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    सिन्धी समाज के हिंदुस्तान के विभाजन का दर्द झलका उनके आंसू में

    *सिन्धी समाज के हिंदुस्तान के विभाजन का दर्द झलका उनके आंसू में*
    *आजादी के जश्न में शामिल होने के लिए और देश प्रेम की भावना को विकसित करने के लिए ध्वज वितरित किया*: *अंजना राजपाल* 
    गोरखपुर,विभाजन का दर्द सिंधि समाज के अंदर आज भी वैसा ही है जैसे 78 साल पहले था आज भी वह दिन याद आते ही आंखों में पानी भर आती हैं। आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गोरखपुर के सिंधी समाज ने आज विभाजन की त्रासदी को बयां करते हुए अपने बड़े बुजुर्गों को याद किया एवं उनकी आप बीती को बयां करते हुए कहा कि भगवान ऐसा दिन किसी दुश्मन को भी ना दे। गोरखपुर समाज के बड़े बुजुर्गों में चोइथराम जिन्होंने विभाजन की त्रासदी का सामना किया था। बताया कि वह दिन आज भी उन्हें याद है जब उन्हें पता ही नहीं था की विभाजन क्यों हुआ? कैसे हुआ? कहां जाना है? बस सब चलते ही जा रहे थे उस समय उनकी उम्र कम थी।लेकिन उस उम्र में भी उन्होंने जो भयानक स्थिति देखी आज भी भूली नही है।वह आज भी उनके जेहन में याद है। उन्होंने अपने खेत घर सारे सामान वहीं छोड़ दिए और खाली हाथ भारत में आए सिंधी समाज के जेवर एलानी जी ने कहा कि हमारे बड़े बुजुर्गों ने जो झेला है, जिससे आने वाली पीढ़ी तकलीफ ना झेले।उनका बलिदान हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे इसी क्रम में झूलेलाल कमेटी के अध्यक्ष श्री अर्जुन वालानी ने कहा कि वे आने वाली पीढ़ी को इस दिन की त्रासदी बताते हुए बड़े बुजुर्गों के लिए 2 मिनट का मौन रखने आज सब यहां इकट्ठा हुए हैं।अंजना राजपाल जी ने बड़े बुजुर्गों को नमन करते हुए हर घर तिरंगा अभियान के तहत सिंधी समाज के सब लोगों में तिरंगा बनता एवं कलहर घर में तिरंगा लहराने का आवाहन भी किया। अंजना राजपाल ने बताया की हम लोग आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभाजन के दर्द को बाटने के लिए दो मिनट का मौन व्रत रखा और आजादी के जश्न को बयां करने के हर घर तिरंगा लहराए , हमने धवज वितरित किया।इस कार्यक्रम में मनोहर दादा ,अमित केसवानी, संदीप राजपाल, सुखदेव एलानी ,अनिल चावला एवं और भी सिंधी समाज के लोग महिलाएं एवं बच्चे भी विभाजन के दर्द को समझने के लिए शामिल हुए।

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