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    विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक शिक्षक गिरफ्तार

    ➡️ विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक शिक्षक गिरफ्तार*


     *विधानसभा के सामने सड़क जामकर घंटों किया प्रदर्शन* *तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली की मांग पर अड़े शिक्षक नेता*

     *गिरफ्तार शिक्षक नेता व समर्थक ईको गार्डन से शाम 5 बजे रिहा किए गए*

     लखनऊ बांसगांव संदेश। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपनी मांगों के समर्थन में विधान सभा का घेराव किया गया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षक संघ के क्रांतिकारी नेताओं व पुलिस के मध्य तीखी नोक झोंक हुई। विधान सभा जाने पर आमादा शिक्षक नेताओं को धक्का मुक्की के दौरान चोटें आईं। शिक्षक रॉयल होटल के सामने सड़क पर धरने बैठे रहे। प्रदर्शन कर रहे हजारों शिक्षकों को गिरफ्तार कर बसों में भरकर इको गार्डन ले जाया गया। धरने का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायन सिंह व संचालन महामंत्री रामबाबू शास्त्री ने किया। विधानसभा सत्र को छोड़ कर राज बहादुर सिंह चंदेल ने भी धरने में सम्मिलित हुए और गिरफ्तारी दी। गिरफ्तार शिक्षकों को ईको गार्डन में रिहा कर दिया गया।मांग पत्र में कहा गया है कि माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के परिवार आर्थिक विपन्नता एवं भुखमरी के शिकार हो रहे है। उनकी सेवा समाप्ति पर पुर्नविचार करते हुए विनियमित किया जाय तथा उनका रोका हुआ वेतन तत्काल निर्गत किया जाय। शासन के आदेश दिनांक 09 नवम्बर 2023 को वापस लिया जाय । पुरानी पेंशन (ओ०पी०एस०) बहाल की जाय । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एनपीएस की अधिसूचना 28 मार्च 2005 को जारी की गयी थी अतः केन्द्र के निर्णय के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार भी 28 मार्च 2005 से पूर्व के विज्ञापनों द्वारा नियुक्त शिक्षक / कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ दें तथा प्रदेश के सभी जनपदों के एनपीएस खातो की जांच करायी जाय। यदि शिक्षकों एवं कर्मचारियों की धनराशि अन्य कहीं निवेशित की गयी है तो दोषियों को तत्काल दण्डित किया जाय । भविष्य में पूर्ण रूपेण इसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाय।मांग पत्र में कहा कि तदर्थ शिक्षको के साथ सरकार अन्याय कर रही है। विषय विषेशज्ञों की नियुक्ति का विज्ञापन 2002 के पूर्व का है अतः इनकी भी सूचना प्राप्त कर इन्हें ओपीएस में लिया जाय । विद्यालय लेजर तथा प्रत्येक शिक्षक / कर्मचारी की एनपीएस पुस्तिका पूरित कराकर सत्यापन तत्काल कराया जाय। प्रमाणित कर शिक्षक / कर्मचारी को उपलब्ध कराया जाय । उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 की सेवा शर्त में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धाराएं (उ०प्र०माध्यमिक शिक्षा के 1921 के अधिनियम तथा माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड / आयोग नियमावली 1981 एंव संशोधित नियमावली 1998 ) पूर्व की भांति यथावत रखी जाय ।इस दौरान लवकुश मिश्रा, नर्सिंग बहादुर सिंह, संजय द्विवेदी, संत सेवक सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अरविंद, सुधाकर सिंह, प्रमोद सिंह, डा.अजय कुमार सिंह, डा.राजेश कुमार पांडेय, संत सेवक सिंह, संत सेवक सिंह, रणजीत सिंह, रविंद्र प्रताप सिंह, राजेश चंद चौधरी, राम प्रताप सिंह, दिवाकर गुप्ता जितेंद्र सिंह,विवेक सिंह, प्रदीप सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, शैलेश सिंह, राकेश सिंह, रामानंद द्विवेदी, प्रवेश शाक्य, यादवेंद्र सिंह परिहार, महिपाल सिंह, ज्योतिष पांडेय, रंजीत सिंह,श्री नारायन मिश्रा, सत्येंद्र शुक्ला, सोमदेव सिंह,सचिन कुमार, विमलेंद्र शर्मा, बांके सिंह, देवेंद्र सिंह, अनिल पाठक, प्रवेश प्रजापति, सुलेखा जैन, ज्योतिष पांडेय, अशोक चौरसिया, रणजीत सिंह, रविंद्र प्रताप सिंह, राजेश चंद चौधरी, राम प्रताप सिंह, दिवाकर गुप्ता जितेंद्र सिंह,विवेक सिंह, प्रदीप सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, धनंजय सिंह, दिनेश सिंह, विनय कुमार सिंह, राजेश सिंह सहित हजारों लोग उपस्थित रहे। *शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का कांग्रेस मुख्यालय पर धरना* *अभ्यर्थियों ने की प्रियंका गांधी से मुलाकात की मांग* *पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला को सौंपा ज्ञापन* लखनऊ। संवाददाता:बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को माल एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। अभ्यर्भी हाथों में 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला और चयनित शिक्षकों को नियुक्ति की मांग के जुड़े पोस्टर लिए थे। अभ्यर्थियों ने यहां अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की। अभ्यर्थी कांग्रेस की नेता व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कराने की मांग कर रहे थे। साथ ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं से आरक्षण में हुए घोटले और आरक्षित वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के लिए सरकार से बात करने की मांग की। धरने पर बैठे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने अपना ज्ञापन पूर्व विधायक श्याम किशोर शुक्ला को सौंपा। इसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को गाड़ियों से ईको गार्डेन छोड़ दिया। इससे पहले गुरुवार को शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने बपसा कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से मुलाकात कर समर्थन मांगा था। *यूपी: सड़क से लेकर सदन तक गूंजा शिक्षकों के हकों का मामला* *झड़प और नोकझोंक के बाद हिरासत में लिए गए शिक्षक* अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ।प्रदेश में माध्यमिक व बेसिक शिक्षकों से जुड़ा मामला शुक्रवार को सड़क से सदन तक गूंजा। एक तरफ जहां शिक्षकों ने विधानसभा घेराव का प्रयास व सड़क पर धरना-प्रदर्शन कर सभा की। वहीं एक दूसरे संघ ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश भर में बीआरसी पर धरना दिया। जबकि शिक्षक नेताओं ने विधानसभा व विधान परिषद में उनसे जुड़े मुद्दे उठाए।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने एडेड विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों की बहाली, उनका बकाया वेतन जारी करने, एनपीएस घोटाले की सीबीआई जांच व पुरानी पेंशन बहाली के लिए पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार विधान सभा घेराव का प्रयास किया। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायन सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने बापू भवन के पास सभाकर अपना विरोध दर्ज किया। इसके बाद शिक्षक विधानसभा घेराव के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसे लेकर उनकी नोकझोंक हुई। शिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठकर सभा करने लगे। प्रदर्शन में विधानसभा सत्र छोड़कर एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल भी शामिल हुए। काफी देर चले प्रदर्शन के बाद पुलिस शिक्षकों को हिरासत में लेकर बस से ईको गार्डेन ले गई। वहां भी गिरफ्तारी करने के लिए शिक्षकों की पुलिस से नोकझोंक हुई। धरने में महामंत्री रामबाबू शास्त्री, संजय द्विवेदी, लवकुश मिश्रा, नर्सिंग बहादुर सिंह, संत सेवक सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अरविंद आदि शामिल थे।तदर्थ शिक्षकों के लिए जेल भरो आंदोलन प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में कई साल से काम कर रहे दो हजार से अधिक तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने पार्क रोड स्थित निदेशालय पर धरना दिया। संघ के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि दीपावली के पूर्व धनतेरस के दिन शिक्षकों की सेवा समाप्ति का शासनादेश निकालकर शिक्षकों के घरों में अंधेरा कर दिया गया। हम इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे और जरूरी हुआ तो जेल भरो आंदोलन भी किया जाएगा।उप्र प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चन्द्र शर्मा ने कहा तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के संघर्ष में प्राथमिक शिक्षक भी भागीदारी करेगा। अगर सरकार का शिक्षक विरोधी रवैया नही बदला तो शिक्षक उनके खिलाफ बटन दबाने में गुरेज नहीं करेगा। शिक्षकों का ज्ञापन लेते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के लिए वैकाल्पिक व्यवस्था की जा रही है। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सम्बन्धी धारा 21 का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। धरने को संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र, एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, सुभाष चन्द्र शर्मा, इन्द्रासन सिंह, पूर्व एमएलसी सुभाष चन्द्र शर्मा, महेश चन्द्र शर्मा, डा. प्रमोद कुमार मिश्र आदि ने संबोधित किया। *पहले शिक्षकों की मांगें पूरी हो फिर हो रियल टाइम उपस्थिति* बेसिक विद्यालयों में शिक्षकों की लंबित मांगों पर कार्रवाई किए बिना रियल टाइम उपस्थिति लागू करने के विरोध में विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर बीआरसी पर धरना दिया।एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सालों से पदोन्नति लंबित है। परस्पर तबादले, समायोजन, वेतन विसंगति का हल नहीं निकला। शिक्षकों को निजी मोबाइल, सिम व डाटा के प्रयोग के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा किजब तक हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती, तब तक हम ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार करते हैं। यदि जल्द हमारी मांगे ना पूरी हुई तो शिक्षक सड़क पर उतरने पर मजबूर होगा *शिक्षकों ने ये भी उठाई मांगें* - आधे समय का सीएल दिया जाए - राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा - दुर्गम क्षेत्रों मे पढ़ाने वाले शिक्षकों को आवास की सुविधा - किसी कारण से विद्यालय पहुंचने मे थोड़ी देरी पर वेतन न कटे *एकेटीयू में एबीसी आईडी अनिवार्य, न होने पर नहीं दे सकेंगे परीक्षा* *संबद्ध 121 कॉलेजों में एक भी विद्यार्थी की नहीं बनी एबीसी आईडी* *अब तक मात्र 174908 छात्रों की ही बन सकी है एबीसी आईडी* लखनऊ, संवाददाता।डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) आईडी को अनिवार्य कर दिया गया है। बिना एबीसी आईडी के कोई भी छात्र परीक्षा नहीं दे सकेगा।एकेटीयू में सेमेस्टर परीक्षाओं में शामिल होने के लिए एबीसी आईडी को जरूरी कर दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के तहत कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने संबद्ध संस्थानों को छात्र-छात्राओं की एबीसी आईडी बनवाने के लिए कई बार पत्र लिखा। इसके बावजूद संबद्ध कुल 718 कॉलेजों में 121 कॉलेजों में एक भी विद्यार्थी की एबीसी आईडी नहीं बनवाई गई। जबकि अन्य 597 कॉलेजों के 285366 विद्यार्थियों में शुक्रवार तक 174908 छात्र-छात्राओं की ही एबीसी आईडी बन पाई है। जिसको लेकर कुलपति ने नाराजगी जताई। साथ ही सभी संस्थानों को पत्र जारी किया। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जिन छात्रों की एबीसी आईडी नहीं बनेगी उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। *वर्चुअल डाटा रखने में होगी आसानी* कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि एबीसी आईडी के जरिए हर छात्र का वर्चुअल डाटा रिकार्ड रखने में आसानी होगी। यह प्रक्रिया नई शिक्षा नीति को लचीला बनाने के लिए लाई गई है। इससे छात्र को अपने हिसाब से पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलेगा। अगर छात्र के पास एबीसी में पुराने रिकॉर्ड जमा रहेंगे तो वह पढ़ाई छोड़ने के बाद कभी भी दोबारा शुरू कर सकेगा। यानी विद्यार्थियों के पास कॉलेज में मल्टीपल एंट्री और एक्जिट का विकल्प होगा। *क्रेडिट की लाइफ अधिकतम सात वर्ष* एबीसी आईडी में ग्रेजुएशन के लिए 3 से 4 साल के आधार पर डॉक्यूमेंटेशन रखा गया है। एक साल पर सर्टिफिकेट, 2 साल पर एडवांस डिप्लोमा, 3 साल पर ग्रेजुएट डिग्री और 4 साल के बाद रिसर्च संग ग्रेजुएशन की डिग्री मिलेगी। एबीसी में स्टोर क्रेडिट की अधिकतम लाइफ 7 साल होगी। एबीसी पर छात्र के रजिस्ट्रेशन के बाद उसे एक स्पेशल आईडी और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन करना होगा *विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि के लिए बनेगी कमेटी* लखनऊ, प्रमुख संवाददाता।विधायकों (एमएलए -एमएलसी) के वेतन-भत्ते में वृद्धि के लिए जल्द ही कमेटी बनेगी जो इस पर अमल के तरीके पर भी सुझाव देगी। मसलन, प्राइस एण्ड इंडेक्स के आधार पर वेतन-भत्ते बढ़ाना उचित रहेगा या मनी इण्डेक्स के आधार पर अथवा परम्परागत तरीके से। यह आश्वासन विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने दिया।शून्यकाल में भाजपा के उमेश द्विवेदी द्वारा उठाए गए मामले को कई मंत्रियों समेत पूरे सदन का समर्थन था। तमाम सदस्यों ने वेतन-भत्ते की वृद्धि तत्काल करने के अलावा फोन बिल एवं रिफण्ड आदि के तरीके में बदलाव के सुझाव दिये। कुछ सदस्यों ने इसके लिए एक पृथक आयोग के गठन तक की मांग की। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह द्वारा सदस्यों की भावनाओं का जिक्र करते हुए सरकार से जवाब देने को कहा। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वे सदन के विचारों से पूर्ण सहमत होते हुए इस मुद्दे को उच्च स्तर पर रखेंगे। क्या निर्णय होता है और उसे किस पद्धति से लागू करने के फैसला लिया गया है, उससे सदन को अवगत कराएंगे। *700 पदों पर नियुक्तियों से विश्वविद्यालय में का माहौल सुधरा* प्रयागराज, संवाददाता।इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर विजयनगरम हाल में अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। शिक्षकों ने कहा कि 700 पदों पर नियुक्तियों से विश्वविद्यालय में का माहौल सुधरा है। ऐसा पहली बार है जब किसी एक कुलपति के कार्यकाल में रिक्त पदों पर इतनी अधिक संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। कायाकल्प नाम से एक काफी टेबल बुक का विमोचन किया गया।प्रो. पंकज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय की आयरन लेडी भी कहा जाता है। अधोसंरचना विकास, प्रांगण में सकरात्मक माहौल का विकास, क्यूएस में विश्वविद्यालय की सुधरती रैंकिंग आदि शामिल हैं। प्रो एसआई रिजवी ने कहा कि कुलपति अपने ही विश्वविद्यालय की बात करती हैं। अभी तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक बनाना रिपब्लिक के तौर पर देखा जाता था। प्रो. हेरंब चतुर्वेदी ने कहा कि कुलपति के हौसले आसमान से भी ऊंचे हैं। प्रो. हर्ष कुमार ने कहा कि तमाम आंदोलनों के बावजूद कुलपति ने आफलाइन परीक्षा कराई और सौ साल से रुकी हुई फीस बढ़ाई।इस दौरान संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने महुआ झरे गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्ति गायन व दीप प्रज्ज्वलन किया गया। कुलपति के कार्यकाल पर बनी लघु फिल्म भी दिखाई गयी। कुलपति ने अपनी एक कविता 'मैं मालिन हूं' द्वारा विश्वविद्यालय के विकास के लिए अपने निस्वार्थ प्रयास को बताया। जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर, कुलसचिव प्रो. एन के शुक्ला उपस्थित रहे। *सीबीएसई 10वीं-12वीं में विशेष योग्यता नहीं देगा* नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई डिवीजन (श्रेणी) या डिस्टिंक्शन (विशेष योग्यता) नहीं दी जाएगी।सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि कोई श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी अभ्यर्थी ने पांच से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला संस्थान या नियोक्ता, उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है। बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता, उसकी घोषणा नहीं करता या सूचना नहीं देता। यदि उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंक प्रतिशत आवश्यक है तो गणना नियोक्ता द्वारा की जा सकती है। *बेंगलुरु में 68 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी* बेंगलुरु, एजेंसी। बेंगलुरु के 68 निजी स्कूलों को शुक्रवार सुबह ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई। सभी स्कूलों को एक साथ भेजे गए ई-मेल दावा किया गया कि स्कूलों के अंदर बम रखे गए हैं। स्कूल प्रशासन की सूचना पर पुलिस ने विद्यार्थियों और कर्मचारियों को निकालकर तलाशी अभियान शुरू किया।मौके पर बम डिफ्यूजल स्क्वॉयड, डॉग स्क्वॉयड और एंटी सबोटाज टीम भी पहुंची। स्कूलों में बम की सूचना के बाद अभिभावक बच्चों को लेने पहुंच गए, जिसके बाद अफरातफरी मच गई। पुलिस का कहना है कि अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, ऐसा लगता है कि यह एक फर्जी संदेश है। तलाशी अभियान खत्म हो चुका है। पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने कहा कि इससे पहले भी धमकी भरे पत्र और ई-मेल स्कूलों में आए थे, जो जांच में फर्जी पाए गए थे। पुलिस आज आए मेल का सत्यापन कर रही है। *ग्राम्य विकास विभाग में भरे जाएंगे 35,500 पद* लखनऊ। ग्राम्य विकास विभाग व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में रिक्त करीब 3500 पदों पर शीघ्र भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। मनरेगा, एसआरएलएम व अन्य संस्थाओं में आउटसोर्सिंग व संविदा के माध्यम से 32 हजार कार्मिक रखे जाएंगे। कुल 35500 भर्तियां की जाएंगी।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। *शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि की जाएगी:संदीप सिंह* लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने शुक्रवार को विधान परिषद में आश्वासन दिया कि शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि के मामले में सरकार विचार करेगी। यह भी कहा कि इस मामले में जो भी निर्णय लिये जाएंगे उससे सदन को अवगत करा दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सपा के डा. मान सिंह यादव द्वारा शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।डा. मानसिंह यादव ने पूछा था कि शिक्षा मित्रों के मानदेय के मामले में वर्ष 2018 में हाई पावर कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी का आजतक कोई अता पता नहीं है। उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में मानदेय की राशि 10 हजार कर दिया गया जबकि सपा सरकार में समान कार्य समान वेतन के आधार पर सहायक शिक्षक के बराबर शिक्षा मित्रों का मानदेय 40 हजार कर दिया गया था। *सेवानिवृत्ति के एक माह में शिक्षकों को जीपीएफ भुगतान* लखनऊ। संस्कृत महाविद्यालयों से सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों के जीपीएफ का एक माह के भीतर भुगतान होगा। विधान परिषद में सभापति मानवेन्द्र सिंह ने प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब के दौरान यह निर्देश दिए। शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने संस्कृत महाविद्यालयों से सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को जीपीएफ की छनराशि का अन्तिम भुगतान नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया था। *बेकाबू वाहन ने शिक्षक को रौंदा, मौत* हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ वृन्दावन सेक्टर- 11 में गुरुवार को तेज रफ्तार वाहन ने शिक्षक केशव सिंह (32) को रौंद दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद चालक गाड़ी लेकर मौके से भाग निकला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वृन्दावन सेक्टर- 9 एल्डिको सौभाग्यम निवासी मूलरूप से बाराबंकी के हैदरगढ़ त्रिवेदीगंज के रहने वाले थे। वह बाराबंकी के सादुल्लापुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक थे। केशव वृन्दावन सेक्टर-चार में बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते थे। गुरुवार रात बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर घर लौट रहे थे। रात करीब नौ बजे सेक्टर- 11 के पास पहुंचे ही थे, तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने केशव को रौंद दिया। हादसा देखकर अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों को जुटता देखकर आरोपित चालक गाड़ी समेत भाग निकला। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में एपेक्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर पीजीआई बृजेश तिवारी के मुताबिक चचेरे भाई अरविंद सिंह की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। *छात्रवृत्ति के लिए अब 31 दिसंबर तक करें आवेदन* हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने के कारण छात्रवृत्ति के लिए आवेदन से वंचित राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा 2022 में सफल 14090 छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। शिक्षा मंत्रालय ने छात्रवृत्ति क्लेम करने के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। पिछले साल सफल छात्र-छात्राओं के साथ ही नवीनीकरण के सभी लाभार्थी क्लेम बिल डाटा 31 दिसंबर तक अपलोड कर सकते हैं।मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चन्द्रा के अनुसार प्रथम स्तर विद्यालय (इंस्टीट्यूट नोडल ऑफिसर) पर 15 जनवरी 2024 तक डाटा सत्यापित होंगे और उसके बाद द्वितीय स्तर जिला विद्यालय निरीक्षक (डिस्ट्रिक्ट नोडल ऑफिसर) पर 30 जनवरी तक डाटा सत्यापित होंगे। शिक्षा मंत्रालय ने इस साल से आईएनओ और डीएनओ के बायो ऑथेंटिकेशन का निर्णय लिया है। लेकिन आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बायो ऑथेंटिकेशन न होने और पोर्टल पर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू न होने के कारण सफल छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे। इन बच्चों को कक्षा नौ से 12 तक प्रतिमाह एक हजार या प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलती है। *ड्रोन पायलटों की कमी पूरी करेगा सीएसए, मिलेगी नौकरी* कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता।ड्रोन तो खूब हो गए लेकिन इसके प्रशिक्षित पायलटों की कमी है। इस कारण ड्रोन का भरपूर प्रयोग नहीं किया जा पा रहा है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) ने एक कंपनी के सहयोग से इस कमी को पूरा करने का बीड़ा उठाया है। दो महीने के प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को स्टाइपेंड दिया जाएगा। इसके बाद यदि वे इच्छुक होंगे तो उन्हें नौकरी भी दी जाएगी।एक ड्रोन कंपनी ने एग्रीकल्चरल ड्रोन का प्रशिक्षण देना शुरू किया है। फिलहाल सीएसए में 30 छात्रों ने इसमें रुचि दिखाई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन ड्रोन पायलटों को गांव-गांव जाकर इसका प्रदर्शन करना होगा। इसके फायदे बताने होंगे। बताना होगा कि किस तरह इससे दवाओं आदि का छिड़काव समान रूप में हो पाता है। कितना समय बचता है। यदि फसल में कीट आदि लगते हैं तो उसका भी पता चल सकता है।प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को 150 रुपये प्रतिदिन स्टाइपेंड के रूप में दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान रहने की भी सुविधा दी जाएगी। दो माह का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद छात्र व अभ्यर्थी को ड्रोन पायलट लाइसेंस (आरपीसी) दिया जाएगा। साथ में इंटर्नशिप सर्टिफिकेट व अनुभव प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यदि इंटर्नशिप के दौरान प्रदर्शन ठीक रहा तो उसे स्थायी नौकरी दी जाएगी।सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ड्रोन पायलट के लिए सीएसए में उनके विभाग में आवेदन किया जा सकता है। इससे ड्रोन पायलटों की कमी दूर हो जाएगी। *केजीएमयू भर्ती में आरक्षण का मुद्दा सदन में उठा, साक्षात्कार स्थगित* हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ केजीएमयू में शिक्षक भर्ती अटक गई है। सदन में मामला उठने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने दिसंबर में प्रस्तावित साक्षात्कार स्थगित कर दिया है। शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगे हैं। इस संबंध में राजभवन ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही भर्ती से संबंधित दस्तावेज तलब किए गए हैं।केजीएमयू में जुलाई 2022 में​ शिक्षकों के 141 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। आरोप हैं कि विज्ञापन में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। इसको लेकर तमाम संगठनों ने अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की। किरकिरी से बचने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने नया विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद भी शिकायतों का सिलसिला खत्म नहीं हुआ। आरोप हैं कि आरक्षण के नियमों की लगातार अनदेखी हो रही है।शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का मसला गुरुवार को सदन में उछला। मामले की जांच शुरू हो गई है। भर्ती से संबंधित दस्तावेज जुटाने की शुरुआत हो गई है। भर्ती संबंधित सभी कागज राजभवन के पास भेजकर केजीएमयू अपना पक्ष रखेगा। आनन-फानन में केजीएमयू प्रशासन ने कार्यपरिषद की बैठक स्थगित कर दी। दिसंबर में प्रस्तावित साक्षात्कार भी टाल दिए हैं। इससे पहले सांसद कौशल किशोर भी केजीएमयू शिक्षक भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इस संबंध में उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट भी किया था। शिक्षक भर्ती नियमों के तहत हो रही है। साक्षात्कार प्रक्रिया कुछ दिन के​ लिए स्थगित की गई है। जल्द ही नई तिथियां जारी की जाएंगी। डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू केजीएमयू शिक्षक भर्ती में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है। आदेशों के बावजूद गलती सुधारने की दिशा में प्रयास नहीं किया गया। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। आराक्षण नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ महासंघ अभियान चलाएगा। रामचन्द्र पटेल, अध्यक्ष, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ *शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि करने पर विचार करेगी सरकार, सदन में आश्वासन* लखनऊ, प्रमुख संवाददाता:बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने शुक्रवार को विधान परिषद में आश्वासन दिया कि शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि के मामले में सरकार विचार करेगी। यह भी कहा कि इस मामले में जो भी निर्णय लिये जाएंगे उससे सदन को अवगत करा दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री प्रश्नकाल में सपा के डा. मान सिंह यादव द्वारा शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।डा. मानसिंह यादव ने पूछा था कि शिक्षा मित्रों के मानदेय के मामले में वर्ष 2018 में हाई पावर कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी का आजतक कोई अता पता नहीं है। उसका क्या हुआ? उ‌न्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में मानदेय की राशि 10 हजार रुपये कर दिया गया जबकि सपा सरकार में समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर सहायक शिक्षक के बराबर शिक्षा मित्रों का मानदेय 40 हजार रुपये कर दिया गया था। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 हजार शिक्षा मित्रों को छोड़कर शेष को रिवर्ट कर दिया जिससे मानदेय की राशि पुरानी स्थित में पहुंच गई। बेसिक शिक्षा मंत्री ने पहले तो यह कहा कि वर्तमान में शिक्षा मित्रों को जो मानदेय दिया जा रहा है, उसमें वृद्धि करने कोई विचार नहीं है लेकिन जब कई सदस्यों की ओर से कड़ा विरोध किया जाने लगा तो सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने बीच-बचाव कर बेसिक शिक्षा मंत्री से कहा कि उन्हें इस पर विचार करना चाहिए। तब संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि करने पर विचार किया जाएगा। *शिक्षकों की गिरफ्तारी और नजरबंदी के खिलाफ निर्दल समुह ने किया विधान परिषद से बहिर्गमन* लखनऊ, प्रमुख संवाददाता।विधान परिषद में शुक्रवार को निर्दल समूह ने विभिन्न जिलों से आए प्रदर्शनकारी शिक्षकों की गिरफ्तारी और नजरबंद किये जाने का मुद्दा उठाया। राजबहादुर सिंह चंदेल ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके विरोध में शिक्षक धरना देने के लिए लखनऊ आ रहे थे। उनको जिलों में ही नजरबंद कर लिया गया। जो यहां आ गए उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। रायल होटल पर धरना दे रहे शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। निर्दल समूह के ही सदस्य आकाश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। अघोषित इमरजेंसी का माहौल बना दिया है। इसकी संयुक्त समिति बना कर जांच कराई जानी चाहिए। जवाब में नेता सदन के रूप में मौजूद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों के मसले पर सरकार संवेदनशील है। सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में निर्णय लिया है। प्रदर्शन कहां होना चाहिए, यह स्थानीय प्रशासन को देखना होता ताकि कोई अप्रिय स्थित न हो और जनता को कोई परेशानी भी न हो। इस पर आकाश अग्रवाल वेल में आ गए और कहा कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हम इसकी निंदा करते हैं। सभापति ने उनको वेल में आने से रोका। उसके बाद निर्दल समूह के सदस्य नारेबाजी करते हुए वॉक आउट कर गए। *69000 शिक्षक भर्ती मामला कोर्ट में विचाराधीन, इस पर चर्चा नहीं हो सकती : सुरेश खन्ना* लखनऊ। विशेष संवाददाता:उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को सरकार ने साफ किया कि 69000 शिक्षक भर्ती का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर चर्चा नहीं हो सकती है।असल में सदन में सपा के सदस्य लालजी वर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को स्वत: संज्ञान लेकर इसका जवाब देना चाहिए। इसमें 6800 शिक्षक लाठी-डंडा खा रहे हैं। सरकार को कोर्ट के निर्देश के हिसाब से मामले में समायोजन करना चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में इस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती है। लालजी वर्मा ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है। 19 हजार अनुसूचित जाति-पिछड़े वर्ग का हक मारा गया है, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए। यह कोर्ट में विचाराधीन मामला है। लालजी वर्मा ने कहा कि केस सब ज्यूडिस है तो उसमें कौन गया है? इस पर सुरेश खन्ना ने कहा कि इसकी सूचना मेरे पास नहीं है। सूचना मंगा कर देंगे लेकिन जो आपने आरोप लगाए हैं, उसका हम खंडन करते हैं। *पोर्टल पर पद अपडेट नहीं, 79 कॉलेजों से जवाब तलब* प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता।वैकेंसी ग्रिड पोर्टल को अपडेट न करने पर उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने प्रदेश के 79 राजकीय स्नातक व स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों से जवाब तलब किया है। शिक्षा निदेशालय ने 20 नवंबर को वैकेंसी ग्रिड पोर्टल को अपडेट करने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्धारित समयावधि के बाद भी 79 राजकीय महाविद्यालयों ने न तो वैकेंसी ग्रिड पोर्टल पर रिक्त पदों की संख्या को अपडेट किया और न ही वैकेंसी ग्रिड को लॉक किया।लिहाजा सूची में शामिल महाविद्यालयों के प्राचार्य जिम्मेदार कार्मिक/शिक्षक का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अपना स्पष्टीकरण शनिवार शाम पांच बजे तक उच्च शिक्षा निदेशक को ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। शिथिलता बरतने वाले प्राचार्य अनुशासनिक कार्यवाही किए जाने पर स्वयं उत्तरदायी होंगे। निदेशक ने साफ किया है कि प्रदेश के सभी राजकीय विभागों में पद की उपलब्ध रिक्तियों की सूचना का सख्त अनुश्रवण शासन स्तर से किया जा रहा है। *हाईकोर्ट का फैसला: शादीशुदा भाई अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं, पीएसी में तैनात ड्राइवर के भाई का दावा खारिज* अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अविवाहित मृतक कर्मचारी के शादीशुदा भाई को अनुकंपा नियुक्ति देने से इन्कार कर दिया। कहा कि शादीशुदा भाई अविवाहित मृतक कर्मचारी का आश्रित होने का दावा नहीं कर सकता यह फैसला न्यायमूर्ति अजीत कुमार की अदालत ने याची संजय कुमार याचिका को खारिज करते हुए सुनाया। याची ने पीएसी गोरखपुर में ड्राइवर के पद पर तैनात रहे अपने मृतक अविवाहित भाई के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति के दावे को खारिज करने वाले आदेश को चुनौती दी थी।याची के अधिवक्ता दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा विमला देवी के प्रकरण में स्थापित विधि व्यवस्था के आलोक में याची को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की थी। दलील थी कि विमला देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बहन को भाई की अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना है तो शादीशुदा भाई के साथ लैंगिक भेदभाव न कर उसे भी भाई की अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना जाना चाहिए।कोर्ट ने याची के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अविवाहित मृतक कर्मचारी का आश्रित केवल अविवाहित भाई, बहन, माता और पिता को ही माना जा सकता है। वर्तमान मामले में याची शादीशुदा होने के साथ ही मृतक कर्मचारी का बड़ा भाई है। इसलिए उसे मृतक भाई की अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं माना जा सकता। *शिक्षक भर्ती में कोर्ट के निर्णय के बाद उठाएंगे कदम* लखनऊ। विधान परिषद में सरकार ने 69,000 शिक्षक भर्ती के मामले में कोर्ट के निर्णय के बाद ही कोई कदम उठाने की बात कही है। शुक्रवार को जब विधान परिषद में यह मामला उठा तो बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लिहाजा कोर्ट के निर्णय के बाद ही इस मामले में सरकार कोई निर्णय कर सकेगी। *13 मेडिकल कालेजों में आगामी सत्र से पढ़ाई* लखनऊ। राज्य के 13 जिलों में निर्माणाधीन मेडिकल कालेजों में आगामी शैक्षिक सत्र से पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। 



    मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि इन मेडिकल कालेजों का बाकी काम इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के काम की समीक्षा करते हुए कहा कि इन मेडिकल कालेजों के निर्माण कार्यों में तय मानक व गुणवत्ता से कतई समझौता न किया जाये। इसके अलावा उन्होंने फेज-1 व फेज-2 के अवशेष कार्यों में भी प्रगति लाने के निर्देश दिये।

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