बाढ़ से तबाही मचाने के बाद सरयू नदी के कटान से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
रूद्रपुर देवरिया।बांसगांव संदेश
देवरिया जिले के बरहज कपरवार में सरयू और राप्ती की लहरें तटवर्ती भूमि को निगलने लगीं है। कटान से दौला तटबन्ध भी खतरे में पड़ गया है। बुधवार को संगम तट पर लगे जियो बैग नदी की लहरें बहा ले गई। गुरुवार तक तटबन्ध को बचाने में विभाग जुट गए।विभाग ने अब हाथ खड़े कर दिए है। तेज बहाव के चलते कुछ खास सफलता नहीं मिल पा रही है।संगम तट और आसपास के क्षेत्रों में सरयू और राप्ती एक सप्ताह से कटान कर रही है। किसानों का खेत निगलते नदी तटबंध तक पहुंच गई। विभाग ने बचाव कार्य भी शुरू किया।किंतु नदी के तेज प्रवाह के चलते सफलता नहीं मिल पा रही है। विभाग पत्थर के बजाय मिट्टी डालकर कटान रोकने जुगत में लगा रहा। लेकिन सफलता न मिलने पर बाढ़ खण्ड के कर्मी अपना बोरिया बिस्तर लेकर चले गए। शुक्रवार को सुबह नदी का तेज प्रवाह तटबन्ध को बचाने के लिए लगाए गए करीब 50 जियो बैग बहा ले गया।तमाम बैग फट गए है।और उसकी मिट्टी पानी के साथ बह रही है। अफसर खुद को बेबस पा रहे है। जिस तरह से जियो बैग बह रहे है।उससे तटबन्ध ही खतरे में पड़ गया है। अगर नदी की रफ्तार ऐसी ही रही तो तटबंध का पश्चिमी हिस्सा नदी में समा जाएगा। तटबन्ध के बाद गंगा यादव, रामनक्षत्र यादव और सुखारी यादव के खेत पर खतरा बढ़ जाएगा है। नदी का रुख देख किसान भी चिंतित है।किसानों का कहना है।कि विभाग की लापरवाही से परसिया कुरह और कोलखास का वजूद मिट गया। एक बार फ़िर नदी खतरनाक रुख अख्तियार कर चुकी है।और अफसर बेफिक्र हैं। यदि बंधा कटा तो कपरवार ग्राम पंचायत के कुबाइच टोले की करीब पांच सौ आबादी खतरे में पड़ जाएगी।कपरवार संगम तट से कटइलवा तक कटान रोकने व गावों को बचाने के लिए बना बांध खुद खतरे है। बांध बनाने में बरती गई अनियमितता के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। जियो बैग में बालू की जगह मिट्टी भरी गई।जो पानी के साथ बह रही है। बोरियों को मिट्टी से ढंका नहीं गया। बोरे पर धूप लगने से फटने लगे।कटान के साथ ही बोरिया नदी में समा रही है। पानी के प्रवाह से कटान भी तेज होने लगी है। संगम तट से लेकर कटइलवा तक दर्जन भर स्थानों पर बड़े रेन कट बन गए है। तटबन्ध के विस्तारीकरण में विभागीय लापरवाही से तटबन्ध पर खतरा मंडराने लगा है।
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