क्षेत्र की विराट विभूतियों को हमें सहेज कर रखना चाहिए- प्रबन्धक
ब्रह्मपुर गोरखपुर। बांसगांव संदेश। जिले के राप्ती-गोर्रा स्थित इंटर कॉलेज बिशुनपुरा गोरखपुर में हर्षोल्लास पूर्वक स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। प्रबन्धक/प्रधानाचार्य द्वारा संयुक्त रूप से झण्डारोहण करने के बाद भव्य साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता द्वारा प्रबन्धक तथा मुख्य अतिथि चिकित्सक डॉ दयानन्द यादव रहे। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन पं. हरिशरण पति त्रिपाठी ने किया। देश के जाने-माने साहित्यकार डॉ रामदरश मिश्र जी के 15 अगस्त को 100 वर्ष पूरे कर 101 वें वर्ष मे प्रवेश करने पर शताब्दी समारोह वर्ष मनाया गया। कालेज की छात्राओं कु अंकिता यादव, कु अनुराधा मिश्रा, कु अंशू भारती, कु सन्नू यादव, कु आँचल विश्वकर्मा, कु किशा यादव,कु सानिया खातून और कु रूबी यादव आदि ने डॉ रामदरश मिश्र जी का एक भव्य चित्र विद्यालय को सादर भेंट किया और कार्यक्रम को सफल बनाने मे अपना योगदान दिया। डॉ रामदरश मिश्र के विशद साहित्यिक अवदान पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला।
इस अवसर पर हरिशरण पति त्रिपाठी ने कहा कि -"आज़ादी के बाद हिन्दी कथा साहित्य में ग्राम्य परिवेश का रामदरश मिश्र जी से बेहतर चितेरा कोई नहीं है।"
शशिबिन्दु नारायण मिश्र ने कहा कि "शताधिक ग्रन्थों के रचनाकार डॉ रामदरश मिश्र हिन्दी की समस्त विधाओं के सिद्ध लेखक हैं , उनके कथा साहित्य मे समग्र जीवन है। फणीश्वर नाथ रेणु के बाद आंचलिक कथा साहित्य की परम्परा को रामदरश मिश्र ने ही आगे बढ़ाया है।"
प्रधानाचार्य ने कहा कि हम सबका यह सौभाग्य है कि डा रामदरश मिश्र के साहित्य की जो उत्स भूमि है , जिसमें संघर्ष की अद्भुत जिजीविषा है, उससे हम लोग जुड़े हुए हैं।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रबन्धक ने कहा कि -"पं. विद्यानिवास मिश्र और डॉ रामदरश मिश्र हमारे क्षेत्र की महान् विभूतियाँ हैं,इस थाती को हमें सहेज कर रखना चाहिए और अन्य क्षेत्रों की जो विभूतियाँ हैं उन्हें भी।"
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