स्त्री के अपमान से घर की प्रगति नहीं होती - पं जितेन्द्र शास्त्री
स्त्री के अपमान से घर की प्रगति नहीं होती - पं जितेन्द्र शास्त्री
पीपीगंज गोरखपुर। बॉसगांव संदेश। अकटहवा ग्राम सभा के छोटी सेनुरी टोले पर पूर्व ग्राम प्रधान विनोद जायसवाल के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ समारोह में पंडित जितेन्द्र कुमार शास्त्री द्वारा श्रोताओं को अमृत पान कराया जा रहा है। श्रोताओं की भारी भीड़ हो रही है। पं जितेन्द्र शास्त्री ने कहा कि जिस घर में स्त्री का अपमान होता है, उस घर में प्रगति नहीं होती है। और कहा कि महाभारत में द्रौपदी ने चीरहरण के समय कहा कि मेरे पांच पति होते हुए भी मेरा चीरहरण हो रहा है। यदि अग्नि को साक्षी मानकर मेरे पतियों ने विवाह किया होता तो एक स्त्री की इज्जत को जानते। इन्होंने ने तो मछली मारकर हमें जीतकर लाया है तो स्त्री का कदर क्या जाने। और जब ससुराल के लोगों के सामने मेरे इज्जत को तार तार किया जा रहा था और कुछ नहीं कर पायें तो मायके के अपने भाई कृष्ण को ध्यान लगाकर गुहार लगाया। तब जाकर मेरे भाई कृष्ण नंगे पैर आकर भरी सभा में मेरी इज्जत बचाई। पूर्व ग्राम प्रधान विनोद जायसवाल ने अपने पिता मनराम जायसवाल व माता लालमती देवी के चारधाम यात्रा के फलस्वरूप यज्ञ का आयोजन किया।
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