श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षरशः स्वरूप है - आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री
श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षरशः स्वरूप है - आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री
मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है:कृष्ण शास्त्री
कौङीराम गोरखपुर। बाँसगाँव क्षेत्र के बघराई में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिवस आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। आगे उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षरशः स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाने के साथ-साथ भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। इतना ही नहीं यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है। जिसके हृदय में भक्ति होती है वह त्रिभुवन में निर्धन होने के बाद भी धनवान होता है। इस अवसर पर कथा श्रवण में मुख्य यजमान दुर्गविजय राय सरस्वती राय, राजेश राय, अमित राय के साथ समस्त ग्रामवासियो ने कथा का रसपान किया।
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