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    हाजियों का सम्मान, अनुभवों को किया साझा

    हाजियों का सम्मान, अनुभवों को किया साझा

    गोरखपुर। इस साल हज यात्रा से लौटे हाजियों के सम्मान में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मंगलवार को आइडियल मैरेज हाउस उंचवा गाजी रौजा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। हाजियों का सम्मान गुलपोशी से हुआ। सम्मानित होते ही हाजियों की आंखें खुशी से छलक गईं। हाजियों ने मक्का व मदीना के सफ़र के अनुभवों को साझा किया। 

    मुख्य वक्ता हाजी मो. आज़म अत्तारी ने कहा कि हज पर जाना एक आम मुसलमान के लिए मानो दुनिया में सब कुछ पा लेने जैसा है। हज कर लिया मतलब ज़िंदगी मुकम्मल हो गई। हज इंसान को सब्र और शुक्र की सीख देता है। अल्लाह की राह में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम हज है। हाजियों को चाहिए कि बाकी जिंदगी अल्लाह और रसूल की रज़ा में गुज़ारें। गुनाहों से बचें। नेकी की दावत आम करें। जिस तरह से हज करने से पहले हज के मसाइल सीखें हैं उसी तरह पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हुए नमाज़ के अहम मसाइल जरूर सीखें। दावते इस्लामी इंडिया हाजियों के लिए तीन दिन का स्पेशल फैजाने नमाज़ कोर्स शुरू करने जा रही है। उसमें सभी हाजी हिस्सा लें और नमाज़ के अहम और बुनियादी मसाइल को सीख कर अपनी नमाज़ दुरुस्त करें। जिस तरह उन पर हज फ़र्ज़ था उसी तरह हर मुसलमान पर प्रतिदिन पांच वक्तों की नमाज़ भी फ़र्ज़ है।

    उन्होंने कहा कि हज के बाद, हाजी शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की गहन भावना के साथ अपने घरों को लौटते हैं। हज के दायित्व को पूरा करने के बाद हाजी अपने विश्वास की गहरी समझ और धार्मिक और पवित्र जीवन जीने की प्रतिबद्धता अपने साथ वापस लाते हैं। यह अनुभव व्यक्तिगत परिवर्तन का कारण बन सकता है, जो हाजियों को अल्लाह के करीब लाता है

    क़ुरआन -ए-पाक की तिलावत हाफिज आरिफ रज़ा ज्याइ ने की। नात-ए-पाक आदिल अत्तारी ने पेश की। अंत में मुल्क में अमनो सलामती, खुशहाली व तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। सम्मान समारोह में फरहान अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, इब्राहीम अत्तारी, शहजाद अत्तारी, रमज़ान अत्तारी, सलमान निजामी, अहमद अत्तारी, शहाबुद्दीन अत्तारी, अफसर अत्तारी, शम्स अत्तारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


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