इस्लाम की शिक्षा का आइना है दीनी तालीमी नुमाइश : एसीपी मो. अकमल
इस्लाम की शिक्षा का आइना है दीनी तालीमी नुमाइश : एसीपी मो. अकमल
गोरखपुर। मियां साहब इस्लामिया (एमएसआई) इंटर कॉलेज बक्शीपुर में चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का आगाज शुक्रवार से हुआ। मुख्य अतिथि कानपुर के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस मो. अकमल खां ने जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का शुभारंभ करते हुए कहा कि दीनी तालीमी नुमाइश इस्लाम धर्म की शिक्षा का आइना है। इस तरह के आयोजन समाज को जागरूक करते हैं।
मो. अकमल ने कहा कि मोहम्मद साहब की मुबारक जिंदगी व शिक्षाओं से आमजन को रूबरू करवाना हम सभी कि जिम्मेदारी व समय की जरूरत है। पैगंबरे इस्लाम पूरी दुनिया के लिए रहमत हैं। इस्लाम की शिक्षा व पैगाम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध सभी के लिए है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सब लोग पैगंबरे इस्लाम की मुबारक जिंदगी का अध्ययन कर उनकी तालीमात पर अमल कर नेक बनें। उन्होंने कॉलेज में बिताए दिनों को याद कर अनुभव साझा किए।मुख्य अतिथि ने कॉलेज के 21 होनहार छात्रों को गजाधर प्रसाद स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं जार्ज इस्लामिया हाईस्कूल सोसाइटी के सौ साल पूरे होने पर सोसाइटी के सदस्यों को संयुक्त शिक्षा निदेशक गोरखपुर योगेन्द्र नाथ सिंह एवं जिला विद्यालय निरीक्षक अमरकांत सिंह ने सम्मानित किया।
नुमाइश देखने उमड़े हर खासो आम
दीनी तालीमी नुमाइश में मोहम्मद साहब की सीरत, इस्लाम धर्म की तारीख, पवित्र स्थान, हस्तलिखित कुरआन की प्रतियां, इस्लाम के विशेषता तमाम धार्मिक किताबों के जरिए बताई जा रही है जो आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा तमाम बैनरों, पोस्टरों के जरिए इस्लामी शिक्षा, महिलाओं, पड़ोसियों के हुकूक बताए गए हैं। नुमाइश में पवित्र स्थानों की फोटो, भारत के मुस्लिम बादशाहों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
नुमाइश को लगाने में मुख्तार अहमद, अब्दुल तुराब, मो. दानिश इकबाल खान, मो. रेहान, तारिक अब्बासी, शफकत अली खान, मो. अलमाश खान, सैफ आजम खान की अहम भूमिका रही। इस मौके पर कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य जफ़र अहमद खां, रिजवानुल हक, सैयद नौशाद अली सब्जपोश, हसन जमाल उर्फ बबुआ भाई आदि मौजूद रहे।
आज का कार्यक्रम
शनिवार को मकतब व प्राइमरी ग्रुप (स्थानीय स्तर) और सानवी व जूनियर ग्रुप का मुकाबला होगा। सुबह आठ व नौ बजे किरात (कुरआन पाठ) और इस्लामी क्विज का लिखित मुकाबला होगा। सुबह 10 व 11 बजे भाषण (तकरीर) और दोपहर 2:00 व 2:30 बजे इस्लामिक क्विज प्रतियोगिता होगी। शाम 5:30 बजे नातिया मुकाबला होगा।
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