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    मान्यता में भूमि मानक व प्रबंधकीय समिति की जगह बने ट्रस्ट


    स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबन्धक महासभा ने उच्च शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन




    गोरखपुर। बांसगांव संदेश। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबन्धक महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से मिलकर अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन के माध्यम से उच्च शिक्षा मंत्री को बताया कि शासनादेश 2002 में नवीन स्ववित्तपोषित महाविद्यालय खोलने के लिए भूमि का मानक निर्धारित किया गया था, जिसके अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 5000 वर्ग मीटर, नगर पालिका क्षेत्र में 7000 वर्ग मीटर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20000 वर्ग मीटर भूमि निर्धारित की गई थी। किंतु 2006 में आए शासनादेश में भूमि के मानक को घटा दिया गया और नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्र में 5000 वर्ग मीटर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 10000 वर्ग मीटर भूमि निर्धारित की गई तथा महिला महाविद्यालय होने की स्थिति में भूमि का मानक आधा कर दिया गया। प्रतिनिधि मंडल ने उच्च शिक्षा मंत्री से मांग की कि 2002 से पूर्व खुले महाविद्यालयों को 2006 के शासनादेश के अनुसार भूमि का मानक निर्धारित किया जाए तथा शेष भूमि पर उन्हें प्राथमिक, माध्यमिक, तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु अनुमति प्रदान की जाए।
             अपनी दूसरी मांग में महासभा ने बताया कि महाविद्यालय सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 तथा इंडियन ट्रस्ट एक्ट, 1882 के अंतर्गत गठित सोसाइटी अथवा ट्रस्ट द्वारा संचालित किए जाते हैं। प्रदेश में सोसाइटी के अधीन संचालित कतिपय महाविद्यालयों की प्रबंध समिति में आए दिन विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है, जिससे महाविद्यालय के संचालन में कठिनाई आती है तथा प्रबंधकीय विवाद के अनेक मामले विश्वविद्यालय एवं न्यायालय में योजित किए जाते हैं। उक्त प्रकरण से निजात पाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जून 2016 में एक शासनादेश जारी कर समिति को ट्रस्ट में परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान की है। प्रतिनिधिमंडल ने उच्च शिक्षा मंत्री से मांग की है कि महाविद्यालयों में प्रबंधकीय विवाद की स्थिति रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में आवश्यक संशोधन करते हुए समिति को ट्रस्ट में परिवर्तित करने की अनुमति प्रदान की जाए। प्रतिनिधिमंडल में महासभा के अध्यक्ष श्रीप्रकाश पाण्डेय, महामंत्री डॉ० सुधीर कुमार राय, कोषाध्यक्ष अम्बरीष मल्ल, सदस्य प्रभात राय एवं राजेंद्र श्रीवास्तव शामिल थे।

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