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    चिश्तिया मस्जिद में सिखाया गया वुज़ू व नमाज़ पढ़ने का तरीका 

    चिश्तिया मस्जिद में सिखाया गया वुज़ू व नमाज़ पढ़ने का तरीका 

    गोरखपुर। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में महाना दीनी महफ़िल हुई। जिसमें वुज़ू व नमाज़ पढ़ने का तरीका बताया गया। माह-ए-रमज़ान पर भी रोशनी डाली गई।

    मुख्य वक्ता मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि नमाज़ पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आंखों की ठंडक है। नमाज़ मोमिन की मेराज है। नमाज़ दीन का स्तून (स्तम्भ) है। नमाज़ इंसान को हर बुराई से दूर रखती है। वक्त की पाबंदी व जमात के साथ नमाज़ अदा करें और अपने घर वालों से भी नमाज़ पढ़ने को कहें। हमें अपने अल्लाह से मुहब्बत है तो उसके कलाम से भी मुहब्बत होनी चाहिए। क़ुरआन खुद भी पढ़ें, दूसरों को भी पढ़ना सिखाएं। क़ुरआन का तर्जुमा, तफसीर भी जानें। क़ुरआन की शिक्षा से ज़िंदगी का हर हिस्सा रोशन करें। दूसरों के साथ अच्छा बर्ताव करें। 

    मस्जिद के इमाम मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि नमाज़ जैसी अज़ीम नेमत को देखकर लोग कहने पर मजबूर हो गए कि दुनिया में सबसे बेहतरीन तरीका इस्लामी तरीका है। जब मस्जिद से अज़ान की सदा आती है तो मुसलमान मस्जिदों का रुख करते हैं। एक इमाम होता है उसके पीछे एक सफ (लाइन) में काला, गोरा, अमीर-गरीब, अफसर-मजदूर सब कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। समाज में समानता व भाईचारा का इससे बेहतर उदाहरण रहती दुनिया तक पेश नहीं किया जा सकता है। नमाज़ कायम करें। आधुनिक शिक्षा हासिल कराने से पहले अपने बच्चों को क़ुरआन पढ़ना सिखाएं, दीन की जरूरी और अहम बातें सिखाएं, रहन-सहन के आदाब, बड़ों के साथ अदब व एहतराम का सुलूक, छोटों से प्यार से पेश आना, जरूरी तहजीब और तरबियत देना जरूरी है।

    उन्होंने कहा कि रमज़ान का महीना आने वाला है जो हर साल रहमतों, बरकतों, और मग़फिरत का न मिटने वाला खज़ाना लेकर हमारे बीच आता है। इस महीने का एक खास मकसद यह है कि हम परहेजगार बन जाएं। रमज़ान के रोज़े फ़र्ज़ है हर हाल में रखें। एक दूसरे की मदद करें। जरूरतमंदों की जरूरत पूरी करें। किसी को तकलीफ न दें। नेक बनें। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। महफ़िल में मुख्तार अहमद, सज्जाद कुरैशी, हाफिज सैफ अली, अख़्लाक कुरैशी, मुन्ना अली, शमशेर अली, समीर अली, हाफ़िज़ शारिक अली, हस्सान, अबान, अहान, मुनीर आदि मौजूद रहे।

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