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    प्रेम व शांति की सीख देता है पैगंबर साहब का जीवन : मौलाना ताहिर



    प्रेम व शांति की सीख देता है पैगंबर साहब का जीवन : मौलाना ताहिर 

    - एमएसआई इंटर कॉलेज में चार दिवसीय वार्षिक जलसे का समापन
    - तालीम के साथ बच्चों को दें अच्छे संस्कार : अतयब जैदी 


    गोरखपुर। मुसलमानों के बीच तेजी से बच्चों को तालीम दिलाने का रुझान बढ़ा है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। जाहिर है कि कोई भी कौम उसी वक्त तक तरक्की की रफ्तार नहीं पकड़ सकती है जब तक वो तालीम के मैदान में खुद को साबित करने का माद्दा न रखती हो। 

    यह बातें आजमगढ़ के मौलाना मो. ताहिर मदनी ने कही। मौलाना सोमवार को मियां साहब इस्लामिया (एमएसआई) इंटर कॉलेज में आयोजित चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जीवन हमें प्रेम, शांति और सौहार्द की शिक्षा देता है। हमें उनकी शिक्षाओं को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से न सिर्फ बच्चों का हौसला बढ़ता है बल्कि उनका हुनर भी निखरकर सामने आता है।  

    विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद् अतयब अली जैदी ने कहा कि तेजी से बदलते वक्त के साथ कदमताल करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई और सीखी जाए। देश को डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की उसी तरह जरूरत है जैसे विद्वानों की। हम शादी और अन्य समारोहों पर लाखों रुपये खर्च करते हैं लेकिन स्कूल और कॉलेज स्थापित करने के बारे में नहीं सोचते। इसलिए, अब मुसलमानों को  अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर शिक्षित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि तालीम हासिल करना बड़ा मकसद होता है लेकिन यह मकसद तभी हासिल हो सकता है जब तालीम के साथ बेहतरीन तरबियत (संस्कार) भी दी जाए। प्रबंधक महबूब सईद हारिस ने कॉलेज की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य जफर अहमद खां ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर मुख्तार अहमद, अनीस अहमद, डॉ. रफीउल्लाह बेग, रिजवानुल हक, अहमद तंजीम, अब्दुल तुराब, मो. जाबिर, हसन जमाल बबुआ, नजमुद्दीन अहमद आदि मौजूद रहे।

    विद्यार्थियों का हुआ सम्मान, लगी विज्ञान प्रदर्शनी 

    जलसे के अंतिम दिन मदारिसे अरबिया, स्कूल और कॉलेज ग्रुप के छात्रों के बीच किरात (कुरआन पाठ), पेंटिंग, साइंस क्विज, इस्लामिक क्विज प्रतियोगिता हुई। 'सोशल मीडिया छात्रों के व्यक्तित्व विकास में बाधक' विषय पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने दमदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश मणि त्रिपाठी व अध्यक्षता कर रहे डॉ. रविंद्र त्रिपाठी ने छात्रों की प्रशंसा की। विज्ञान प्रदर्शनी  में एमएसआई कॉलेज के छात्र सैयद मो. अब्दुल्लाह का नेत्रहीनों के लिए बनाया गया सेंसर वाला चश्मा आकर्षण का केंद्र रहा। वहीं फौजिया अली व मायरा यासमीन का अर्थक्वेक अलार्म, नौशीन की एटीम मशीन, कामरान का कूलर, सदफ का ज्वालामुखी प्रोजेक्ट, हफ्शा अली के मानव हृदय की आतंरिक संरचना से संबंधित चार्ट भी सराहा गया। मो. हम्जा समेत तमाम छात्रों ने एक से बढ़कर एक पेंटिंग बनाई। पेंटिंग में प्रकृति के विभिन्न आयाम व रंग देखने को मिले। मुख्य अतिथि ने विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र, शील्ड व ट्राफी देकर सम्मानित किया। मदरसा रजा-ए-मुस्तफा तुर्कमानपुर गोरखपुर ने‌ मदारिसे अरबिया ग्रुप में प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया।

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