माताएं हलषष्ठी का व्रत रखकर अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए किया पूजन-अर्चन
माताएं हलषष्ठी का व्रत रखकर अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए किया पूजन-अर्चन
कौड़ीराम गोरखपुर।माताएं हलषष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु की प्राप्ति के रखती हैं।इस दिन व्रत के दौरान वह कोई अनाज नहीं खाती हैं।बता दें कि महुआ की दातुन करती हैं।हलषष्ठी व्रत में हल से जुती हुई अनाज और सब्जियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता।इस व्रत में वही चीजें खाई जाती हैं जो तालाब में पैदा होती हैं।जैसे तिन्नी का चावल, केर्मुआ का साग, पसही के चावल खाकर आदि। इस व्रत में गाय के किसी भी उत्पाद जैसे दूध,दही, गोबर आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हलषष्ठी व्रत में भैंस का दूध, दही और घी का उपयोग किया जाता है।
हल षष्ठी व्रत महिलायें अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए रखती हैं।धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान हलधर उनके पुत्रों को लंबी आयु प्रदान करते हैं।बांसगांव तहसील कौड़ीराम क्षेत्र के धस्की गांव की महिलाएं अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए बीते मंगलवार को व्रत रखकर कर गांव में ही बनी छठ बेदी पर जाकर पूजन-अर्चन किया।
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