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    अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद ने ब्लड बैंक प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप जांच की मांग की

    *अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद ने ब्लड बैंक प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप जांच की मांग की*

     *निशुल्क रक्तदान को रुपए लेकर बेचने के लगाए गए गंभीर आरोप* 



     *उत्तर प्रदेश/हरदोई।* स्थानीय  मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर पवन गुप्ता की करगुजारियों की शिकायत अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद के बैनर तले दर्जनों अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर की है तथा प्रशासनिक जांच की मांग करते हुए डॉo पवन गुप्ता को हटाने की मांग की है अधिवक्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिला अधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में प्रभारी के रूप में तैनात डॉक्टर पवन गुप्ता पर बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं अधिवक्ताओं का आरोप है कि डॉक्टर पवन गुप्ता अस्पताल की पैथोलॉजी से जांच करने के बजाय धर्मशाला रोड स्थित एक पैथोलॉजी से जांच कराने का नाजायज दबाव मरीजों पर डालते हैं।
    संयुक्त अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव सेवक गुप्त ने प्रेषित ज्ञापन में कहा कि वह दिनांक 21 जुलाई 2023 को जिला अस्पताल में  अपने को दिखाने ओपीडी में गया था जहां डॉक्टर ने प्रार्थी के परचे पर पर कुछ जांच लिख दी जिन्हें कराने के लिए वह जा रहा था तभी रास्ते में एक डॉक्टर मरीज के पर्चे देख रहे थे उन्होंने अपने को डॉक्टर पवन गुप्ता बताते हुए परचे पर लिखी जांच दिखाने को कहा जब प्रार्थी ने पर्चा दिखाया तो उन्होंने कहा कि यह जांच यहां नहीं होगी आप धर्मशाला रोड पर स्थित एक पैथोलॉजी का नाम बताते हुए कहा कि उस पर चले जाओ और हमारा नाम बता देना तो पैसे भी कम लगेंगे। इसके बाद पता किया तो पता लगा कि डॉक्टर यही जिला अस्पताल में तैनात हैं और कमीशन के चक्कर में मरीजों को प्राइवेट जांच  के लिए भेजते रहते हैं इसके बाद प्रार्थी ने उसी दिन पैथोलॉजी में ब्लड सैंपल देकर इसकी शिकायत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से की लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई करने के बजाय मिल लेने की बात कही।
    ज्ञापन में अभी कहा गया है कि डॉक्टर पवन गुप्ता ब्लड बैंक के प्रभारी होने के नाते निशुल्क होने वाले रक्तदान को  बिकवाने में भी माहिर है और उनकी देखरेख में खून बेचने का धंधा खूब फल फूल रहा है ज्ञापन में कहा गया है कि यदि डॉक्टर पवन गुप्ता को हटाकर ब्लड बैंक की प्रशासनिक अधिकारियों से जांच कराई जाए तो  खून बेचने का बड़ा स्कैम खुल सकता है ज्ञापन में कहा गया जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा कराई गई जांच केवल लीपा पोती तक ही सीमित होती है वह केवल अपने चिकित्सक और कर्मचारियों को बचाने में पूरा जोर लगा देते हैं डॉ पवन गुप्ता के कार्यकाल में प्राइवेट नर्सिंग होम को दिए गए ब्लड के डोनर और रोगी के बारे में यदि गहराई से जांच पड़ताल की जाए तो यह खून बेचने का गोरख धंधा सामने आ सकता है साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि जब डॉक्टर गुप्ता मेडिकल कॉलेज के स्थाई चिकित्सक हैं तो यह किसी बाहरी  पैथोलॉजी पर किस हैसियत से जांच करते हैं? इसकी भी जांच गहराई से की जाए ज्ञापन के अंत में कहा गया है कि मामले की जांच ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर पवन गुप्ता को हटाकर किसी प्रशासनिक अधिकारी से कराई जाए जिससे कि डॉक्टर पवन गुप्ता द्वारा चलाए जा रहा है ब्लड बिक्री घोटाले का पर्दा फाश हो सके ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष ओम कुमार एड प्रदेश महामंत्री हरपाल सिंह  जिला जिलाउपाध्यक्ष दिनेश चंद्र त्यागी कौशलेन्द्र दिक्षित ,एडवोकेट जिला सचिव देवदत्त भास्कर एडवोकेट सचिव कमलेश वर्मा एडवोकेट जिला सचिव किशोर एडवोकेट वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील वर्मा एडवोकेट तथा राकेश बाबू एडवोकेट शामिल है।

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