राजा का प्रतिज्ञा: जो धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का होगा विवाह-आराधना देवी
सीता-राम विवाह कथा सुन भाव-विभोर हुए लोग
राजा का प्रतिज्ञा: जो धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का होगा विवाह-आराधना देवी
गजपुर गोरखपुर। बस्तुपार गांव में चल रहे श्री राम कथा में आराधना देवी जी ने सातवें दिन शुक्रवार को श्री रामचरित मानस की कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। काशी धाम से पधारी कथा वाचिका आराधना देवी जी ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम में संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया। कथा की समाप्ति के बाद बांसगांव विधायक विमलेश पासवान, सांसद प्रतिनिधि अरबिन्द पांडेय व भक्तगणो ने आरती की। इस मौके पर उमाशंकर दुबे, शम्भू नाथ दुबे, कंचन दुबे, घनश्याम दुबे, शुभम दुबे, अंकुर श्रीवास्तव,विनित दुबे शनि,छोटु,सन्त दुबे, समस्त ग्रामवासी एवं श्रोतागण उपस्थित रहे।
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