लड़कियों की तालीम वक्त की अहम जरूरत : मुफ्तिया गाजियातुर्कमानपुर में महिलाओं की सातवीं महाना दीनी महफ़िल
लड़कियों की तालीम वक्त की अहम जरूरत : मुफ्तिया गाजिया
तुर्कमानपुर में महिलाओं की सातवीं महाना दीनी महफ़िल
गोरखपुर। रविवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 'बज्मे कनीजाने आयशा' नाम से सातवीं महाना दीनी महफ़िल हुई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत अलविया खान ने की। हम्द सादिया व नात अफीना, शिफा, आयशा ने पेश की। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की।
मुख्य वक्ता मुफ्तिया गाजिया खानम अमजदी ने कहा कि लड़कियों की तालीम वक्त की अहम जरूरत है। अदब व पर्दे का ख्याल करते हुए लड़कियों को दीनी, आधुनिक व तकनीकी तालीम विशेष रूप से प्रदान कराई जाए। जिससे वह अच्छी मां बनकर आने वाली पीढ़ी को अच्छी तालीम देकर परवान चढ़ा सके। लड़कियों की तालीम के बिना समाज की इस्लाह संभव नहीं है। लड़कियों का शिक्षित होना जरूरी है क्योंकि लड़की अगर शिक्षित हो जाती है तो वो अपने पूरे खानदान को शिक्षित कर लेती है। किसी भी बच्चे का सबसे पहला स्कूल उसकी मां की गोद है, इसलिए भी लड़कियों का शिक्षित होना जरूरी है। इस्लाम में औरतों का खास एहतराम, हुकूक और उसके लिए खास दर्जे रखे गए हैं। औरत मां, बहन, बीवी और बेटी के रूप में कई तरह से लोगों की ज़िंदगी को संवारती है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में लड़कियों की अच्छी परवरिश, अच्छी तालीम और अच्छी तरबियत पर ख़ास ज़ोर दिया गया है। अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि जिसने तीन लड़कियों की परवरिश की, उन्हें अच्छी तालीम और तरबियत दी और उनसे अच्छा बर्ताव किया, फिर उनका निकाह कर दिया, तो उसके लिए जन्नत है। औलाद को अच्छा बनाने के लिए मां की अहम भूमिका होती है। इसलिए औरतों को चाहिए कि बच्चों की तालीम पर ध्यान दें और उनके अंदर गंदी आदतें न पड़ने दें। अगर लड़की शिक्षित होगी तो वह अपनी संतान को शिक्षित एवं संस्कारवान बनाएगी।
संचालन करते हुए शिफा खातून व अदीबा फातिमा ने कहा कि समाज के निर्माण में औरतों की भूमिका हमेशा से अहम रही है। अच्छा समाज तब बनेगा जब औरतें अपनी जिम्मेदारी को बखूबी अंज़ाम दे पायेंगीं।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ की गई। शीरीनी बांटी गई। महफ़िल में में अदीबा फातिमा, शाज़िया खातून, आलिया, आयशा, मरियम, अलविया, खुशी नूर, सना खान, जैनब, फिजा, मुस्कान, तमन्ना, तैबा नूर, कुलसुम फातिमा, नूरजहां शरीफी, सहाबिया खातून, आसमा खातून, फिजा खातून आदि मौजूद रहीं।
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