देर रात तक चला कवि सम्मेलन श्रोताओं ने उठाया काव्य पाठ का लाभ
*देर रात तक चला कवि सम्मेलन श्रोताओं ने उठाया काव्य पाठ का लाभ*
*कवि सम्मेलन के साथ समाप्त हुआ गीडा के 34 वे स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम*
गीडा के 34वे स्थापना दिवस के अवसर पर चार दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ 30 नवंबर 2023 को माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ जी के कार्यक्रमों द्वारा किया गया था |
तब से निरंतर आज तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे थे आज कवि सम्मेलन के साथ गीडा के 34 वे स्थापना दिवस का सांस्कृतिक कार्यक्रम समाप्त हुआ |
कार्यक्रम का शुभारंभ गीडा की सीईओ श्रीमती अनुज मलिक,डॉ राकेश श्रीवास्तव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रचलन करके किया गया |
सरस्वती वंदना नन्दिनी श्रीवास्तव ने पढ़ा |
अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद चोखानी ने किया |
संचालन करते हुए मिन्नत गोरखपुरी ने जैसे ही पढ़ा लोगों ने खूब तालियां बजाई,
सबकी श्रद्धा और सम्मान है इस नाम के साथ |
भगवान श्री राम का जिक्र होता है हनुमान के नाम के साथ ||
प्रमोद चोखानी ने पढ़ा....
चाहत है तो मत छुपाया कर
इशारों में ही सही बताया कर
फूल पर बैठा कोई भँवरा तो
उसे बैठने दे मत उड़ाया कर .
प्रेमनाथ मिश्रा ने पढ़ा,
नये अवसर,नये सपने,नये अरमान है गीडा
नये गोरक्ष नगरी की,नयी पहचान है गीडा
राजा त्रिपाठी ने पढ़ा,
ये गोरखपुर की धरती है
निशदिन ही रोज निखरती है।
उत्कर्ष शुक्ला रुद्रा ने पढ़ा,
राम गुण हैं गुणों के धनी राम हैं,
राम चलता हुआ नाम अविराम है।
नन्दिनी श्रीवास्तव ने पढ़ा,
सारी दुनिया में एक हम ही हैँ,
चाँद को अर्घ्य औ सूरज को जल भी देते हैं
साथ ही साथ डॉ सरिता सिंह ने काव्य पाठ किया |
इस अवसर पर प्रकाश,अमीरुन निशा स्वीटी,हिन कौसर अंसारी,आर.जे.नवीन, शिवेंद्र पांडेय, दिनेश पाठक, सुरेश जालान, दीपक अग्रवाल,मो.अजहर, अशफाक हुसैन मेकरानी,
आर.जे. नवीन सहित भारी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे |
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