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    गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियां एवं कैसे करें होम्योपैथिक उपचार -डॉ डी ए खान

    गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियां एवं कैसे करें होम्योपैथिक उपचार -डॉ डी ए खान







    घघसरा गोरखपुर । बांसगांव संदेश ।
    इस बढ़ती गर्मी में लू से बचना बहुत ही जरूरी है इस भीषण गर्मी में धूप में बाहर निकलने से बचें तरल पदार्थों का सेवन अधिक से अधिक करें उक्त बातें वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉ डी ए खान ने कहा। डाक्टर खान ने कहा कि लू लगने के कई कारण हैं । उच्च तापमान लंबे समय तक गर्म वातावरण के संपर्क में रहना । निर्जलीकरण अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलन और खराब पसीना पैदा करता है। अत्यधिक शारीरिक गतिविधि गर्म परिस्थितियों में तीव्र व्यायाम या श्रम शरीर के शीतलन तंत्र को तनाव दे सकता है ।
    इसके अलावा कुछ दवाएं गर्म परिस्थितियों में तीव्र कुछ दवाएं शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं ।
     अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां हृदय रोग या मोटापे जैसी कुछ चिकित्सा स्थितियां जोखिम को बढ़ा सकती हैं । डाक्टर खान ने कहा कि 
    लू लगने के कारण हम तमाम लक्षणों को देख सकते है जैसे उच्च शारीरिक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर और बदली हुई मानसिक स्थिति ब्रह्म उत्तेजना या यहां तक की चेतना का नुकसान । त्वचा का लाल होना पसीना ना आने के कारण त्वचा गर्म और शुष्क महसूस हो सकती है । दिल की धड़कन तेज होना जैसे-जैसे शरीर ठंडा होने की कोशिश करता है दिल की धड़कन बढ़ती जाती है ।सर दर्द अक्सर आधे सर में या पूरे सर में तीव्र वेग से दर्द होना मिचली और उल्टी शरीर की तनाव और निर्जलीकरण के कारण मांसपेशियों में ऐंठन इत्यादि ।
    लू से बचने के प्रबंधन में डा. खान ने कहा कि व्यक्ति को ठंडे वातावरण में ले जाएं ।
     शरीर को फिर से हाइड्रेट करने के लिए ठंडा तरल पदार्थ अधिके से अधिक पानी पिए।
    पानी वाले फल का इस्तेमाल करें। जैसे तरबूज खरबूज आदि ।
    त्वचा पर ठंडा पानी का लेपन करे । गंभीर अवस्था में चिकित्सक से सलाह ले।
    इन होम्योपैथिक उपचारों को केवल व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर एवं एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में लिया जाना चाहिए।

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