अमृत सरोवर मत्स्य पालन के लिए हो गया पट्टा
गोला गोरखपुर ।बांसगांवसंदेश।
सूबे की सरकार द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च करके स्वच्छ जल और गांव में प्रभात वंदन के लिए अमृत सरोवर बनवाया गया है। जहां लोग सुबह स्नान ध्यान करे टहले और बैठने के लिए सिमेंट की कुर्सी भी लगी है। लेकिन विकास खण्ड गोला के ग्राम पंचायत भरसी में अमृत सरोवर भी मत्य पालन के लिए पट्टा कर दिया गया है।
प्राप्त बिबरण के अनुसार विकास खण्ड गोला के ग्राम पंचायत भरसी में डड़वापार से डेहरीभारके लिए जा रही सड़क किनारे बरही भीट पोखरा है। जिस पर मनरेगा द्वारा लाखों रुपये खर्च कर अमृत सरोवर बनवाया गया। और इस अमृत सरोवर को मत्स्यपालन के लिए पट्टा कर दिया गया है। इस बारे में ग्राम प्रधान ने बताया कि पट्टा हो गया है। यह जानकारी है। लेकिन पट्टा हमारे द्वारा नही हुआ है। ग्राम विकास अधिकारी भी यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि हमे पट्टा होने की कोई जानकारी नहीं है। जब इस बारे में गोला के बीडीओ मनरेगा दिवाकर सिंह से बात किया तो उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर पट्टा नही हो सकता है। हमें इसकी जानकारी नही है।इसका पता कराते हैं। *जब इस बारे में तहसीलदार गोला बृजमोहन शुक्ल से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि तालाब किसी भी तरह का हो वह पट्टा हो सकता है।*
अब प्रश्न यह उठता है कि जब इस पोखरे में मत्स्यपालन होगा तो इसका जल स्वच्छ कैसे रहेगा? और यदि कोई स्नान करने आता है। तो पट्टाधारक उसपर अपना मालिकाना हक बताते हुए वहां से हटा सकता है। जो ग्राम सभा में एक विवाद को जन्म् देगा। भरसी गांव के लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे हैं कि यदि सरकार को पोखरे का पट्टा ही करना था तो इसपर इतना खर्च करने की जरुरत क्या थी?.
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