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    बापू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

    बापू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज विषय पर
    आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन 


    पीपीगंज गोरखपुर। बॉसगांव संदेश। बापू स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीपीगंज, गोरखपुर में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद द्वारा अनुदानित एवं रक्षा स्त्रातजिक अध्ययन तथा इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में"छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज और सुराज मॉडल की 21 वीं सदी में प्रासंगिकता " विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र 28 जुलाई 2024 को  मुख्य अतिथि प्रो ओमप्रकाश सिंह प्राचार्य दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्व पर केंद्रित राजनीतिक,,सांस्कृतिक एवं आर्थिक व्यवस्था ही स्वराज है।शिवाजी के हिन्दवी स्वराज में स्वभाषा का महत्वपूर्ण स्थान है।  सही व्यक्ति सही स्थान पर होना चाहिए यह शिवाजी के सुराज का मूलमंत्र है। उन्होंने ने शिवाजी के सैन्य प्रणाली के अंतर्गत नवसेना प्रणाली,गोरिल्ला युद्ध प्रणाली  के बारे में विस्तार से बताया साथ ही उनकी कर प्रणाली के बारे में भी विस्तार से बताया।  अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रो दिग्विजय नाथ मौर्य आचार्य  प्राचीन इतिहास विभाग दी द उ गो वि, गोरखपुर ने कहा कि शिवाजी ने चोल द्वारा शुरू की गई ग्राम प्रशासन प्रणाली को अपने राज्य में पुनः प्रवर्तित किया।उन्होंने ने शिवाजी के स्वराज और सुराज के बारे में विस्तार से बताया । समापन अभिभाषण देते हुए प्रो प्रताप विजय कुमार आचार्य एच् आर पी जी कॉलेज खलीलाबाद ने बताया कि शिवाजी की कर व्यवस्था आज भी प्रासंगिक जिसे अपनाया जाना चाहिए और उन्होंने ने कहा कि कोष राजा का पूरक है बिना कोष के राजा आगे नहीं जा सकते।कर के प्राचीन स्वरूप से लेकर मुगल काल,शिवाजी के काल से लेकर अंग्रेजी हुकूमत तक किस प्रकार से संग्रहित होता था तथा इसकी क्या मात्रा थी इस पर विस्तार से चर्चा की।अतिथियों के प्रति स्वागत  उद्बोधन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो मंजु मिश्रा ने दिया। कल के कार्यक्रम की रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण आयोजन सचिव डॉ भानु प्रताप गुप्ता ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन संगोष्ठी के संयोजक डॉ करुणेंद्र सिंह  एवं धन्यवाद ज्ञापन सूरज प्रकाश मिश्रा  ने किया। टेक्निकल सत्र  की अध्यक्षता डॉ अमित त्रिपाठी सहायक आचार्य रक्षा अध्ययन विभाग आचार्य नरेन्द्र देव कृषि महाविद्यालय बभनान ,सह अध्यक्षता डॉ आशुतोष सिंह सहायक आचार्य प्राचीन इतिहास रामजी सहाय डिग्री कॉलेज रुद्रपुर एवं शुभ्रांशु शेखर सिंह सहायक आचार्य रक्षा अध्ययन दिग्विजय नाथ पी जी कॉलेज गोरखपुर ने किया। इस सत्र में विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्र का वाचन किया गया। टेकनिकल सत्र का संचालन डॉ राकेश प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अतुल कुमार शुक्ला ने किया ।महाविद्यालय के शिक्षक डॉ राकेश प्रताप सिंह, डॉ  रवि शंकर पाण्डेय,डॉ अमित कुमार तिवारी,डॉ संजीत कुमार सिंह, डॉ देव नारायण पाण्डेय, डॉ अतुल कुमार शुक्ला, अनुराग राय, नितिन कुमार लाल,डॉ सुनील कुमार प्रसाद,डॉ प्रमोद कुमार, डॉ श्रीराम यादव, डॉ रंजू यादव,डॉ दीपमाला यादव, शिक्षणेत्तर कर्मचारी  एवं छात्र -छात्राएं आदि उपस्थित रहे।

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