जो पुराने तालाब और पोखरे थे। उसी पोखरे पर सीढी,चौकी सहित, कार्य के नाम पर खाना पूर्ति किया गया कुछ वही गांव की ग्रामीणों ने बताया हम लोगों के गांव में जो पुराने पोखरे थे। इस पोखरो पर खाली नाम मात्र काम किया गया है। बीते ढाई साल और बचे हैं प्रधानी कार्यकाल को अगर इसी तरह से पोखरे का अधूरा निर्माण कार्य पूरी करने की तैयारी होगी तो पूरा होते-होते प्रधानी कार्यकाल ही समाप्त हो जाएगा। और फिर से वही नया ड्रामा शुरू हो जाएगा। अब देखना यह है कि अमृत सरोवर के अधूरे कार्य बीते ढ़ाई सालों में पूरा होता है। या फिर एक प्रश्नवाचक चिन्ह के तरह ही रह जाएगा। *इस बाबत गोरखपुर सीडीओ संजय मीणा ने बताया जहां भी अनियमित पाई जाएगी उनके खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी*
अमृत सरोवर को लेकर जिम्मेदार पूरी तरह से चुपी साधे हुए दिखाई दे रहे हैं ।
वही जब बरईपार ग्राम पंचायत के सचिव विजय मौर्या से उनके ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के काम के बारे में जानकारी लेना चाहा तो उनका कहना था कि मोबाइल पर हम कुछ नहीं बता सकते आप कार्यालय से पता कर ले सोचने वाली बात है कि सचिव को ही नही पता कि उनकी ग्राम पंचायत में किस कार्य पर कितना धन स्वीकृति हुई है, ग्राम पंचायत के सचिवों से जब उनके आवंटित गांव के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहा गया तो ये सभी लोग कुछ भी कहने से कतराते दिखाई दिये।
वही जब बरईपार ग्राम पंचायत के सचिव विजय मौर्या से उनके ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर के काम के बारे में जानकारी लेना चाहा तो उनका कहना था कि मोबाइल पर हम कुछ नहीं बता सकते आप कार्यालय से पता कर ले सोचने वाली बात है कि सचिव को ही नही पता कि उनकी ग्राम पंचायत में किस कार्य पर कितना धन स्वीकृति हुई है, ग्राम पंचायत के सचिवों से जब उनके आवंटित गांव के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहा गया तो ये सभी लोग कुछ भी कहने से कतराते दिखाई दिये।
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