आईजीएल व एम एम एम टी यू के मध्य एम ओयू पर हस्ताक्षर हुआ
आईजीएल व एमएमएमटीयू के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ
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सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।इंडिया ग्लाईकॉल्स लिमिटेड के बिजनेस हेड एस के शुक्ल व मदन मोहन मालविया प्रद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी सैनी, कुलसचिव जय प्रकाश, प्रोफेसर पीके सिंह,डॉ सुनील कुमार मिश्रा, विट्ठल गोले ने आज शाम पांच बजे एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया की इस एमओयू के तहत टेट्रा पैक के रियूज एवं केमिकल,संरचना तथा पूर्वांचल के किसानों को मक्के की खेती तथा उनकी आय को स्त्रोतो को बढ़ाने पर कार्य किया जाएगा।
एमएमएमटीयू विश्विद्यालय इस एमओयू के तहत आईजीएल के लिए शोध का आधार तैयार करेगा और फैक्ट्रीयो में होने वाली समस्यायों के निदान पर शोध के माध्यम से कार्य करेगा।आईजीएल विश्वविद्यालय के छात्रों को औद्योगिक व तकनीकी ज्ञान मुहैया कराएगा तथा दोनों संस्थाएं मिलकर औद्योगिक विकास,नए उद्योगों का सृजन के साथ ही आधुनिक भारत की संभावनाओं के अनुरुप कई कार्य करेंगे। बिजनेस हेड एस के शुक्ल ने कहा की आईजीएल सदैव पूर्वांचल के विकास में अहम भूमिका निभाएगा तथा कुलपति जेपी सैनी से यूएस,ब्राजील की तकनीकीयो को भी साझा किया। कुलपति जेपी सैनी ने कहा की यह एमओयू गोरखपुर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और एस के शुक्ल के द्वारा कराए जा रहे समाजिक कार्यों की भी प्रशंसा किया। विभागाध्यक्ष पीके सिंह एवं एसोसिएट प्रोफेसर विठल गोले ने कहा की आईजीएल कंपनी एवं विश्विविद्यालय पिछले वर्ष से ही साथ मिलकर कई शोध प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे है। जहा इस एमओयू के तहत रसायन, मैकेनिकल,सिविल, इलेक्ट्रिकल,मानव संसाधन,तथा कृषि सहित कई अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान होगा और जिसका सीधा लाभ समाज और देश को होगा।
एमओयू के दौरान कुलसचिव जय प्रकाश तथा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पीके सिंह, वीके मिश्र,अभिजीत मिश्र, विट्ठल गोले , डॉ सुनील कुमार मिश्रा अखिलेश शुक्ल उपस्थित रहे।
आज हुए एमओयू पर कुलपति ने हर्ष व्यक्त किया और कहा की इस करार से विज्ञान, रसायन, इंजिनियरिंग डिजाइन सरंचना,में नवाचार, गतिशीलता, का भी आदान-प्रदान होगा। इस एमओयू पर कुलपति, कुलसचिव ,विभागाध्यक्ष ,तथा अन्य प्रोफेसर ने हर्ष व्यक्त किया।बिजनेस हेड से कहा की छात्रों को शिक्षा के साथ साथ उद्योगों की भी जानकारी प्राप्त हो सके और वे आगे शिक्षा ग्रहण कर समाज के विकास में योगदान दे सके।
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