परिषदीय शिक्षकों का समायोजन सितंबर की छात्र संख्या पर हो
*परिषदीय शिक्षकों का समायोजन सितंबर की छात्र संख्या पर हो।*
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश। शिक्षक नेता अमरेंद्र शाही नें समायोजन प्रक्रिया की विसंगतियों पर शिक्षकों एवं विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुये कहा कि जून माह की छात्र संख्या को समायोजन का आधार बनाना विद्यालय, छात्र एवं शिक्षक किसी के हित में नहीं। विभाग द्वारा प्राथमिक स्तर पर 30 छात्रों पर 1 अध्यापक के आधार पर समायोजन करने के साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मार्च में कक्षा 5 के बच्चे उत्तीर्ण होकर प्राथमिक से निकल जाते हैं ऐसे में उनकी रिक्त संख्या के बाद कक्षा 1 से 5 तक की नामांकन प्रक्रिया 30 सितम्बर तक गतिमान रहती है। विभाग द्वारा 30 जून की छात्र संख्या को आधार बनाकर शिक्षकों का समायोजन कर देने के उपरांत जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में नामांकित छात्रों से छात्र एवं अध्यापक अनुपात में विसंगति उत्पन्न हो जायेगी। जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय में 30 जून तक 89 बच्चे हैं विभाग के अनुसार यहां 3 अध्यापकों हेतु जगह दर्शायी जायेगी तथा इसी आधार पर विभाग 3 अध्यापकों को छोड़कर कनिष्ठ अध्यापकों को अन्यत्र समायोजित कर देगा। यदि 1 जुलाई से 30 सितम्बर तक नामांकन 89 बढ़कर 121हो जाये तो उक्त विद्यालय पर पूरे सत्र कुल 5 अध्यापकों की आवश्यकता होगी। ऐसी दशा में पूरे सत्र, विद्यालय तथा बच्चे इस विसंगति का सामना करेंगे तथा इसका प्रत्यक्ष प्रभाव बच्चों के पठन, पाठन एवं शैक्षिक गुणवत्ता पर पड़ेगा। इसलिए छात्र-शिक्षक अनुपात यह विचलन समायोजन नीति का विरोधाभास है। इसके साथ ही गोरखपुर के 33 परिषदीय विद्यालय शासनादेश के अनुसार नगर विस्तारित सीमा में आ चुके हैं।इन विद्यालयों के शिक्षकों से नगर या ग्रामीण कैडर चयन करने का विकल्प पत्र भरवाया जाना है। सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा ऐसे विद्यालयों की सूची भी मांगी गई और बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर द्वारा सूची भेजी भी गई मार्गदर्शन भी मांगा गया परन्तु अभी तक इन विद्यालयों के शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाये जाने का नोटिफिकेशन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी नही किया यह भी एक विसंगति का का कारण इस समायोजन में बन रहा है। इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों को इस समायोजन प्रक्रिया में नगर विस्तारित सीमा में आये परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाते हुए समायोजन प्रक्रिया में छात्र संख्या 30 सितंबर की लेते हुये समायोजन करना चाहिए।जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कौन कौन से विद्यालय आवश्यकता वाले है। इसके साथ ही आवश्यकता वाले बहुत से विद्यालयों को नही खोला गया है जिनको खोला जाना चाहिए।
सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश। शिक्षक नेता अमरेंद्र शाही नें समायोजन प्रक्रिया की विसंगतियों पर शिक्षकों एवं विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुये कहा कि जून माह की छात्र संख्या को समायोजन का आधार बनाना विद्यालय, छात्र एवं शिक्षक किसी के हित में नहीं। विभाग द्वारा प्राथमिक स्तर पर 30 छात्रों पर 1 अध्यापक के आधार पर समायोजन करने के साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मार्च में कक्षा 5 के बच्चे उत्तीर्ण होकर प्राथमिक से निकल जाते हैं ऐसे में उनकी रिक्त संख्या के बाद कक्षा 1 से 5 तक की नामांकन प्रक्रिया 30 सितम्बर तक गतिमान रहती है। विभाग द्वारा 30 जून की छात्र संख्या को आधार बनाकर शिक्षकों का समायोजन कर देने के उपरांत जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में नामांकित छात्रों से छात्र एवं अध्यापक अनुपात में विसंगति उत्पन्न हो जायेगी। जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय में 30 जून तक 89 बच्चे हैं विभाग के अनुसार यहां 3 अध्यापकों हेतु जगह दर्शायी जायेगी तथा इसी आधार पर विभाग 3 अध्यापकों को छोड़कर कनिष्ठ अध्यापकों को अन्यत्र समायोजित कर देगा। यदि 1 जुलाई से 30 सितम्बर तक नामांकन 89 बढ़कर 121हो जाये तो उक्त विद्यालय पर पूरे सत्र कुल 5 अध्यापकों की आवश्यकता होगी। ऐसी दशा में पूरे सत्र, विद्यालय तथा बच्चे इस विसंगति का सामना करेंगे तथा इसका प्रत्यक्ष प्रभाव बच्चों के पठन, पाठन एवं शैक्षिक गुणवत्ता पर पड़ेगा। इसलिए छात्र-शिक्षक अनुपात यह विचलन समायोजन नीति का विरोधाभास है। इसके साथ ही गोरखपुर के 33 परिषदीय विद्यालय शासनादेश के अनुसार नगर विस्तारित सीमा में आ चुके हैं।इन विद्यालयों के शिक्षकों से नगर या ग्रामीण कैडर चयन करने का विकल्प पत्र भरवाया जाना है। सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा ऐसे विद्यालयों की सूची भी मांगी गई और बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर द्वारा सूची भेजी भी गई मार्गदर्शन भी मांगा गया परन्तु अभी तक इन विद्यालयों के शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाये जाने का नोटिफिकेशन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी नही किया यह भी एक विसंगति का का कारण इस समायोजन में बन रहा है। इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों को इस समायोजन प्रक्रिया में नगर विस्तारित सीमा में आये परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाते हुए समायोजन प्रक्रिया में छात्र संख्या 30 सितंबर की लेते हुये समायोजन करना चाहिए।जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कौन कौन से विद्यालय आवश्यकता वाले है। इसके साथ ही आवश्यकता वाले बहुत से विद्यालयों को नही खोला गया है जिनको खोला जाना चाहिए।
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