नीलकंठ महादेव की महिमा अपरंपार
नीलकंठ महादेव की महिमा अपरंपार
महाशिवरात्रि पर रात्रि 12 बजे के बाद से जल चढ़ाने का सिलसिला होता है शुरू
बांसगांव गोरखपुर। बांसगांव के तालाडीह पर स्थित नीलकंठ महादेव मन्दिर श्रद्धालुओ के आस्था का बहुत बड़ा पावन स्थल है।
तालाडीह के आमी नदी के किनारे महात्मा गौतम बुद्ध भी सिद्धि प्राप्ति के लिए यही से गुजरे थे।
तालाडीह शिव मन्दिर पर महाशिवरात्रि और पूरे श्रावण मास श्रद्धालुओ का तांता लगा रहता है।
जो लोग सच्चे दिल से नीलकंठ महादेव से मन्नत मानते है उनका मनोकामना जरूर पूर्ण होता है।
तालाडीह का टीला कभी थरूहटो का हुआ करता था। यहां पर थारू संप्रदाय के लोग कभी निवास किया करते थे।अगर आज भी इसका खुदाई हो तो पुराने अवशेष जरूर मिलेंगे।और मिलते भी रहते है पुरातत्व विभाग का भी इस टीले पर नजर है।
आज भी जब आधी रात्रि होता है तो आज भी दो सर्प निकलते है और शिव के दर्शन करके फिर वापस हो जाते है।इसका प्रमाण आज भी इस गांव के कई लोग है जो तालाडीह पर रात्रि में रुके है उन सर्पों का दर्शन किए है।
ये शिव का विशालकाय मंदिर बघराई,लालपुर और अगल बगल के गांवो के सहयोग से बना है।
इस मन्दिर पर 40 फूट लंबे धर्मशाला का निर्माण राजमनि राय पुत्र स्व. महिपत राय जारी पट्टी द्वारा कराया गया है।और एक कमरे जा धर्मशाला स्व.रामरूप राय पुत्र रामधारी राय द्वारा कराया गया है।
ग्राम प्रधान धर्मवीर यादव द्वारा मन्दिर के सुंदरीकरण हेतु इंटरलाकिंग ईट से फर्श और एक बहुत बड़ा हाईमास्ट लगवाया गया है।इसके साथ साथ ग्राम प्रधान धर्मवीर यादव द्वारा गांव के बांसगांव रोड से लेकर इस शिव मन्दिर तक करीब एक किलोमीटर तक हर बिजली पोल पर लाइट का स्थाई व्यवस्था किया गया है।
इस मन्दिर पर जो भी सच्चे दिल से आते है भगवान नीलकंठ महादेव उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते है।मंदिर पर 24 घंटे का अखण्ड कीर्तन समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से चल रहा है।शिव रात्रि पर प्रसाद वितरण का कार्यक्रम ग्रामवासियों के सहयोग से चलेगा।
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