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    मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों से किया हाथापाई

    मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने मृतक के तीमारदारों से किया गाली गलौच

    बीआरडी मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टर आए दिन तीमारदारों से करते हैं मारपीट

    परिजनों द्वारा इलाज मे लापरवाही की शिकायत के बाद गुंडई पर उतारू हो जाते हैं जूनियर डॉक्टर

    तीमारदार उतना गुंडो से नहीं डरते होगें, जितना मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों से

    गोरखपुर। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में आए दिन जूनियर डॉक्टर द्वारा मारपीट की खबरें अखबार में प्रकाशित होती है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा जांच का आश्वासन देने के बाद सारे मामलों में लिपापोती कर दी जाती है। कुछ मामलों में दोनों तरफ से मुकदमा भी दर्ज करवाया जाता है लेकिन आज तक जूनियर डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई न होने से इनका हौसला पुराने जमाने के चंबल के डाकुओं से भी अधिक बढ़ जाता है। बता दें की मेडिकल कॉलेज में सिर्फ पूर्वांचल की नहीं बिहार एवं नेपाल से भी मरीज ईलाज के लिए आते हैं। इनके साथ आये तीमारदार अगर इलाज में लापरवाही की शिकायत करते हैं तो जूनियर डॉक्टरों द्वारा तीमारदारों की पिटाई कर दी जाती है। उन्हें वार्ड से धक्का देकर बाहर कर दिया जाता है। कभी-कभी तो मरीजों का ईलाज तक बंद कर दी जाती है। अंत में थक हार कर मरीजों के परिजन या तो मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट कर देते हैं या तो उन्हें भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 सितंबर दिन शनिवार को जनपद सिद्धार्थनगर से अशफाक पुत्र अमिरूल्लाह शिवपतिनगर मोहाना चौराहा थाना मोहाना जनपद सिद्धार्थनगर को सर्प काटने के कारण बीआरडी मेडिकल कालेज में एडमिट कराया गया जहां डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 9 तारीख की रात 12:30 बजे वेंटिलेटर पर अशफाक ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना पर घर से आए परिजनों के साथ कुछ अन्य सहयोगी अस्पताल पहुंचे और आईसीयू वार्ड में अशफाक को देखने पहुंचे तो वहां मौजूद जूनियर डॉक्टर आलोक कुमार ने सीधे गाली गलौज देकर परिजनों एवं साथ आये लोगों को गाली देकर बाहर धकेलना शुरू कर दिया। परिजनों द्वारा गाली ना देने की बात पर आलोक ने कहा कि हमारा केबिन है, मैं यहां कुछ भी कर सकता हूं और परिजनों को मारा पीटा और यहां तक कि मोबाइल भी छीन लिया। बीआरडी मेडिकल कॉलेज की यह पहली घटना नही है, यहां आए दिन जूनियर डॉक्टरों द्वारा मरीज व उनके तीमारदारों के प्रति ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं। जिस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन कुछ भी ध्यान नहीं दे रहा है।

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