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    आईटीएम के छात्रों ने दृष्टि अंगूठी तैयार किया जो नेत्रहीनों की करेगा मदद

    आईटीएम के छात्रो ने दृष्टि अंगूठी तैयार किया जो नेतृहीनों की करेगा मदद 

     सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश ।आईटीएम गीडा गोरखपुर बीटेक की चार छत्रा अमृता सिंह संगीता कुमारी, अमृता मुर्या, अंशिका सिंह नें अपने शिक्षक विनीत राय के साथ मिलकर नेतृहीन लोंगो के लिए श्रीराम दृष्टि नाम का एक ऐसी अंगूठी तैयार किया है जो नेतृहीन लोंगो को रास्ता दिखाएगी l अंगूठी को आईटीएम गीडा की छात्राओं नें बनाया है आईटीएम गीडा के छात्राओं द्वारा बनाया गया श्रीराम अंगूठी के दो भाग है पहला दिव्यांग जन के ऊँगली मे श्रीराम अंगूठी होगा जिसमें एक बटन होता है l दूसरा होता है रिसिवर ऑडिओ डिवाइस जो श्रीराम मंदिर व किसीभी धार्मिक स्थल मेडिकल स्टोर सभी जरुरी स्थानों के आस पास लगे होंगे ब्लाइंड व्यक्ति जरुरत पड़ने पर अंगूठी मे लगे बटन को दबा कर ये जान सकतें है की उनके नजदीक आस-पास क्या है l जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, या को महत्वपूर्ण वाली जगह प्रतिष्ठान शॉपिंग मॉल, मेडिकल की दुकान हॉस्पिटल, इत्यादि। छात्रो ने कहा कि भविष्य मे इस प्रोजेक्ट को हम स्मार्ट सिटी से जोड़ कर ब्लाइंड पर्सन लोंगो के लिए भी कुछ कर सकतें है l रिसीवर सभी धार्मिक स्थलों तथा स्मार्ट सिटी के महत्वपूर्ण जगहों जैसे कोई सरकारी दफ़्तर, मेडिकल स्टोर या कहीं भी. लगा हों सकता है l जैसे को नेतृहीन व्यक्ति रास्ते मे चल रहे हों और उन्हें पता करना हों की वो जहाँ पर खड़े है या जिस रास्ते पर चल रहे है उसके आसपास कोनसी जगह है, तो उन्हें बस अपने ऊँगली मे पहने श्रीराम दृष्टि अंगूठी मे लगे एक बटन को दबाना है जैसे अंगूठी का बटन दबेगा अंगूठी का सिग्नल वहाँ पर आसपास लगे रिसिवर को एक रेडिओ सिग्नल भेजता है जिससे वहाँ पर लगा ऑडिओ डिवाइस एक्टिवेट हों जाता और लाउड स्पीकर उस जगह का डिटेल सॉर्ट मे ऑडिओ के जरिये एनाउंस करता जिसे सुनकर ब्लाइंड पर्सन अपने रास्ते व आसपास के बारे मे जानकारी ले सकतें है l छात्रों नें बताया आयोध्या मे श्रीराम मंदिर के आसपास ऐसे डिवाइस लगा दिए जाये तो नेतृहीन व्यक्ति भी श्रीराम मंदिर व आस-पास बने देवी देवताओं की प्रतिमाओ को महसूस कर सकेंगे l इसे बनाने 1100 रूपये का खर्च आया है और 6 दिनों का समय लगा है l इसे बनाने मे ऑडिओ मॉडुल, रेडिओ , बैटरी, रिंग, का इस्तेमाल किया गया है l 


    आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ0 एन के सिंह नें बताया नेतृहीन व्यक्तियों को ध्यान मे रखते हुए छात्रों ने दृष्टि श्रीराम नाम का डिवाइस तैयार किया है l आने वाले समय मे इस टेक्नोलॉजी को स्मार्ट सिटी से जोड़ दिया जायेतो नेतृहीन व्यक्तिओं को सड़को पर काफ़ी मदद मिल सकती है l

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