मिड डे मील में मोटा अनाज को बढ़ावा देने की महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र ने की पहल
मिड डे मील में मोटा अनाज को बढ़ावा देने की महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र ने की पहल
पीपीगंज गोरखपुर। बॉस गांव संदेश। महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र व दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में मिलेट रिवाइवल प्रोग्राम के अन्तर्गत उ0प्र0 कृशि अनुसंधान परिषद लखनऊ के वित्तीय सहयोग से मडूआ/रागी का वैल्यू एंड बिस्किट का मध्याहन भोजन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय के बच्चों में स्वास्थवर्धन हेतु वितरण कार्यक्रम का अयोजन कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय मंझरिया, भरोहिया गोरखपुर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ0 संजय सिंह, महानिदेषक, उ0 प्र0 कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र अपने ज्ञान एवं शोध का उपयोग सदैव समाज के हित के लिए करते हुए उत्कृष्ठ शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने सामाजिक दायित्वों का भी प्रभावी निर्वहन कर रहा है। आज हम देश के कर्णधार प्राथमिक विद्यालय के नन्हे-मुन्हें बच्चों को मडूआ/रागी के बिस्कुट प्रदान कर इन्हे मिलेट के उपयोग के प्रति जागरूक कर रहे है रागी/बिस्कुट में पोषक तत्वों की अधिकता इनके स्वास्थ के लिए वेहतर होगा। मोटे अनाज के महत्व के दृश्टिगत केंद्र मिलेट की खेती के लिए भी अपने समाज के लोगों अपने शोध की सहायता से सहयोग प्रदान करते हुए प्रेरित कर रहा है ।कार्यक्रम में डाॅ0 आर के सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, लखनऊ ने कहा कि हमारा संस्थान विश्वविद्यालय की सहायता से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य जागरूक्ता हेतु मडूआ बिस्कुट के वितरण के साथ-साथ मिलेट की खेती के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है। डॉ श्वेता सिंह ने कहा की मोटे अनाज मानव स्वास्थय के लिए वेहतर है। डॉ अजीत कुमार श्रीवास्तव ने मिलेट की खेती तथा अपने खाद्यान्नों में इसे सम्मिलित करने पर प्रकाश डाला। प्रो0 केशव सिंह, आचार्य, प्राणि विज्ञान विभाग ने कहा कि जैविक खेती से मिलेट का उत्पादन एवं प्रयोग हमारे स्वास्थ के लिए लाभप्रद है। डाॅ0 रामवन्त गुप्ता, सहयुक्त आचार्य, वनस्पति विज्ञान ने कहा की प्राथमिक विद्यालय में मडूआ बिस्कुट का वितरण कार्यक्रम लोगों में मडूआ के अपयोग हेतु जागरूक करना है, क्योंकि मडूआ में दूध के अपेक्षा तीन गुना ज्यादा कैल्सियम पाया जाता है। डॉ कुलदीप सिंह, सहयुक्त आचार्य,महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने कहा कि मडूआ में महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्वों की अधिकता के कारण इसकी खेती तथा उपयोग दोनों बहुत जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ अजीत कुमार श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण कुमार साहनी, हेड मास्टर, कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय मंझरिया, भरोजिया ने किया।कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र से डॉ संदीप प्रकाश उपाध्याय, गौरव सिंह, शुभम पांडे तथा प्राथमिक विद्यालय के अघ्यापक एवं अध्यापिका के साथ 100 बच्चों ने प्रतिभाग किया व मडूआ/रागी का बिस्किट वितरण किया गया ।
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