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    बापू स्नाकोत्तर महाविद्यालय में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा अनुदानित राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया गया आयोजन

    बापू स्नाकोत्तर महाविद्यालय में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा अनुदानित राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया गया आयोजन


    पीपीगंज गोरखपुर। बॉसगांव संदेश। बापू स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीपीगंज, गोरखपुर में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद  नई दिल्ली द्वारा अनुदानित तथा रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय  "छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज और सुराज मॉडल की  21वी सदी में प्रासंगिकता" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन उदघाटन सत्र 27 जुलाई 2024  को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ बालमुकुंद पाण्डेय, संगठन सचिव अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना,नई दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा कि  स्वराज से तात्पर्य अपने अन्तःकरण से चुना गया राज्य ही स्वराज कहलाता है। सुराज का तात्पर्य है कि समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय उसका उत्थान ही सुराज का मूल है। उन्होंने ने कहा कि राज्य व्यवस्थित होना चाहिए एवं उसमे स्वत्व की भावना चाहिए। हमारा आज का उद्देश्य स्वत्व की स्थापना होनी चाहिए।स्वत्व से स्थापित व्यवस्थित राज्य विकसित भारत का मूल है। विशिष्ट वक्ता डॉ महेंद्र कुमार सिंह सहायक आचार्य राजनीति शास्त्र विभाग दी द उ गो विश्वविद्यालय गोरखपुर ने कहा कि  शिवाजी महाराज ने जो प्रशासनिक मॉडल शिवाजी ने मध्यकाल में दिया है। मुख्य वक्ता डॉ रवि रमेशचंद्र शुक्ला आचार्य अंतरराष्ट्रीय अध्ययन स्कूल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि आज जब हमें जीवन में किसी आदर्श की आवश्यकता महसूस होती है तो उन आदर्शों में शिवाजी सबसे प्रमुख हैं।स्वराज एवं सुराज का मूल समरसता एवं समानता।आर्थिक सुधार उन्नत कृषि व्यवस्था, कुशल प्रशासन, तकनीक का समुचित प्रयोग एवं स्थानीय रोजगार तथा स्थानीय उत्पादन ही हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ विनोद कुमार सहायक निदेशक भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से शिवाजी का स्वराज एवं सुराज का आदर्श ही वर्तमान समाज में परिवर्तन का आदर्श हो सकता है। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रबंधक जनाब कमाल जाबेद ने कहा कि शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया।।  स्वागत उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो मंजु मिश्रा ने कहा कि छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया।  विषय प्रवर्तन  संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ भानु प्रताप गुप्ता ने शिवाजी के स्वराज व सुराज मॉडल की  21 वी सदी में प्रासंगिकता के बारे में बताया। मंच संचालन संगोष्ठी के संयोजक डॉ करुणेंद्र सिंह  एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो नित्यानंद ने किया। इस अवसर पर आईसीएचआर के प्रतिनिधि के रूप में डॉ प्रवीण शर्मा भी उपस्थित रहे। टेक्निकल सत्र  की अध्यक्षता डॉ नरेंद्र शर्मा एवं सह अध्यक्षता डॉ अनूप श्रीवास्तव, डॉ शशिकांत राव, डॉ सुरेंद्र चौहान ने किया ।इस सत्र में कई प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के प्रारंभ में इस अवसर पर" छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज और सुराज मॉडल की 21 सदी में प्रासंगिकता " विषय पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया।महाविद्यालय के शिक्षक सूरज प्रकाश मिश्रा,डॉ राकेश प्रताप सिंह, डॉ  रवि शंकर पाण्डेय,डॉ अमित कुमार तिवारी,डॉ संजीत कुमार सिंह, डॉ देवनारायण पाण्डेय,डॉ भानु प्रताप गुप्ता, डॉ अतुल कुमार शुक्ला, अनुराग राय, नितिन कुमार लाल,डॉ सुनील कुमार प्रसाद,डॉ प्रमोद कुमार, डॉ श्रीराम यादव, डॉ रंजू यादव,डॉ दीपमाला यादव,डॉ अनंत प्रकाश पाण्डेय,डॉ विशाल रंजन त्रिपाठी, डॉ प्रेमलता यादव, शिक्षणेत्तर कर्मचारी  एवं छात्र -छात्राएं आदि उपस्थित रहे।

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