Header Ads

ad728
  • Breaking News

    पुरानी पेंशन की बहाली और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए होगा आंदोलन

    पुरानी पेंशन की बहाली और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए होगा आंदोलन 

     25 अक्टूबर को राज्य कर्मचारी घेरेंगे विधानसभा मुख्य सचिव और सभी संबंधित को नोटिस भेजी गई 



     लखनऊ 26 जुलाई, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के 14 जुलाई 2024 के अधिवेशन में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। उसी क्रम में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्य सचिव को आंदोलन की नोटिस भेज दिया है। उन्होंने अवगत कराया है कि प्रदेश में कर्मचारियों की मांगों की लगातार उपेक्षा हो रही है। संगठनों के पदाधिकारियों को,संगठन एवं शासन हित में काम करने में प्रशासनिक अधिकारी लगातार बाधा उत्पन्न कर रहे हैं ।यद्यपि शासन ने कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के लिए बायोमेट्रिक से छूट, प्रति कैलेंडर वर्ष में 7 दिन का विशेष अवकाश, अधिकारियों से मिलने के लिए ड्यूटी आवर्स में शिथिलता दिए जाने के कई आदेश निर्गत किए हैं, लेकिन जनपदों में नियंत्रक अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों को परेशान कर रहे हैं। एक तरफ मुख्य सचिव आदेश जारी कर अधिकारियों से मुलाकात की राह आसान कर रहे हैं ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो और आंदोलन की स्थिति न उत्पन्न हो, दूसरी तरफ नियंत्रक अधिकारी, पदाधिकारियों के अधिकारियों से मिलने पर प्रतिबंध लगाकर उनका वेतन अवरुद्ध कर रहे हैं, ताकि टकराव बढ़े। सरकार को स्पष्ट करना होगा कि कर्मचारी संगठन सरकार के साथ सहयोग करते हुए काम करें एवं कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण कराएं या नियंत्रक अधिकारियों की तानाशाही से परेशान होकर आंदोलन का रास्ता अपना ले। यदि अधीनस्थ नियंत्रक अधिकारियों पर सरकार अंकुश लगाने में नाकाम रही तो आंदोलन कभी भी हो सकता है। पुरानी पेंशन की बहाली, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्स कर्मचारी के लिए न्यूनतम मानदेय तय किया जाना, वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना, 18 महीने के फ्रीज महंगाई भत्ते का भुगतान, नगर प्रतिकर भत्ता की बहाली, मुख्य सचिव समिति द्वारा वेतन विसंगतियों पर निर्णय कराया जाना, एनपीएस में 50% पेंशन एवं समय-समय पर संशोधित महंगाई भत्ते की गारंटी, ज्वलंत मुद्दे चर्चा में है। कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों के बढ़ते आक्रोश को प्रशासनिक अधिकारी एवं जनपदों के नियंत्रक अधिकारी हवा दे रहे हैं। समाज कल्याण विभाग में जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के प्रधानाचार्य संगठन के पदाधिकारियों को लगातार परेशान कर रहे हैं। समाज कल्याण विभाग में अभी तक मनमानी ढंग से हटाए गए तीन संविदा शिक्षकों को वापस नहीं लिया गया है, जन जाति विकास विभाग में शासन के आदेश के बावजूद भी निदेशक जनजाति विकास द्वारा सातवें वेतन आयोग के क्रम संविदा राशि में संशोधन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। विभागीय मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव के संज्ञान में लाने के बाद भी प्रकरण में कार्यवाही नहीं हो रही है। नियमों की अनदेखी करके समाज कल्याण निदेशालय के एटीएस प्रकोष्ठ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ऐसे शिक्षकों को नियमविरुद्ध संबद्ध किया गया है जो जनपदों के शिक्षकों को डरा धमकाकर उनका दोहन कर रहे हैं। समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में फैली व्यवस्था के कारण वहां आंदोलन अपरिहार्य हो गया है। जे एन तिवारी ने स्पष्ट किया है कि 25 अक्टूबर को प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी लाखों की संख्या में एकत्र होकर विधान सभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहां है घेराव तैयारी जनपदों में शुरू कर दी गई है। जे एन तिवारी ने यह भी कहा है कि सरकार की अब टाल मटोल की नीति नहीं चलेगी। सरकार को कर्मचारियों की जायज़ मांगों पर निर्णय करना होगा। यदि सरकार अभी नहीं चेती तो अगले चुनाव भारी पड़ सकते हैं।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728
    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728