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    अपने से बड़े का आदर करना श्रेष्ठ आचरण है-राजन महाराज



    बड़हलगंज।कथा वाचक राजन जी महाराज ने कहा कि जिसपर भगवान की अतिकृपा होती है उसी को सत्संग में आने का अवसर प्राप्त होता है। राम कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। अपने से बड़े का आदर करना श्रेष्ठ आचरण हैं।
    मंगलवार को राम कथा का रसपान कराते हुए राजन महाराज ने बताया कि भगवान से प्रेम करना सबसे बड़ी भक्ति हैं। क्यो कि राम को केवल प्रेम प्रिय हैं। कहा कि श्रेष्ठ व्यक्ति से पूछकर कार्य करने से जीवन में कोई अमंगल नही होता।
     गंगा/सरयू नदी की महिमा बताते हुए आचार्य ने कहा कि गंगा जी के दर्शन मात्र से मानव को मुक्ति मिल जाती है। और जो सरयू में स्नान कर लेता है उसे मैं अपनी गोद मे ले लेता हूं। बचपन में जो हम अपने स्वभाव मे लाते है वही वृद्धावस्था मे भी रहता हैं। आचार्य ने बताया कि सूर्य, मणि व दीपक घर मे प्रकाश के तीन साधन है। इसलिए अपने कुल के दीपक का ध्यान रखना चाहिए। आचार्य ने कहा कि जो व्यक्ति प्रपंच से दूर होकर अपने कर्मों मे लगा रहता है और परमार्थ करता है, वह सदा जगा रहता हैं। आचार्य ने कहा कि श्राद्ध कर्म श्रद्धा के साथ करनी चाहिए। कथा श्रवण में विभ्राट चंद कौशिक, भाजपा नेत्री अस्मिता चंद, रणविजय चंद, शिवाजी चंद, आयोजक राकेश सिंह, कमलेश सिंह, राजेश सिंह, हृदयशंकर सिंह आदि सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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