मनुष्य के अंतःकरण का विज्ञान है योग:डॉ. बलवान सिंह
शहीद बंधू सिंह डिग्री कॉलेज में मनाया गया दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
ॐ से प्रारंभ होकर शांतिपाठ पर हुआ समाप्त
आसन, प्राणायाम और ध्यान का हुआ अभ्यास
धनंजय पाण्डेय
चौरी चौरा गोरखपुर।
योग पूर्णतः वैज्ञानिक विद्या है।अंतःकरण की शुद्धि,स्व की शुद्धि ही यम-नियम है।
मनुष्य के अंतःकरण का विज्ञान है योग।योगविद्या,कर्मक्षेत्र की नकारात्मक वृत्तियों को दूर करती है।योग, अन्तर्विज्ञान है।यह मन,बुद्धि,और चित्त को निर्मल करने की विद्या है।
अपने कर्म एवं कर्तव्यों में संयम और नियम का अनुशासन ही योग है।
उक्त बातें शहीद बंधू सिंह डिग्री कालेज में योग दिवस पर आयोजित योग सत्र में योगाचार्य डॉ. बलवान सिंह ने कहीं।
पतंजलि के अष्टांग योग सूत्र के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यम, नियम,आसन,प्राणायाम, प्रत्याहार धारणा, ध्यान,और समाधि सभी अनुशासन से बंधे है।उन्होंने कपालभांति अनुलोम-विलोम, भ्रस्तिका,भ्रामरी,आदि प्राणायाम की मुद्राओं को सभी योग प्रशिक्षुओ से कराते हुए, उनसे होने वाले लाभ एवं नष्ट होने वाली व्याधियों के बारे में विस्तार से बताया।
इससे पूर्व योग सत्र के प्रारंभ में योग प्रशिक्षक प्रफुल्ल चंद ने ॐ के नाद से प्रारंभ करते हुए मरकट आसन, स्कंद आसन,पवनमुक्त आसन,मकरासन, भुजंग आसन,शलभ आसन, नौकासन,शशक आसन, मण्डूक आसन, ताड़ासन,वृक्षासन,वज्रासन, आदि का अभ्यास कराया।
इसके पश्चात विपश्यना ध्यान करने के उपरांत सत्र शांतिपाठ से सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. यू.पी.सिंह ने कहा कि कर्म का कौशल ही योग है।उन्होंने सभी लोगो को दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने की अपील की।
योग सत्र में महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह, पुस्तकालय प्रभारी आनंद प्रताप सिंह,रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.जितेंद्र कुनार, डॉ. राजेश शुक्ल, डॉ. किरन यादव, डॉ. रचना राव, डॉ. माला श्रीवास्तव, डॉ. कविता शर्मा, डॉ. प्रिया श्रीवास्तव, डॉ.रविंद्र सिंह, डॉ. रिंकल उपाध्याय, डॉ. सुनील कुमार यादव, डॉ. दिलीप कुमार निषाद, डॉ. प्रवीन पाल, डॉ. सुनील कुमार,डॉ.चक्रपाणि ओझा, प्रफुल्ल चंद, अखिल कुमार गौतम, आकाशदीप, लक्ष्मण साहनी, सुश्री अर्चना यादव, सुश्री ब्यूटी उपाध्याय, श्रीमती ममता विश्वकर्मा, राजेश शर्मा सहित सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, समस्त विद्यार्थियों बड़ी संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति रही। अभिभावकों की भी उपस्थिति रही।सभी ने पूरे उत्साह और मनोयोग से इस योग सत्र में प्रतिभाग किया तथा जीवन मे योग को व्यवहृत करने का संकल्प लिया।
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