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    इमामे हुसैन की शहादत को किसी धर्म संप्रदाय तक सीमित नहीं रखा जा सकता-सैय्यद इरशाद 

    *इमामे हुसैन की शहादत को किसी धर्म संप्रदाय तक सीमित नहीं रखा जा सकता* 

     
    गोरखपुर। यादगारें  हुसैन मोहर्रम शहादत के बाद चेहल्लुम के पाक मौके पर इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के तत्वाधान में मोहल्ला जफरा बाजार में एक सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता इमामबाड़ा मुतवल्लिआन 
    कमेटी के जिला अध्यक्ष सैयद इरशाद अहमद ने किया । मुख्य अतिथि कारी जमील अहमद मिस्बाही थे संचालन महासचिव हाजी सोहराब खान ने किया सेमिनार का विषय था हजरत इमाम हुसैन सबके हैं क्योंकि हुसैन की शहादत इंसानियत के खातिर रहा जिसे  सिर्फ मजहबे इस्लाम तक सीमित नहीं किया जा सकता है।  इस शहादत से हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई और इस धरती पर विभिन्न धर्म संप्रदाय के लोगों को मोहब्बत का पैगाम फैलाने व मिलजुल कर रहने की इंसानि सिखा भी मिलती है।  इसलिए कहा जाता है कि इमामे हुसैन  सबके है सेमिनार की शुरुआत सूरजकुंड अंबेडकर नगर मस्जिद के पेश इमाम मौलाना तामीर अहमद अजीजी के तिलावत कलाम पाक से हुई तथा हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की जिंदगी पर रोशनी डाली मुख अतिथि हजरत कारी जमील अहमद मिस्बाही ने या हुसैन के नारों के बीच हुसैन सबके है पर अपने ख्यालात का इजहार करते हुए कहा हुसैन व उनके साथियों ने जो करबले की जंग में इंसानियत के खातिर अपना  सर कलम करवा दिया लेकिन जालिम यजीत का फरमान व उसका तख्त व ताज को ठोकर मार दिया  तथा  इनको मानने से इनकार कर दिया । विशिष्ट अतिथि समाजसेवी डॉक्टर एहसान अहमद व मौलाना रियाजुद्दीन कादरी  ने कहा हुसैन की जिंदगी इंसानियत पर न्योछावर हो गई अपना सर कटा कर मोहब्बत व इंसानियत को जिंदा रखा  इस लिए हुसैन सबके है  सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए इमामबाड़ा मुतवल्लिआन कमेटी के जिला अध्यक्ष सैयद इरशाद अहमद ने हुसैन सबके है  विषय पर बोलते हुए  कहां इस आयोजन से  मोहब्बत भाईचारे को बल मिलता है इस तरह के आयोज होना चाहिए इस्लाम जब तक जिंदा है हुसैन का नाम जिंदा रहेगा हुसैन के साथ जो 72 साथियों ने मैदान-ए-जंग  में अपनी शहादत दी हम सभी के प्रति खेराजे अकीदत पेश करते हैं तथा यह बताना चाहते हैं कि हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की कुर्बानियों ने जीवन पर इंसानियत का परचम लहराया वरना अंधेरों से उजाले की और कौन चला हजरत इमाम हुसैन से यजीत के चहेतों  ने कहा कि इधर खजाना है शानो शौकत है तो जवाब में हुसैन ने कहा हमें नाना को मुंह दिखाना है और शानो शौकत वह खजाने को ठोकर मार कर शहादत दे कर इस्लाम को जिंदा कर दिया जब तक दुनिया रहेगी हुसैन की कुर्बानियों को पूरी दुनिया याद रखेगी सेमिनार का संचालन करते हुए कमेटी के महासचिव हाजी सोहराब खान ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इमामबाड़ा मुतवाल्लियान कमेटी सभी का शुक्रिया अदा करती है कि आप लोगों ने अपना कीमती समय इस सेमिनार में दिया इंसानियत वह जुल्म के खातिर जो हजरत इमाम हुसैन ने अपनी कुर्बानी कर्बला के मैदान में दी उसे  पूरे दुनिया  अपने-अपने तरीके से मना कर उन्हें व उनके 72 साथियों को खेराजे अकीदत पेश कर रही है अंत में सेमी सेमिनार को संबोधित करते हुए आकिब अंसारी ने कहा कि इमामबाड़ा मुतवाल्लियान कमेटी का यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है हम कमेटी के सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं और कार्यक्रम का समाप्ति का ऐलान करते हैं 
    सेमिनार में मुख्य रूप से ऑल इंडिया हुमन राइट के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रजी  मौलाना रियाजुद्दीन कादरी   डॉक्टर शकील अहमद शकील शाही आदिल अमीन लड्डन खान आकिब अंसारी हाजी जलालुद्दीन कादरी मोहम्मद अनीस एडवोकेट शहाब सिद्दीकी सनउव्वर खान कबीर आलम आदि लोगों ने शिरकत किया।

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