Header Ads

ad728
  • Breaking News

    महिलाओं को मिला बड़ा अधिकार ,पति की जगह बच्चों को बना सकेगी पेंशन का हकदार

    ❇️ *महिलाओं को मिला बड़ा अधिकार, पति की जगह बच्चों को बना सकेंगी पेंशन का हकदार*

     केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महिला कर्मचारी वैवाहिक विवाद के मामले में पति के बजाय अपने बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामांकित कर सकेंगी.केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन), 2021 का नियम 50 सरकारी कर्मचारी या रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति देता है.अगर किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की जीवित पति या पत्नी हैं, तो पारिवारिक पेंशन सबसे पहले पति या पत्नी को दी जाती है. *सरकार ने नियमों में बदलाव किया* नियमों के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के जीवन साथी के पारिवारिक पेंशन के लिए अयोग्य हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने पर ही परिवार के अन्य सदस्य अपनी बारी पर पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र बनते हैं. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने अब नियमों में संशोधन किया है और एक महिला कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन के लिए अपने पति के बजाय अपने बच्चे/बच्चों को नामांकित करने की अनुमति दी है. पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) के सचिव वी श्रिनिवास ने कहा, 'उन सभी मामलों में जिनमें तलाक की याचिका दायर की गई है या घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत याचिका दायर की गई है या भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामले शामिल हैं, यह संशोधन एक महिला सरकारी कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन पति के बजाय उसके पात्र बच्चे को वितरित करने की अनुमति देता है।


    .' उन्होंने कहा कि यह संशोधन डीओपीपीडब्ल्यू ने प्राप्त अभ्यावेदनों को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के परामर्श से किया.भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1989 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी श्रिनिवास ने कहा, 'यह संशोधन प्रगतिशील प्रकृति का है और पारिवारिक पेंशन के मामलों में महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाता है.

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728