फतेहपुर में गरजेगा बाबा का बुलडोजर? पांच लोगों की हत्या के आरोपी प्रेमचंद यादव के परिजनों को डीएम कोर्ट से झटका
रुद्रपुर देवरिया।बांसगांव संदेश
रुद्रपुर देवरिया क्षेत्र के फतेहपुर
नरसंहार के बाद सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किए लोगों की अपील को शनिवार को खारिज करते हुए रुद्रपुर तहसीलदार के आदेश को जारी रखा है। डीएम कोर्ट के आदेश के बाद जिले फतेहपुर कांड फिर सुर्खियों में आ गया है।हत्याकांड पर सियासत भी जमकर हुई, जिसमें भाजपा और समाजवादी पार्टी आमने सामने नजर आई। जिले में कई बार जातीय हिंसा की आसार भी बने, लेकिन प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की सूझ बूझ से मामला टल गया। मृतक सत्य प्रकाश दूबे की शिकायत पर मृतक प्रेमचंद यादव के घर की पैमाइश प्रशासन ने कराई तो उनका मकान बंजर, वन विभाग और मानस इंटर कालेज की भूमि में अवैध कब्जा कर बनाया पाया गया।सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा था। जिसका वाद रुद्रपुर तहसीलदार के यहां चला। राजस्व संहिता की धारा 67के अंतर्गत वाद चला। सरकारी भूमि से बेदखली का आदेश हुआ। उसके बाद वे लोग अपील में आने से पहले हाईकोर्ट चले गए। माननीय हाईकोर्ट ने अपीलीय न्यायालय में वाद दाखिल करने का आदेश देते हुए डायरेक्शन देते हुए कहा कि नियमित सुनवाई करते हुए तीन महीने के भीतर निस्तारण करें। 30 दिसंबर 23 को डीएम के आदेश में अपील निरस्त होने योग्य है। उनसे संबंधित किसी भी प्रकार की उनकी भूमि नहीं है। उसके चारों तरफ सरकारी संपत्ति है। जिस पर इनका अवैध कब्जा था।
नरसंहार के बाद सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किए लोगों की अपील को शनिवार को खारिज करते हुए रुद्रपुर तहसीलदार के आदेश को जारी रखा है। डीएम कोर्ट के आदेश के बाद जिले फतेहपुर कांड फिर सुर्खियों में आ गया है।हत्याकांड पर सियासत भी जमकर हुई, जिसमें भाजपा और समाजवादी पार्टी आमने सामने नजर आई। जिले में कई बार जातीय हिंसा की आसार भी बने, लेकिन प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की सूझ बूझ से मामला टल गया। मृतक सत्य प्रकाश दूबे की शिकायत पर मृतक प्रेमचंद यादव के घर की पैमाइश प्रशासन ने कराई तो उनका मकान बंजर, वन विभाग और मानस इंटर कालेज की भूमि में अवैध कब्जा कर बनाया पाया गया।सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा था। जिसका वाद रुद्रपुर तहसीलदार के यहां चला। राजस्व संहिता की धारा 67के अंतर्गत वाद चला। सरकारी भूमि से बेदखली का आदेश हुआ। उसके बाद वे लोग अपील में आने से पहले हाईकोर्ट चले गए। माननीय हाईकोर्ट ने अपीलीय न्यायालय में वाद दाखिल करने का आदेश देते हुए डायरेक्शन देते हुए कहा कि नियमित सुनवाई करते हुए तीन महीने के भीतर निस्तारण करें। 30 दिसंबर 23 को डीएम के आदेश में अपील निरस्त होने योग्य है। उनसे संबंधित किसी भी प्रकार की उनकी भूमि नहीं है। उसके चारों तरफ सरकारी संपत्ति है। जिस पर इनका अवैध कब्जा था।
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