मनरेगा मजदूरों के हाजिरी का खेल नहीं थम रहा
मनरेगा मजदूरों के हाजिरी का खेल नहीं थम रहा
अधिकारी नहीं लगा पा रहे हैं भ्रष्टाचार पर लगाम
जंगल कौड़िया गोरखपुर। बॉस गांव संदेश।मनरेगा के तहत गांव में कराये जा रहे कार्यों की डिजिटल हाजिरी के तहद एमएमएस एप पर कार्य के दौरान की फोटो अपलोड करना होता है। बीते दिनों ब्लॉक के मीरपुर, फुलवरिया और उसका ग्राम में हो रहे मनरेगा के अंतर्गत भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित हुई इसके बाद उन गांव में भ्रष्टाचार पर रोक लगी और इन गांवो का मस्टररोल भी जीरो किया गया।
फिर भी गांव के जिम्मेदार भ्रष्टाचार करने के लिए आतुर हैं और मनमानी कर रहे हैं। गांव के जिम्मेदार मनमानी तरीके से फिर पुरानी फोटो अपलोड कर मजदूरों की हाजिरी लगा रहे है। वहीं मजदूरों की सूची में कुछ ऐसे लोगों का नाम भी दर्ज है जो मजदूरी का कार्य करते ही नहीं है। एक व्यक्ति ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया मनरेगा द्वारा खाता में पांच हजार रुपया जब आ जाता है तब ग्राम प्रधान बैंक ले जाते हैं अंगूठा लगवा कर पैसा निकलवाते हैं और पांच सौ रुपया खाताधारक को देते हैं अन्य पैसा अपने पास रख लेते हैं।
सूत्रों द्वारा मेरी जानकारी के अनुसार
शनिवार को किए गए पड़ताल से पता चला कि बेला गांव के हरीलाल के खेत से फोरलेन तक 20 जुलाई से लेकर 2 अगस्त तक किसी दिन तीन मस्टररोल पर तो किसी दिन दो मस्टररोल पर 20 से 30 मजदूरों ने मिट्टी का कार्य किया। इस दौरान कतवारू, भगवानदास, कलावती, भागीरथी, परमारथ, रामवती, रविंदर, हरिलाल, रामआशीष, संदीप आदि मजदूरों की हाजिरी एमएमएस ऐप पर भरी गई।
जबकि हजारी के लिए भरी गई पोर्टल पर अपलोड फोटो धूधली है और फोटो में किसी दिन तीन मजदूर नजर आ रहे हैं तो किसी दिन पांच मजदूर घास उखड़ते नजर आ रहे हैं वहीं प्रत्येक दिन अपलोड फोटो में पशुओं का नाद नजर आ रहा है। मनरेगा पोर्टल पर उपलब्ध जिओ लोकेशन से यह पता चला कि मजदूर को थोड़ा बहुत आगे पीछे करके केवल फोटो खिंचवाया गया है और फोटो पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
इस मामले में आसपास के ग्रामीणों ने बताया मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ है अधिकारी चाहे तो भौतिक सत्यापन कर सकते हैं।
वर्जन
बेला गांव का मामला संज्ञान में आया है मामले की जांच कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी
- रूपम सिंह, कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा।
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