समाज के आखिरी व्यक्ति का उत्थान चाहते थे पं. दीनदयाल
ब्रह्मपुर गोरखपुर। बांसगांव संदेश। पंडित दीनदयाल ने अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय का अर्थ होता है कि हम समाज में सबसे आखिरी व्यक्ति के उत्थान और विकास को सुनिश्चित करें। उक्त बातें अखिलभाग्य महाविद्यालय रानापार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर आयोजित व्याख्यान में संबोधित करते हुए सहायक आचार्य डॉ. डी.के राव ने कही। उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी कहते थे कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सकता। विकास के लिए हमें सबसे पहले अपनी जड़ों को समझना होगा। कला संकाय प्रभारी योगेंद्र कुमार ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के भारतीय राष्ट्रवाद, हिंदू राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृत की विचार के वजह से ही उनकी जयंती को अंत्योदय दिवस के रुप में मनाते है.
इस अवसर पर डॉ. अनुपम सिंह, डॉ शालिनी सिंह, डॉ. मोहिनी मौर्या, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. हरिलाल, डॉ. रीता रानी, राणा गौरव सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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