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    यूपी शिक्षक भर्ती के बदले नियम ,लिखित परीक्षा के 90 और इंटरव्यू के 10% अंकों पर बनेगी मेरिट लिस्ट

    ➡️ यूपी शिक्षक भर्ती के बदले नियम, लिखित परीक्षा के 90 और इंटरव्यू के 10 प्रतिशत अंकों पर बनेगी मेरिट लिस्ट* 

     *पारदर्शिता के लिए साक्षात्कार में न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम 90 प्रतिशत तक अंक दिए जा सकेंगे* *जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर ही भर्ती की जाएगी* राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों तक शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर ही होगी। 90 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के और 10 प्रतिशत अंक साक्षात्कार के जोड़कर मेरिट सूची बनाई जाएगी। पारदर्शिता के लिए साक्षात्कार में न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम 90 प्रतिशत तक अंक दिए जा सकेंगे। जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर ही भर्ती की जाएगी। यह उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग तय करेगा। परीक्षा दो घंटे की होगी और इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जाएगी। *भर्ती से सबसे बड़ा फेरबदल* बुधवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद इसकी आधिसूचना जारी कर दी गई। यह आयोग प्राथमिक स्कूलों, उच्च प्राथमिक स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों, डिग्री कालेजों, अल्पसंख्यक स्कूल व कालेजों में शिक्षकों के साथ-साथ अनुदेशकों की भर्ती करेगा। नए आयोग की भर्ती से सबसे बड़ा फेरबदल प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के चयन में होगा। यहां अभी तक 60 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा और 40 प्रतिशत अंक शैक्षिक गुणांक के होते थे। *अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में भर्ती के लिए एक अलग विशेषज्ञ पैनल* शैक्षिक गुणांक में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड व बीटीसी के अंक जोड़े जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। वहीं डिग्री कालेजों में प्रचार्यों की भर्ती में लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और शैक्षिक प्रदर्शन सूचक (एपीआइ) के अंक जोड़कर चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट तैयार की जाएगी। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में भर्ती के लिए एक अलग विशेषज्ञ पैनल भी होगा जो पूरी भर्ती प्रक्रिया पर अपनी नजर रखेगा। इस आयोग के अस्तित्व में आने के बाद उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्णकालिक कर्मचारी इस नए आयोग के अधीन कार्य करेंगे। *मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी अध्यक्ष का चयन* उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग के एक अध्यक्ष व 12 सदस्यों के चयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्क्रीङ्क्षनग कमेटी बनाई गई है। अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा इसके सचिव बनाए गए हैं। इसी तरह अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक, माध्यमिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा इसके सदस्य होंगे। विज्ञापन के 25 दिनों के भीतर यह इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगेंगे। अध्यक्ष पद के लिए पांच अभ्यर्थियों व सदस्यों के लिए प्रत्येक पद पर तीन गुणा अभ्यर्थियों के नाम की सूची तैयार करेगी। अंतिम चयनितों की सूची मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जारी की जाएगी। *कुलपति या प्रमुख सचिव स्तर का अधिकारी होगा अध्यक्ष* आयोग के अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख सचिव स्तर का आइएएस अधिकारी, किसी विश्वविद्यालय का कुलपति या पूर्व कुलपति, किसी विश्वविद्यालय का प्रोफेसर जिसका कम से कम 10 वर्ष का अनुभव हो और तीन वर्ष का प्रशासनिक अनुभव हो। वहीं सदस्य के रूप में सचिव स्तर के आइएएस अधिकारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा, संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा स्तर का अधिकारी, अपर निदेशक व्यावसायिक शिक्षा, एक सदस्य न्यायिक सेवा यानी जिला न्यायाधीश स्तर और वहीं छह सदस्य ऐसे होंगे जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। *एनपीएस से पूर्व चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय: संजय द्विवेदी* *2002 में अध्यापकों की भर्ती विज्ञापित की गई थी* *24 दिसम्बर 2004 को परिणाम घोषित किया गया था* *विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित किया जाय* संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संयोजक (आईटी सेल) संजय द्विवेदी ने कहा है कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विज्ञापन संख्या 1/2002 के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त सहायक अध्यापक याचियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से सूचनाओं का संग्रह कर प्रदेश कार्यालय को उपलब्ध कराएं।श्री द्विवेदी मौलाना आजाद इंटर कालेज में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अपने नवीन निर्णय में कहा कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। इसी के साथ कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद की गई है, इस कारण वे नई पेंशन स्कीम में होंगे। कहा गया था कि सभी सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां एक अप्रैल 2005 के बाद की गई हैं। इस कारण वे पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने के हकदार नहीं है। वे नई स्कीम में आते हैं। याचिकाओं में इसे चुनौती दी गई थी। श्री द्विवेदी ने बताया कि याचिकाओं पर अधिवक्ता की दलील थी कि याची के साथ चयनित और नियुक्त अन्य सभी अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है लेकिन याचियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रभावित अन्य शिक्षकों को भी न्यायालय का रास्ता अख्तियार करना चाहिए। श्री द्विवेदी ने कहा है कि प्रदेश के विषय विशेषज्ञ शिक्षक भी 2002 में सेवा में आए थे, उनका आमेलन 2006- 07 में हुआ है, उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक को पत्र लिखा गया है।बैठक में जिलाध्यक्ष महेश राम, जिला मंत्री गिरिजानंद यादव, मोहिबुल्लाह खान, पुनीत कुमार त्रिपाठी सहित अनेक लोग मौजूद रहे। *स्काउट-गाइड संस्था को बदनाम करने वालों को बेनकाब करें -संजय द्विवेदी* *प्रादेशिक चुनाव प्रक्रिया को शून्य घोषित करके पुनः चुनाव कराया जाय* *स्काउट गाइड की शुल्क वृद्धि आदेश को वापस लिया जाय* *सेवानिवृत्त पदाधिकारियों को तत्काल पदों से हटाया जाए* संत कबीर नगर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संयोजक(आईटी सेल) संजय द्विवेदी आरोप लगाया है कि भारत स्काउट गाइड संस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। प्रदेश मुख्यायुक्त प्रभात कुमार(आईएएस) की मनमानी से संस्था की साख को नुकसान हो रहा है। उन्हें तुरंत पद से हटा का फिर से निष्पक्ष चुनाव कराया जाना चाहिए। चुनाव में सभी सक्रिय आजीवन सदस्य को मताधिकार का अधिकार दिया जाय। बढ़ाए गए पंजीकरण व प्रशिक्षण शुल्क को वापस लिया जाय, और प्रदेश के सभी 75 जनपदों में स्काउट गाइड दल पंजीकरण शुल्क, रैली के नाम पर एकत्रित शुल्क व प्रशिक्षण के नाम पर वसूले गए शुल्क की जांच कराई जाय। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री , प्रमुख सचिव, महा निदेशक स्कूल शिक्षा, शिक्षा निदेशक माध्यमिक से की गई है। श्री द्विवेदी ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने भारत स्काउट गाइड संस्था को अपनी जागीर बना लिया है, जो राजनीति करके पवित्र संस्था को बदनाम कर रहे रहे हैं। मंडल व जनपद स्तर पर ऐसे ऐसे लोगों को पदाधिकारी बना दिया गया है जिसका स्काउट गाइड से कोई लेना देना नही है। जनपदों में स्काउट गाइड संस्था अधिकारियों की चापलूसी तक सिमट के रह गया है। प्रदेश, मंडल व जनपद स्तर पर सेवानिवृत्त व निष्क्रिय पदाधिकारियों को तुरंत हटाया जाए।जनपद में जनपदीय स्काउट गाइड संस्था की गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रत्येक विद्यालय अपने पंजीकृत छात्र संख्या के सापेक्ष तीन माह का शुल्क जिला कोश में करते हैं जिससे जनपदीय व मंडलीय रैली होती है उसके अतिरिक्त छात्र छात्राओं से कोई भी शुल्क नही लिया जाता था किंतु इस बार रैली में प्रतिभाग करने वाले बच्चों से 50 रुपया प्रति छात्र शुल्क मांगा जा रहा है।श्री द्विवेदी ने कहा कि स्काउट गाइड संस्था के प्रथम सोपान में 20 रुपया व द्वितीय सोपान के प्रशिक्षण में 30 रुपया शुल्क लगता था जिसे अब बढ़ाकर 50 व 60 रुपया प्रति छात्र कर दिया गया है। वसूल किए गए शुल्क का संस्था के पास कोई हिसाब नही है। *पीडब्ल्यूडी के 1200 कार्मिकों को पांच माह से नहीं दिया वेतन* *डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने सीएम से की शिकायत* *विभाग और शासन एक दूसरे पर थोप रहे हैं प्रकरण को* *डीडीओ आगरा का खाता सीज होने से वेतन भुगतान पर संकट* लखनऊ। विशेष संवाददाता:लोक निर्माण विभाग मुख्यालय तथा जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते आगरा में तैनात विभाग के करीब 1200 कार्मिकों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। शासन और विभाग के स्तर पर इस समस्या से संबंधित पत्र दौड़ाए जा रहे हैं, कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। इस शिथिलता की शिकायत डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से की है।सीएम को भेजे गए पत्र में एनडी द्विवेदी ने लिखा है कि आगरा में इंजीनियरों व अन्य संवर्ग के 1200 कार्मिकों का वेतन भुगतान पांच महीने से नहीं किए जाने से कर्मचारी भुखमरी के कगार पर हैं। विभाग व शासन प्रशासन की उदासीनता के कारण वेतन भुगतान के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। स्थिति यह है कि कर्मचारी त्यौहार मनाना तो दूर रहा अपने बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं भर पा रहे हैं। विभाग और शासन इस मामले को एक दूसरे के ऊपर थोप रहे हैं। इस बीच इलाज के अभाव में चौकीदार रामनाथ का दुखद निधन भी हो गया। मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि कर्मचारियों का वेतन मिल सके इसके लिए संबंधित को निर्देशित करें। *डीडीओ का खाता सीज होने से नहीं मिल रहा वेतन* बताया जाता है कि ठेके से संबंधित एक मामले में कोर्ट ने ठेकेदार को उसका भुगतान करने का आदेश दिया था। इस मामले में आहरण वितरण अधिकारी आगरा (डीडीओ) ने ठेकेदार को 40 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी ब्याज का भुगतान नहीं किए जाने के कारण कोर्ट के आदेश से डीडीओ का खाता सीज कर दिया गया है। खाता खुलवाने की दिशा में विभाग और प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है। *नैक टीम के कार्यों, समस्याओं और अनुभवों पर बनाएं पुस्तिका : आनंदीबेन पटेल* *राज्यपाल से मिलकर नैक में ‘ए प्लस प्लस‘ ग्रेड प्राप्त छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की नैक टीम ने साझा किए अनुभव और उपलब्धि की खुशियां* *राज्यपाल जी के दिशा-निर्देश, कार्यशालाओं और समीक्षाओं ने विश्वविद्यालय की उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त किया-कुलपति, प्रो0 विनय कुमार पाठक* लखनऊ : विशेष संवाददाता।प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से बुधवार को राजभवन में नैक मूल्यांकन में उच्चतम ‘ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर की नैक टीम के सदस्यों ने मिलकर उपलब्धि की खुशियों को साझा किया। नैक टीम के सदस्यों को प्रोत्साहित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उपलब्धि के लिए किए गए कार्यों का व्यापक प्रभाव आगामी सालों में दिखाई पड़ता है। उन्होंने टीम के सदस्यों से उनके कार्य दायित्वों, कार्य सम्पादन की समस्याओं और अनुभवों पर एक बुकलेट बनाने को कहा। सदस्यों को इस पुस्तक को रोचकता के साथ लिखने के लिए प्रेरित किया, जिससे पाठक में जिज्ञासा बढ़े और उसे अंत तक अवश्य पढ़े।राज्यपाल ने टीम के प्रत्येक सदस्य से नैक हेतु उत्तरदायित्व, योगदान, तैयारियों के दौरान बढ़े हुए कार्यभार से पारिवारिक दायित्वों में आयी समस्याओं के साथ-साथ इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय एवं पारिवारिक दृष्टिकोणों में आए परिवर्तनों की जानकारी ली। उत्साह और उपलब्धि गौरव से अभिभूत टीम के सदस्यों ने घरेलू कर्मचारियों से लेकर दूर-दराज गाँवों के रिश्तेदारों तक नैक की जानकारी का प्रसार हो जाने के अनुभव तक राज्यपाल से साझा किए। इस दौरान टीम के सदस्यों ने विशेष रूप से बताया कि बेहद कठिन परिश्रम के बाद ही ये ग्रेड हासिल हो सका है। किसी की सिफारिश से ये ग्रेड नहीं मिलता। पियर टीम ने कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और कार्यों का सत्यापन किया। टीम के सदस्यों ने चर्चाओं में बताया कि प्रायः 9 से रात के 12 बजे तक कार्य होता रहता था, कभी-कभी पूरी रात बैठकर इसके कार्यों को पूरा करना पड़ा, क्यूंकि नैक तैयारियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को पढ़ाने, एडमिशन का कार्य, परीक्षाओं और परीक्षा परिणामों को घोषित करने का कार्य भी साथ-साथ में जारी रखना प्राथमिकता थी।सदस्यों ने कई भावुक करने वाले प्रसंग भी साझा किए, जिसमें परिवार में बेटी की मृत्यु का दुःखद प्रकरण, पिता को कैंसर जैसी घातक बीमारी का प्रकरण भी साझा हुआ। टीम के सदस्यों ने लगभग 8 माह से कोई छुट्टी नहीं ली। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने नैक ग्रेडिंग में सभी सातों क्राइटेरिया के लिए निर्धारित सीजीपीए-4 में 3.57 हासिल कर उच्चतम ग्रेड ‘ए प्लस प्लस‘ प्राप्त किया है। इसमें विश्वविद्यालय को क्राइटेरिया-01, 04 एवं 07 में पूर्णांक हासिल हुए हैं।इस अवसर पर राज्यपाल ने टीम के सभी सदस्यों का उत्साहवर्द्धन करते हुए उन्हें अपने कार्य और दायित्व यथावत, जारी रखने को कहा। नए सदस्यों को भी कार्यों में दक्ष बनाने को प्रेरित किया, जिससे पुराने सदस्यों के सेवानिवृत्त होने या चले जाने पर भी कार्य प्रभावित न हों। राज्यपाल ने गुजरात में अपने सामाजिक कार्यों के दौरान गांवों के अभावों पर कई भावुक कर देने वाले प्रसंग भी साझा किए और समाज कार्यों से दृढ़ता से जुड़ने को कहा। कहा कि कोई भी सामाजिक परिवर्तन विश्वविद्यालयों के माध्यम से ही हो सकता है। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने स्वयं अपने परिवार में ही बाल विवाह का विरोध किया और इससे परिणाम का सामना कर अपने विचार को स्थापित भी किया। उन्होंने कहा कि कार्यों के लिए विजन होना चाहिए। इस अवसर पर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने राज्यपाल के दिशा-निर्देशों, लक्ष्य प्राप्ति के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता और निरंतर उच्चतम ग्रेड के लिए प्रोत्साहन के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के नेतृत्व में ही नैक के मूल्यांकन की समझ विकसित हुई, विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता का अनुसरण सम्भव हुआ। राजभवन में निरंतर बैठकों, नैक मंथन, शिक्षा मंथन जैसी कार्यशालाओं से सभी मानकों में सम्पूर्णता से गुणवत्ता का विकास हुआ। प्रत्येक बिंदु पर समग्रता से राज्यपाल के निर्देशों के अनुपालन से ही ये उपलब्धि प्राप्त हो सकी है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को अपने स्तर और गुणवत्ता बनाने के साथ अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में भी प्रतिभाग करने को कहा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज जानी, विश्वविद्यालय के कुलपति और नैक टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। *इंजीनियरिंग संस्थानों के आसपास कम से कम 50 लोगों को दक्ष बनाए* *एकेटीयू के सभी संस्थानों में स्थापित होगा इन्क्युबेशन सेंटर* *कुलपति ने प्रदेश के सभी संस्थानों के चेयरमैन के साथ की ऑनलाइन बैठक* लखनऊ। कार्यालय संवाददाता।प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति विकसित करने के लिए प्रयासरत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सभी संबद्ध संस्थानों में इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल को गति देने के लिए बुधवार को एकेटीयू कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों के चेयरमैन संग ऑनलाइन बैठक की।कुलपति ने संस्थानों को तेजी से इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर स्टार्टअप और इनोवेशन का है। ऐसे में संबद्ध संस्थानों के छात्र स्टार्टअप और इनोवेशन के जरिये देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं। यह तभी संभव होगा जब हम उन्हें ऐसा इकोसिस्टम उपलब्ध करायें। इसलिए जरूरी है कि सभी संस्थान इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करें। उन्होंने इन्क्युबेशन सेंटर स्थापना के लिए जरूरी कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही सेक्शन 8 कंपनी बनाने की बात कही। कुलपति ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अपने संस्थान के आसपास के करीब 50 लोगों को किसी न किसी चीज में स्किल ट्रेन करने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि हर संस्थान अपने कुछ छात्रों को पीएमकेवीवाई के तहत कौशलपूर्ण बनायेगा तो निश्चित ही छात्रों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। साथ ही सरकार की ओर से इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए चलायी जा रही योजनाओं और नीतियों के साथ फंड के बारे में भी विस्तार से बताया।एसोसिएट डीन इनोवेशन डॉ अनुज कुमार शर्मा ने इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने की रूपरेखा प्रस्तुत की। वहीं इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह ने बताया कि किस प्रकार इनोवेशन हब सेंटर और छात्रों का सहयोग करेगा। साथ ही स्टार्टअप को मिलने वाली सुविधाओं, वित्तीय मदद, योजनाओं की भी जानकारी दी। जिससे कि सेंटर सफलतापूर्वक स्टार्टअप को बढ़ावा दे सकें। बैठक में इनोवेशन हब मैनेजर वंदना शर्मा, रितेश सक्सेना सहित दो सौ से ज्यादा संस्थानों के चेयरमैन जुड़े थे। *बच्चों के एक हाथ में सुपरमैन और दूसरे हाथ में रामायण* *गोमती पुस्तक महोत्सव में बच्चों को पसंद आ रही फिक्शन और नॉन फिक्शन किताबें* लखनऊ। कार्यालय संवाददाता।गोमती पुस्तक महोत्सव में आए बच्चे फिक्शन, नॉन फिक्शन, आत्मकथा, जीवन, अध्यात्म हर तरह की पुस्तकें खरीद रहे हैं। बुधवार को यहां पहुंचे स्कूल के विद्यार्थियों के हाथों में हैरी पोटर, शिनचेन, सुपरमैन जैसे सुपर हीरो और ड्रेगन बॉल एनिमेटेड सीरीज के साथ—साथ महाभारत, रामायण, शिवमहापुराण की चित्र पुस्तकें भी दिखीं। किताबों की दुनिया में पोस्टर, बुकमार्क, क्रिएटिव किट और ऑडियो—वीडियो आइटम भी बच्चों को खूब लुभा रहे हैं। जॉन केंट, मालकॉम ड्रेगन, लॉरा किनी, मार्क ग्रेसन, स्पाइडर मैन, आयरन मैन, हल्क और भी कई सुपर कैरेक्टर के पोस्टर स्टॉल पर उपलब्ध हैं। सूक्ति, प्रवचन, जीवन, अध्यात्म की बातें बुक मार्क के जरिये समझाने का प्रयास भी एक स्टॉल पर दिखा। यहां लगी शब्द सम्सारा मैसेज वॉल पर पाठक और दर्शक अपनी मनपसंद पुस्तकों और लेखकों के नाम लिखकर चिपका भी सकते हैं। महोत्सव के चिल्ड्रन कॉर्नर में बच्चों ने अपनी कल्पना को नए आयाम देते हुए चंद्रयान-11 का सफर किया। राइटिंग ए साइंस फिक्शन - ए स्पेस ऑडेसी टू द मून ऑन चंद्रयान 11 साइंस फिक्शन सत्र में शामिल हुए विद्यार्थियों ने इसरो के चंद्रयान-3 की सफलता से प्रेरित होकर साइंस फिक्शन यानी विज्ञान कथाएं लिखीं। इससे पहले विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने विद्यार्थियों को चंद्रयान-3 अभियान की जानकारी देते हुए साइंस फिक्शन राइटिंग के टिप्स दिए। लेखक यश तिवारी ने बच्चों को लेखन से जुड़ी बारीकियों को समझाया। *खाकी में इंसानियत का रंग होता है* पुस्तक महोत्सव के लेखकगंज में ह्यूमन इन खाकी और सायबर एनकाउंटर पुस्तकों पर चर्चा हुई। इस चर्चा में पूर्व आईपीएस अशोक कुमार ने पुलिसवालों में संवेदना के बारे में बताते हुए कहा कि खाकी में इंसानियत का रंग होता है। जनता को पुलिसवालों से डरने की जरूरत नहीं है। वे आपकी हिफाजत के लिए हैं। डर बदमाशों को लगता है। साइबर सेफ्टी पर हुई चर्चा में साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे और डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक ओपी मनोचा ने बताया कि साइबर क्राइम से बचने के लिए जीरो ट्रस्ट मॉडल को अपनाना ही हमें सुरक्षित रख सकता है। डीप फेक वीडियो और असली वीडियो में अंतर करने के लिए हमें किसी भी वीडियो पर विश्वास नहीं करना चाहिए। डिजीटल अरेस्ट के अपराध भी बढ़ रहे हैं। *सहायक अध्यापक भर्ती में बीएड पर निर्णय ले सरकार* लखनऊ, विधि संवाददाता। प्रदेश में सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता से बीएड को बाहर किया जा सकता है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को इस सम्बंध में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा भेजे गए 4 सितम्बर 2023 के पत्र पर जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया है।उक्त पत्र के द्वारा एनसीटीई ने सभी राज्य सरकारों को सर्वोच्च न्यायालय के देवेश शर्मा मामले में दिए निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। देवेश शर्मा मामले में शीर्ष अदालत ने एनसीटीई के उस अधिसूचना को शिक्षा के अधिकार कानून के विपरीत करार दिया था जिसके तहत बीएड को सहायक शिक्षक की शैक्षिक योग्यता में शामिल किया गया था।न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने श्याम बाबू व 312 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार को उपरोक्त आदेश दिया है। याचियों की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार त्रिपाठी की दलील थी कि 28 जून 2018 को अधिसूचना जारी करते हुए, एनसीटीई ने सहायक शिक्षक की शैक्षिक योग्यता में बीएड को शामिल किया था, उक्त अधिसूचना के अनुपालन में उत्तर प्रदेश में सम्बंधित नियमों में बदलाव करते हुए, बीएड को शामिल कर लिया गया जबकि राजस्थान में बीएड को शैक्षिक योग्यता में शामिल नहीं किया गया। यह विवाद राजस्थान उच्च न्यायालय गया। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को अविधिक पाते हुए, रद् कर दिया। बाद में मामला सर्वोच्च न्यायालय गया और सर्वोच्च न्यायालय ने भी राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा तथा उक्त अधिसूचना को आरटीई के विपरीत करार दिया। *नियमों की वैधता को चुनौती देने का औचित्य नहीं* वर्तमान मामले में याचियों ने 28 जून 2018 के अधिसूचना के क्रम में बीएड को शामिल करने सम्बंधी बदलावों को समाप्त करने व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के परिणाम के पुनरीक्षण की मांग की थी। हालांकि न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हमारे सामने यह मामला नहीं है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 सितम्बर 2023 के एनसीटीई के पत्र के अनुपालन में कार्रवाई करने से इंकार कर दिया हो, लिहाजा अभी नियमों की वैधता को चुनौती देने का औचित्य नहीं है, हालांकि राज्य सरकार को आदेश देते हैं कि वह 4 सितम्बर 2023 के पत्र के आलोक में निर्णय लेते हुए, विधि सम्मत व यथोचित कार्रवाई करे। *68500 भर्ती में सीबीआई जांच का मामला उठा* प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच का जिन्न पांच साल बाद बोतल से फिर निकल आया है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश पर सीबीआई में दर्ज एफआईआर की वर्तमान स्थिति क्या है। इस मामले की सुनवाई जनवरी में रखी है। नौ जनवरी 2018 को 68500 शिक्षक भर्ती के लिए जारी शासनादेश के आधार पर 27 मई को लिखित परीक्षा कराई गई। 13 अगस्त को घोषित परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल 23 अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया गया था। गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। *स्कूल-कॉलेजों व खेती की बिजली में 30 फीसदी बचत* *यूपी की पहली ऊर्जा संरक्षित बिल्डिंग सूचना निदेशालय* *250 वाणिज्यिक भवन बन रहे ऊर्जा संरक्षण मानकों पर* लखनऊ, विशेष संवाददाता। यूपी में ऊर्जा संरक्षण (बचत) पर राज्य सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। नीतियों को अमल में लाने और जागरूकता के कारण कृषि क्षेत्र के साथ ही स्कूल-कालेजों में 30 फीसदी बिजली की बचत होने लगी है। सरकारी व वाणिज्यिक भवनों का निर्माण एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) के तहत चल रहा है। ये भवन बन जाने पर इनमें आम भवनों की तुलना में 30 से 55 फीसदी तक बिजली की खपत कम होगी।यूपी में इस कोड पर आधारित पहला भवन राजधानी लखनऊ का सूचना निदेशालय है। जहां पर 50 फीसदी कम बिजली की खपत हो रही है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता के मुताबिक ऊर्जा की बचत के लिए यूपीनेडा द्वारा इस समय इस दिशा में कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक सरकारी भवनों का निर्माण अब ऐसी डिजाइन से किया जा रहा है जिससे कम से कम बिजली की जरूरत पड़े। रामकुमार के मुताबिक प्रदेश में सरकारी एवं वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा दक्षता के उपायों को लागू करने के लिए एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड के संदर्भ में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। करीब 250 वाणिज्यिक भवनों का निर्माण इसके मुताबिक चल रहा है। *पांच साल में 2908.30 करोड़ यूनिट बिजली बचाई* यूपीनेडा के माध्यम से इस समय राज्य में ब्यूरो आफ इनर्जी एफिशिएंशी (बीईई) के कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। यूपीनेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में पिछले पांच साल में किए गए प्रयासों से 2908.30 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की जा चुकी है। *168 पीपीएस अफसरों का तबादला* लखनऊ। प्रांतीय पुलिस सेवा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) स्तर के एक और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के 168 अफसरों का मंगलवार को देर रात तबादला कर दिया गया। गोरखपुर में तैनात एएसपी क्राइम इंदुप्रभा सिंह को एएसपी भ्रष्टाचार निवारण संगठन मुख्यालय लखनऊ के पद पर स्थानान्तरित किया गया है। डीएसपी मथुरा नेत्रपाल सिंह, डीएसपी एटा सुनील कुमार, डीएसपी अयोध्या राकेश कुमार को उसी जिले में स्थानान्तरित किया गया है। *कुम्भ मेलाधिकारी का किया स्वागत* प्रयागराज। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के सदस्यों और तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार बुधवार को कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का स्वागत किया। उनके प्रयागराज आने पर उन्हें बधाई दी और भव्य महाकुम्भ होने की उम्मीद जताई। इस दौरान शिक्षक संघ से डॉ. हरिप्रकाश यादव, सुरेंद्र प्रताप सिंह, मंडल अध्यक्ष मिथलेश मौर्य और प्रयागवाल सभा से श्रवण कुमार शर्मा, अमितराज वैद्य, प्रदीप कुमार, चंदन तिवारी आदि मौजूद रहे। *पांचवीं के छात्र-छात्रा भागे लड़की मुम्बई में बरामद* प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता । धूमनगंज के एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले पांचवीं के छात्र-छात्रा गायब हो गए हैं। छात्रा के पिता ने छात्र के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। दस से 13 साल के बच्चों के गायब होने पर दोनों के परिजन परेशान हैं। बुधवार को छात्रा मुम्बई में मिल गई। अब तक छात्र का पता नहीं चला है।पुलिस ने बताया कि धूमनगंज में रहने वाली 10 वर्षीय छात्रा प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती है। 11 दिसंबर को स्कूल पढ़ने गई थी लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। परिजन परेशान हो गए। स्कूल से पता चला कि उसके साथ पढ़ने वाला पांचवीं का एक छात्र भी गायब है। छात्र के घरवाले भी परेशान हैं। इधर-उधर तलाश करने के बाद छात्रा के पिता जंक्शन पहुंचे। वहां पर सीसीटीवी फुटेज भी देखी। बताया जा रहा है कि उन्हें पता चला कि बच्चे मुम्बई जाने वाली किसी ट्रेन से निकल गए हैं।छात्रा के पिता भी मुम्बई के लिए रवाना हो गए। धूमनगंज पुलिस ने बताया कि बुधवार को छात्रा के पिता ने कॉल करके बताया कि उनकी बेटी मिल गई है। वह ट्रेन से लेकर लौट रहे हैं। पुलिस का कहना है कि छात्रा के बयान के आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। *यूजीसी नेट के पेपर में सर्वर डाउन, हंगामा* *अंदावा के सुनीता सिंह सीता सिंह महाविद्यालय में तोड़फोड़ की* हनुमानगंज, हिन्दुस्तान संवाददाता।सुनीता सिंह सीता सिंह महिला महाविद्यालय अंदावा में बुधवार को यूजीसी नेट की परीक्षा के दौरान द्वितीय पाली में परीक्षार्थियों ने डेढ़ घंटा सर्वर डाउन होने पर जमकर हंगामा काटा। आक्रोशित परीक्षार्थियों ने कम्प्यूटर, कुर्सी व कई खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। जेनरेटर में भी तोड़फोड़ की। छात्रों के तेवर देख एनटीए के सुरक्षाकर्मी भाग निकले। सूचना पर पहुंची सरायइनायत पुलिस ने हंगामा काट रहे परीक्षार्थियों को शांत कराया। परीक्षार्थी देर शाम तक परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े रहे।राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की निगरानी में बुधवार को यूजीसी नेट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक होना थी। 230 बजे सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में बैठा दिया गया। आरोप है कि सर्वर डाउन होने की वजह से लॉगइन का इंतजार कर छात्र 245 बजे हंगामा करते हुए परीक्षा कक्ष से बाहर आ गए। कैंपस में किसी व्यक्ति के हाथ में मोबाइल देखकर छात्र नकल का आरोप लगाते हुए उग्र हो उठे। वे कंप्यूटर और खिड़कियों के शीशे तोड़ने लगे। दूसरे तल से कुर्सियां नीचे फेंक दीं, कैंपस में लगे जेनरेटर का फ्यूज उखाड़ लिए। परीक्षार्थियों को तोड़फोड़ करते देखा नेशनल टेस्टिंग्स एजेंसी के सुरक्षाकर्मी भाग खड़े हुए। सूचना पर पहुंची सरायइनायत पुलिस ने उग्र छात्रों को खदेड़ दिया।परीक्षा देने आए शिवेंद्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़, शिवम कुमार चौबे अयोध्या, सौरभ सिंह सुल्तानपुर, राम जी शुक्ला बलरामपुर, अमरेश शाही गोरखपुर तथा विवेक सिंह सोनभद्र का कहना था तय समय से पौने दो घंटे परीक्षा देर से शुरू कराई गई आधे घंटे बाद सिस्टम पुन बंद हो गया जिससे परीक्षार्थियों में गुस्सा आया। दर्जनों छात्र परीक्षा केंद्र पर देर शाम तक परीक्षा निरस्त होने की सूचना जारी कराने पर अड़े रहे। सेंटर आब्जर्वर ने बताया चार लोगों ने परीक्षा नहीं होने दी। एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव भी मौके पर पहुंचे। वही प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार राय ने सिटी आब्जर्वर अर्चना से परीक्षार्थियों की फोन बात कराई। उन्होंने भी माना कि सर्वर गड़बड़ी की समस्या पूरे शहर में रही। *प्रवक्ता से निदेशक ने मांगा स्पष्टीकरण* प्रयागराज। राजकीय महाविद्यालय तरगवां, जैथरा एटा के प्रवक्ता-गणित डॉ. कुंवर पाल सिंह बघेल को स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत कारणों के आधार पर कार्यवाहक प्राचार्य के दायित्वों से सात दिसंबर को मुक्त करते हुए द्वितीय वरिष्ठ प्रवक्ता को प्रभार सौंपने कि निर्देश दिए गए थे। उन्होंने ऐसा न करते हुए सबसे वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. प्रमोद कुमार को कार्यवाहक प्राचार्य का कार्यभार सौंप दिया। इस पर उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने डॉ. कुंवर पाल से स्पष्टीकरण तलब किया है। *सहायक वास्तुविद की अर्हता में संशोधन* प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग में सहायक वास्तुविद नियोजक के छह पदों पर भर्ती के लिए 2019-20 में जारी विज्ञापन की अर्हता में संशोधन किया है। संशोधित शर्त में आर्कीटेक्चर अथवा सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री, टाउन एंड कन्ट्री/ रीजनल प्लानिंग में किसी मान्यता प्राप्त संस्था से डिग्री अथवा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा या इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स (ल्दंन) से सदस्यता होनी चाहिए। *सेमेस्टर परीक्षा से 732 परीक्षार्थी अनुपस्थित* प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय की सत्र 2023-24 की विषम सेमेस्टर परीक्षा बुधवार को प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ के 253 केन्द्रों पर दो पालियों में हुई। कुल 85864 छात्र-छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित हुए और 732 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। *जनजातीय विश्वविद्यालय को सदन की मंजूरी* नई दिल्ली, एजेंसी। संसद ने तेलंगाना में समक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी।राज्यसभा ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 को विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत तेलंगाना में एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना अनिवार्य है। *स्थगन आदेश स्वत समाप्त होने से पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव’* प्रभात कुमार नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि स्थगन आदेशों के स्वत खत्म हो जाने से कई बार वादी पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 2018 के एक फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि दिवानी-फौजदारी मामलों में निचली अदालतों द्वारा पारित स्थगन आदेश छह माह बाद स्वत खत्म हो जाएगा, बशर्ते उसकी अवधि विशेष रूप से बढ़ाई न गई हो।मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि आम तौर पर, जब हम किसी मामले में रोक हटाते हैं, तो हम इसका समुचित कारण बताते हैं, जैसे कि वादी ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है आदि। मामले में जारी स्थगन आदेश स्वत खत्म होना, वास्तव में मुकदमेबाजी को पूर्वाग्रहित करती है क्योंकि यह निर्णय खत्म कर देती है और यही कारण है कि हम में से कई लोग हाईकोर्ट के लिए मामले का निपटारा करने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं करते हैं। मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, जेबी पारदीवाला, पंकज मिथल और मनोज मिश्रा मिश्रा भी शामिल हैं। *दाखिल आयकर रिटर्न को खारिज कर सकेंगे*  संगीता ओझा नई दिल्ली। आयकर विभाग करदाताओं की सहूलियत के लिए लगातार नई-नई सुविधाएं ला रहा है। इसी कड़ी में विभाग ने अब डिस्कार्ड रिटर्न नाम की सुविधा शुरू की है। इसके तहत करदाता आयकर रिटर्न को दाखिल करने के बाद भी उसे खारिज कर सकते या वापस ले सकते हैं।इसके लिए शर्त यह है कि करदाता ने उसे सत्यापित न किया हो। आईटीआर को वेरिफाई करने से पहले आयकर विभाग के रिकॉर्ड से हटाया जा सकता है। इसके बाद नई आईटीआर दाखिल की जा सकेगी।पहले, करदाताओं के पास दाखिल की गई आयकर रिटर्न को वापस लेने की व्यवस्था नहीं थी। आईटीआर में यदि कोई त्रुटि रह जाती थी तो संशोधित रिटर्न दाखिल करनी पड़ी थी। करदाता को फिर से वही लंबी प्रक्रिया दोहरानी पड़ती थी। *अभी ऐेसी थी प्रक्रिया* संशोधित आईटीआर भरने के लिए पुरानी रिटर्न को सत्यापित करना जरूरी होता था। यानी अगर किसी करदाता ने रिटर्न दाखिल कर दी और बाद में किसी गड़बड़ी का पता चलता था तो उसे सही करने का तरीका यही था कि पहले वह उसी आईटीआर को सत्यापित करे। उसके बाद संशोधित रिटर्न दाखिल करें। गड़बड़ी वाली आईटीआर के ऐसे मामलों में कई बार विभाग की तरफ नोटिस भी भेजे जाते हैं। नई व्यवस्था में करदाता को त्रुटि वाली रिटर्न को वापस लेने की अनुमति मिलेगी। *इन शर्तों को पूरा करना होगा* रिटर्न ऑनलाइन या ऑफलाइन सत्यापित नहीं किया हो। यह आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2023-24 के बाद का ही भरा होना चाहिए। सिर्फ एक अप्रैल 2023 के बाद के ही रिटर्न को वापस लिया जा सकता है। पुरानी रिटर्न को डिस्कार्ड करने के बाद अगर नई रिटर्न तय तिथि के बाद भरेंगे को नियमों के अनुसार जुर्माना लगेगा *एलयू एलएलबी इंटीग्रेटेड व तीन वर्षीय की परीक्षा 26 दिसम्बर से* *विवि ने एलएलबी, बीएससी, एमएससी एग्रीकल्चर का परीक्षा कार्यक्रम जाररी किया* लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय ने बुधवार को विषम सेमेस्टर का फाइनल परीक्षा कार्यक्रम जारी किया। एलएलबी इंटीग्रेटेड, एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम, बीएससी एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रीकल्चर विषम सेमेस्टर का परीक्षा कार्यक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड है। बीए, बीएससी, बीकॉम विषम सेमेस्टर परीक्षा 12 दिसम्बर से शुरू हो चुकी हैं।एलएलबी इंटीग्रेटेड प्रथम सेमेस्टर न्यू कोर्स की परीक्षा 26 दिसम्बर से आठ जनवरी तक प्रथम पाली में 9 से 12 बजे तक होंगी। वहीं एलएलबी इंटीग्रेटेड प्रथम सेमेस्टर ओल्ड कोर्स की परीक्षा 26 दिसम्बर से 10 जनवरी तक होगी। तृतीय सेमेस्टर न्यू कोर्स की परीक्षा 26 दिसम्बर से आठ जनवरी, ओल्ड कोर्स की परीक्षा 26 दिसम्बर से 10 जनवरी तक होगी। पांचवे सेमेस्टर की ओल्ड एवं न्यू कोर्स की परीक्षा 27 दिसम्बर से 11 जनवरी तक दोपहर की पाली दो से पांच तक होगी। सातवें सेमेस्टर की परीक्षा पांच जनवरी से 20 जनवरी तक होगी। नौवें सेमेस्टर न्यू कोर्स और ओल्ड कोर्स की परीक्षा 27 दिसम्बर से 6 जनवरी तक होगी। एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम ओल्ड कोर्स प्रथम सेमेस्टर, रेगुलर, एक्जटेड, बैक पेपर की परीक्षा 26 दिसम्बर से 10 जनवरी, ओल्ड कोर्स 27 दिसम्बर से 10 जनवरी तक दोपहर की पाली में होगी, पांचवे सेमेस्टर की छह जनवरी से 19 जनवरी तक होगी। बीएससी आनर्स एग्रीकल्चर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा 26 दिसम्बर से 19 जनवरी तक सुबह की पाली में होंगी। तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा 26 दिसम्बर से 10 जनवरी तक, पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा 27 दिसम्बर से 11 जनवरी तक होगी। पांचवां सेमेस्टर रेगुलर की परीक्षा 27 दिसम्बर से 22 जनवरी, सातवे सेमेस्टर की परीक्षा 27 दिसम्बर से 9 जनवरी तक होंगी। *परीक्षा छूटी, रात भर धरना फिर भूख हड़ताल* एलयू की विषम सेमेस्टर से 11 छात्रों को परीक्षा देने से रोकने से आक्रोशित छात्र एलयू में रात भर धरना देते रहे। छात्रों का आरोप है कि छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर अनशन में शामिल छात्रों ने बदला लेने के लिए विश्वविद्यालय ने 11 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया है। पहले दिन भी छात्रों को परीक्षा देने को नहीं मिली वहीं दूसरे दिन परीक्षा से वंचित बीकॉम छात्र बुधवार को परीक्षा देने पंहुचा तो उसे रोक दिया गया। परीक्षा से वंचित होने पर धरने के बाद छात्रों ने बुधवार दोपहर से भूख हड़ताल शुरू कर दी। बुधवार को छात्रों ने राजभवन जाकर परीक्षा से वंचित किए जाने की शिकायत की लेकिन देर रात तक हल नहीं निकला। छात्र विंध्यवासिनी ने बताया कि एलयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन का बदला ले रहा है। *स्कूल में दौड़ते समय बेहोश होकर गिरा छात्र, दम तोड़ा*  लखीमपुर, संवाददाता। चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल में बुधवार को दौड़ते समय एक छात्र बेहोश होकर गिर गया। कुछ देर तक जब उसको होश नहीं आया तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।ईसानगर थाना क्षेत्र के गांव मितौला निवासी अनिल कुमार का बेटा शिवांश (17) चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल में 12वीं का छात्र था। शिवांश लखीमपुर में ही रहकर पढ़ाई करता था। बताया जाता है कि उसने फिजिकल एजुकेशन विषय ले रखा था। बुधवार को स्कूल में प्री-बोर्ड एग्जाम को लेकर फिजिकल एजुकेशन विषय का प्रैक्टिकल हो रहा था। बताया जाता है कि प्रैक्टिकल में उसको मैदान पर दौड़ाया गया। मैदान के दो चक्कर लगाने के बाद वह बेहोश होकर गिर गया। यह देखकर स्कूल का स्टाफ भागकर उसके पास पहुंचा और छात्र को मैदान से उठाकर लाए। उसे पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टर ने देखते ही छात्र को मृत घोषित कर दिया। जानकारी छात्र के परिजनों को दी गई।उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पिता अनिल कुमार ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि छात्र स्कूल में सुबह गिरा था। उसको अस्पताल करीब तीन बजे लाया गया। जिससे उसकी मौत हो गई। अगर उसे समय पर अस्पताल लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। घर वालों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस छात्र के शव का पोस्टमार्टम करवा रही है। स्कूल प्रिंसिपल कमल शर्मा ने बताया कि स्कूल में फिजिकल एजुकेशन सब्जेक्ट का प्रैक्टिकल चल रहा था। छात्र अपने प्रैक्टिकल के दौरान बेहोश होकर गिर गया। होश न आने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। स्कूल ने कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई। *स्कूल न जाने पर छात्रा को 20 छड़ी मारी* बस्ती, निज संवाददाता। दुबौलिया थानाक्षेत्र के एक विद्यालय की कक्षा दो की छात्रा को विद्यालय से अनुपस्थित रहने पर 20 छड़ी की सजा दी गई। छात्रा के पिता ने यह आरोप लगाते हुए न्यायपीठ बाल कल्याण समिति से शिकायत की। समिति ने बीएसए को कार्रवाई का आदेश दिया है।छात्रा के पिता ने शिकायती-पत्र में कहा है कि उसकी बेटी आरबीएस पब्लिक स्कूल में कक्षा दो में पढ़ती है। बेटी की तबीयत खराब हो जाने के कारण वह पांच दिन स्कूल नहीं जा पाई थी। ठीक होने पर वह खुद उसे स्कूल ले गए। कक्षा अध्यापक के विद्यालय में उपस्थित न होने पर फोन पर बेटी के बीमार होने की जानकारी दी। उसके बाद अपने काम पर चला गया। शाम को वह जब घर पर वापस आया तो बेटी ने बताया कि क्लास टीचर ने स्कूल न आने की सजा दी। उन्होंने प्रतिदिन चार छड़ी के हिसाब से 20 छड़ी मारी है। बेटी के बाएं हाथ में सूजन आ गई थी, वह कराह रही थी। पिटाई से उसकी बेटी भयभीत है, स्कूल नहीं जा रही है। न्यायपीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए बीएसए को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का आदेश देते हुए आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने कहा कि पिटाई का मामला बेहद संवेदनशील है। प्रकरण की जांच और कार्रवाई का आदेश दिया गया है। *आरोप निराधार प्रबंधक* आरबीएस पब्लिक स्कूल सिरसिया, चिलमा बाजार के प्रबंधक प्रमोद सिंह का कहना है कि छात्रा की पिटाई की शिकायत निराधार है। छात्रा का शुल्क बाकी था। क्लास टीचर ने मांगा तो उनके साथ अभद्रता की गई और अब फर्जी शिकायत की गई है। *रिश्वत लेते लिपिक रंगे हाथ गिरफ्तार*  मैनपुरी। भ्रष्टाचार निरोधक इकाई आगरा की टीम ने मैनपुरी उद्योग केंद्र के लिपिक धीरेंद्र यादव को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लिपिक को रिश्वत लेते हुए पकड़ने के लिए एंटी करप्शन टीम ने प्लानिंग की और दोपहर एक बजे के करीब कार्यालय से ही आरोपी को पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की। *68500 शिक्षक भर्ती में सीबीआई जांच का मामला उठा* प्रयागराज।परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में हुई गड़बड़ी की सीबीआई जांच का जिन्न पांच साल बाद बोतल से फिर निकल आया है।सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश पर सीबीआई में दर्ज एफआईआर की वर्तमान स्थिति क्या है। इस मामले की सुनवाई जनवरी में रखी है। नौ जनवरी 2018 को 68500 शिक्षक भर्ती के लिए जारी शासनादेश के आधार पर 27 मई को लिखित परीक्षा कराई गई। 13 अगस्त को घोषित परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं थे। यही नहीं, परीक्षा में फेल 23 अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया गया था। गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। *शिक्षण कार्य में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं: डीएम* श्रावस्ती। जिलाधिकारी ने संविलयन विद्यालय खजुहा का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय पहुंची डीएम ने बच्चों से गिनती व पहाड़ा सुनकर शिक्षण गुणवत्ता की जांच की। साथ ही प्रधान शिक्षक समेत सभी शिक्षकों को शिक्षण कार्य पूरी तन्मयता से पूरी करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बुधवार को विकास क्षेत्र हरिहरपुररानी के संविलियन विद्यालय खजुहा का निरीक्षण किया। डीएम ने अध्यापकों की उपस्थिति व नामांकन के सापेक्ष छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की जांच की। उन्होंने प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि पंजीकृत छात्र-छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराएं। छात्र-छात्राओं से ठंडी से बचाव के लिए नियमित रूप से स्वेटर व गर्म कपड़े पहनकर विद्यालय आने को कहा। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि सभी बच्चे प्रतिदिन गर्म कपड़ों में ही आएं इसके लिए उन्हें प्रेरित करें। इस दौरान डीएम ने छात्र-छात्राओं से गिनती व पहाड़ा सुनकर दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता जांची। साथ ही सही उत्तर देने पर जिलाधिकारी ने उनकी पीठ थपथपायी। इसके अलावा डीएम ने विद्यालय के किचन के साथ ही पेयजल, साफ-सफाई, शौचालय को भी देखा तथा सभी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया। *शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षाएं जिला मुख्यालयों पर कराई जाएंगी* लखनऊ।शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली से संबंधित अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी गई। नियमावली के अनुसार आयोग विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा। शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई जाएगी, जो दो घंटे की वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी। सभी लिखित परीक्षाएं जिला मुख्यालयों पर कराई जाएंगी। आयोग को नया विज्ञापन जारी करने का अधिकार होगा।अल्पसंख्यक संस्थानों में अध्यापकों के लिए चयन का विज्ञापन के लिए पदों की सूचना अलग से प्रकाशित की जाएगी। उनकी चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार बोर्ड में एक विशेषज्ञ प्रतिनिधि अतिरिक्त रखा जाएगा। *पदोन्नति के लिए पहले दिन हुई 460 शिक्षकों की काउंसलिंग* गोरखपुर।परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों की पदोन्नति को लेकर पहले दिन बुधवार को पांच सौ शिक्षकों में 460 के शैक्षिक अभिलेखों व नियुक्त पत्र की जांच कर जमा कराए गए। डायट में काउंसिलिंग गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहेगी।दो दिनों तक चलने वाली काउंसिलिंग के पहले दिन क्रम संख्या एक से 500 तक के शिक्षकों को बुलाया गया था। डायट के राधाकृष्णन हाल में पांच टेबल पर हुई काउंसिलिंग में इनमें से 460 उपस्थित व 40 अनुपस्थित रहे। दूसरे दिन क्रम संख्या 501 से 1000 तक शिक्षकों तथा पहले दिन अनुपस्थित रहे शिक्षकों की काउंसिलिंग होगी।बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि काउंसलिंग पूरी होने के बाद शिक्षकों को पदोन्नति पत्र प्रदान कर उन्हें विद्यालय आवंटित कर दिया जाएगा। काउंसलिंग के दौरान विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ कई शिक्षक भी ड्यूटी में तैनात रहे। *यूपी के मदरसों में बच्चों को भेजने का रुझान घटा, पढ़ाई कान्वेंट स्कूल से, धार्मिक शिक्षा घर पर* संतोष वाल्मीकि,लखनऊ।पढ़ाई कान्वेंट स्कूल और कॉलेजों में, कुरआन व इस्लाम की धार्मिक शिक्षा घर पर मौलवी साहब से...। यूपी के मुसलमान अब अपने बच्चों को मदरसों में भेजने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। वजह-धार्मिक शिक्षा के साथ ही साथ अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि आधुनिक विषयों की पढ़ाई चौपट हो गई है। मदरसों में पढ़ने वालों की तादाद लगातार घटती जा रही है। वर्ष 2021 में एक लाख 62 हजार 672 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए थे जबकि 2023 में वर्ष 2024 की वार्षिक परीक्षा के लिए तो इनकी संख्या 90 हजार तक ही सीमित हो गई।यूपी के मान्यता प्राप्त 7442 मदरसों में 21216 नियुक्त-कार्यरत शिक्षकों को छह वर्षों से मानदेय नहीं मिल रहा वे शिक्षक शिक्षण में रुचि नहीं ले रहे। टीचर्स एसोसिएशन  वहीदुल्लाह खान सईदी ने बताया कि आधुनिक शिक्षक अधिकतर मान्यता प्राप्त मदरसों में ही नियुक्त हैं। मगर पिछले छह साल से उन्हें मानदेय ही नहीं मिल रहा। फिर वह किस दिलचस्पी के साथ अध्यापन कार्य का निर्वहन करेंगे।  *यूपी में 16 हजार मदरसे* 28 जनवरी 2014 को यूपी सरकार के संकल्प के अनुसार 12000 रुपये के शिक्षक को 3000 रुपये तथा 6000 मासिक मानदेय वाले शिक्षक को 2000 रुपये अतिरिक्त राज्यांश देने की व्यवस्था की गई। अतिरिक्त राज्यांश की अदाएगी मार्च 2023 तक की गई है। वर्ष 2017 तक मदरसों की छात्र संख्या में निरंतर बढ़ोतरी होती रही। 2018 के पश्चात संख्या कम होने लगी। यूपी में कुल मिलाकर 16513 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं *दस महीने से वेतन नहीं, कमेटियां भंग करने पर अड़े शिक्षक* प्रयागराज प्रमुख संवाददाता।दस महीने से वेतन के लिए परेशान सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस (शुआट्स) के शिक्षकों ने बुधवार को पत्थर गिरजाघर के पास धरनास्थल पर प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने ट्रेजरार, फाइनेंस कंट्रोलर, रजिस्ट्रार एवं लीगल डायरेक्टर पर एफआईआर दर्ज करने और विश्वविद्यालय की सभी कमेटियां भंग करते हुए रिसीवर बैठाने की मांग की ताकि सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय घोटाले की जांच और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।डीएम को संबोधित ज्ञापन में शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कुलपति प्रो. आरबी लाल विश्वविद्यालय के करीब 1300 शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ हजारों विद्यार्थियों का शोषण कर रहा है। रोजाना तमाम तरह के प्रशासनिक एवं वित्तीय घोटाले हो रहे हैं। इसकी वजह से शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पिछले दस महीने और सुरक्षाकर्मियों का महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। पेंशन फंड में जमा की जा रही शिक्षकों की धनराशि भी बंद हो गई है। तमाम कर्मचारियों के वेतन से कटौती हुई लेकिन जमा नहीं की गई।रकम वापस मांगने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। कुलपति, प्रति-कुलपति समेत दूसरे प्रशासनिक अधिकारी सरकारी वेतन के अलावा सोसाइटी फंड से मानदेय या स्पेशल एलाउंस के नाम पर हर महीने अवैध रूप से लाखों रुपए लेते हैं जिकी रिकवरी होनी चाहिए। यूनिवर्सिटी सोसाइटी एवं सीनेट के माध्यम से चलती है और इन दोनों जगह पर एक ही परिवार और उनके साथियों का कब्जा है। शिक्षकों के प्रमोशन का कोई पारदर्शी नियम नहीं है और पदाधिकारी मनमाने तरीके से अपने रिश्तेदारों-करीबियों को प्रमोट कर देते हैं या सीधे अवैध रूप से नियुक्ति कर देते हैं।27 अक्तूबर को शुआट्स गेट पर प्रदर्शन के दौरान दीपावली के पहले दो महीने का वेतन देने का समझौता हुआ लेकिन केवल एक महीने में सैलरी मिली। 


    दीपावली के बाद कमिश्नर ऑफिस में एडिशनल कमिश्नर पुष्पराज सिंह के शुआट्स पदाधिकारियों ने नौ दिसंबर तक तीन महीने का वेतन देने का वादा किया था परंतु आज तक एक महीने का भी वेतन नहीं मिल पाया।

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