गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ, भरोहिया में आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रामनवमी की महत्ता से छात्र छात्राओं को अवगत कराया गया।
गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ, भरोहिया में आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रामनवमी की महत्ता से छात्र छात्राओं को अवगत कराया गया।
पीपीगंज गोरखपुर। बांसगांव संदेश।गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ भरोहिया प्रार्थना सभा में आयोजित कार्यक्रम में श्री राम और मां दुर्गा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के उपरांत शिक्षक कुलदीप तिवारी ने छात्रों को बताया की चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। यही कारण है इस दिन को श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में समूचे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग 14 वर्ष के लिए वन चले गए। आज हम रामनवमी और जन्माष्टमी तो उल्लासपूर्वक मनाते हैं पर उनके कर्म व संदेश को नहीं अपनाते।
तुलसीदासजी ने रामचरित मानस में भगवान राम के जीवन का वर्णन करते हुए बताया है कि श्रीराम प्रातः अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करते थे जबकि आज चरण स्पर्श तो दूर बच्चे अधिकांश बच्चे अपने माता-पिता की बात तक नहीं मानते। यदि राम की सही मायने में आराधना करनी है और राम राज्य स्थापित करना है तो 'जय श्रीराम' के उच्चारण के पहले उनके आदर्शों और विचारों को आत्मसात किया जाना चाहिए।
तभी रामनवमी मनाने का संकल्प हमारे लिए सही साबित होगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य मनीष दूबे ,आशुतोष ,सितम,संगीता कोरी,सत्यप्रकाश,अजय, सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
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