विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विभाजन में अपने प्राण गवाने वाले लोगों को दी गई श्रद्धांजलि
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विभाजन में अपने प्राण गवाने वाले लोगों को दी गई श्रद्धांजलि
पीपीगंज गोरखपुर। बांसगांव संदेश।गुरु गोरखनाथ विद्यापीठ में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर अमानवीय पीड़ाओं का सामना करने वाले और जीवन खो देने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक संदीप कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में घोषित किया था तब से प्रतिवर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के विभाजन के कारण मुस्लिम बहुल राष्ट्र के रूप में पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस विभाजन के परिणामस्वरूप लाखों लोग विस्थापित हुए और व्यापक हिंसा के कारण अनगिनत लोगों की जान गई। 15 अगस्त 1947 की सुबह ट्रेनों, घोड़े खच्चर और पैदल ही लोग अपनी ही मातृभूमि से विस्थापित होकर अपने अपने देश जा रहे थे। इसी बीच बंटवारे के दौरान भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई। यह विचलित करनेवाली घटना थी, ऐसी भीषण त्रासदी थी, जिसमें करीब बीस लाख लोग मारे गए और डेढ़ करोड़ लोगों का पलायन हुआ था। यह विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों एवं शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस विभाजन का सबसे अधिक दंश जिस राज्य ने झेला, वह पंजाब था। पंजाब एक ऐसा प्रांत जो हिंदू, मुस्लिम और सिखों सहित विभिन्न समुदायों की असंख्य और जीवंत आबादी का ठिकाना था। लेकिन विभाजनकारी षडयंत्र ने इसे दो भागों में विभाजित करके इसकी विरासत और विशिष्टता पर गहरा आघात किया। भारत के हिस्से में आने वाले पंजाब को पूर्वी पंजाब या भारतीय पंजाब और पाकिस्तान में जाने वाले पंजाब को पश्चिमी पंजाब या पाकिस्तानी पंजाब के रूप में विभाजित किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य मनीष कुमार दूबे,कुलदीप तिवारी,सितम,सत्य प्रकाश शुक्ला, अजय, नागेंद्र, वरुण,सुमंत,रेनू ,शेफाली सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
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