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    व्यक्ति युवा केवल आयु से नहीं होता है बल्कि अपने विचारों से होता है - डॉ मंगलेश कुमार श्रीवास्तव

    व्यक्ति युवा केवल आयु से नहीं होता है बल्कि अपने विचारों से होता है - डॉ मंगलेश कुमार श्रीवास्तव




    सरस्वती शिशु मन्दिर (10+2) पक्कीबाग गोररखपुर में आज युवा दिवस ‘’स्वामी विवेकानन्द जयंती’ के अवसर पर पक्कीबाग संकुल के ‘पूर्व छात्र सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए डॉ मंगलेश कुमार श्रीवास्तव महापौर गोरखपुर ने कहा कि शिशु मंदिर की सोच ये नही है की मशीनी मानव पैदा करें बल्कि उनका उद्देश्य ये है की विवेकानन्द जैसे वीरों को तैयार करे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति युवा केवल आयु से नहीं होता है बल्कि अपने विचारों से होता है।

    कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विशाल त्रिपाठी (प्रधानाचार्य आर्मी पब्लिक स्कूल कूड़ाघाट गोररखपुर) ने कहा कि आज जिस स्थान पर मैं हूँ मेरे भीतर जो शिक्षा व संस्कार हैं। उसके लिए मैं सरस्वती शिशु मन्दिर को धन्यवाद देता हूँ।

    विद्यालय के प्रथम बैच 1952 के छात्र रहे श्री लक्ष्मी नारायण मालवीय ने अपने संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि उस समय केवल तीन कक्षाएं चला करती थीं प्रत्येक कक्षा में 10 छात्र ही होते थे। उन्होंने कहा कि मैंने जहाँ तक देखा है शिशु मन्दिर के छात्र अनेक क्षेत्रों में बहुत आगे हैं।

    प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा (वरिष्ठ प्रोफेसर, गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर) ने कहा कि सरस्वती शिशु मन्दिर ही ऐसा विद्या का मन्दिर है जो शिक्षा के साथ -साथ संस्कार भी प्रदान करता है। जो संस्कार मुझे बचपन में शिशु मंदिर से मिले वह आज भी हमारे जीवन में हमारे आचरण में हैं।

    1966 बैच के दुर्गा दत्त शुक्ला ने कहा कि ये देख कर बड़ा ही गौरव महसूस होता है की हमारे विद्यालय के पूर्व छात्र इतने अच्छे पदों पर है। उन्होंने कहा की सिखने की कोई उम्र नही होती है। व्यक्ति हर उम्र में सीख सखता है। उन्होंने ये भी कहा कि विद्यालय तो आपके बच्चो को संस्कार सीखा ही रहा है मगर माता पिता को भी अपने बच्चो को संस्कार देने का कार्य करें।

    आदित्य शुक्ला (NSUI अध्यक्ष) ने कहा कि मेरी नींव पक्कीबाग़ ही रही है। महानगर में बहुत सारे विद्यालय है जहाँ आपको बड़ी- बड़ी ईमारते दिख जाएंगी। मगर जो संस्कार है वो आपको शिशु मंदिरो में ही सीखने को मिलेगा। मुझे हमेशा इस विद्यालय से प्रोत्साहन मिलता रहता है।

    अध्यक्षी उद्बोधन में अंतरराष्ट्रीय पहलवान राकेश सिंह पहलवान ने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूँ उसकी प्रेरणा शिशु मन्दिर से ही मिली है। हम सभी का सौभाग्य है कि आज इस विद्यालय के प्रथम बैच के छात्र रहे लक्ष्मी नारायण मालवीय जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। संगठीत रहने के लिए पुरातन छात्र सम्मेलन होते रहने चाहिए। हमें संकट में धैर्य नही छोड़ना चहिए।

    इस अवसर पर प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा, डॉ पंकज कुमार, डॉ कृष्णकांत सिंह, डॉ प्रतीक कुमार श्रीवास्तव, गायक अभिषेक पाण्डेय को 'पूर्व छात्र रत्न सम्मान' से सम्मानित किया गया।

    इस अवसर पर पूर्व छात्र सम्मेलन में सर्वसम्मति से दुर्गावाणी चौक पर शिशु मन्दिर योजना के प्रेरणास्रोत नानाजी देशमुख की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।

    कार्यक्रम की प्रस्तावकी पूर्व छात्र परिषद अध्यक्ष डॉ सृजन श्रीवास्तव के द्वारा रखी गई। मंचस्थ अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह ने कराया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य श्री निर्मल यादव ने किया। आभार ज्ञापन विद्यालय की प्रथम सहायिका श्रीमती रुक्मणी उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर प्रान्तीय मन्त्री डॉ रामनाथ गुप्त, विद्यालय के प्रबंधक संजय जालान, कोषाध्यक्ष महेश गर्ग, डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी, राजेश श्रीवास्तव, कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में उपस्थित पूर्व छात्र आपने सहपाठियों व आचार्यों से मिल कर बेहद प्रसन्न दिखे। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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