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    आईजीएल में विधिक जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

    *आईजीएल में विधिक जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन* 



     सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश आईजीएल के बिजनेस हेड एस के शुक्ल के मार्गदर्शन में आईजीएल परिसर में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-2025 के क्रियान्वयन के क्रम में तथा माननीय अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश श्री तेज प्रताप तिवारी महोदय के कुशल निर्देशन में आज दिनांक 20.09.2024 को "निर्माण स्थलों एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम, 1996 तथा कारखाना अधिनियम, 1948, ठेका श्रमिक अधिनियम, 1970 तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से संबंधित अन्य प्रासंगिक कानूनों के विभिन्न प्रावधानों के तहत श्रमिकों को उनके अधिकारों के बारे में विधिक रूप से सशक्त बनाये जाने एवं प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास पर विशेष जोर दिये जाने हेतु विषय पर विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन आई०जी०एल० कम्पनी, गीडा, तहसील सहजनवा में किया गया। उक्त साक्षरता / जागरुकता शिविर में अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विकास सिंह के साथ आई०जी०एल० कम्पनी के महाप्रबन्धक शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, सहायक महाप्रबन्धक मानव संसाधन एवं प्रशासन दशरथ मिश्रा, सहायक प्रबन्धक प्रशासन अखिलेश कुमार शुक्ला, इंजीनियर हेड शैलेश चन्द पैरा विधिक स्वयं सेवक एवं श्रमिकजन उपस्थित रहे। अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर द्वारा उक्त साक्षरता / जागरूकता शिविर में उपस्थित प्रतिभागीयों को उक्त विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (नियोजन एवं सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम, 1996 के तहत निर्माण श्रमिकों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, और कल्याण के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इस अधिनियम के तहत, काम के घंटे, वेतन और अन्य सेवा शर्तों के बारे में प्रावधान किए गए हैं। काम करने वाले लोगों के लिए रहने की सुविधा, किंडरगार्टन, पीने का पानी, और शौचालय की सुविधा सुनिश्चित की गई है। अगर किसी जगह पर 500 या उससे ज्यादा निर्माण श्रमिक काम करते हैं, तो उस जगह पर एक सुरक्षा समिति बनाई जाएगी। इस समिति में, नियोक्ता और निर्माण श्रमिकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कारखाना अधिनियम, 1948 कई विषयों को कवर करता है जैसे मशीनरी, इमारतों और फर्श की सुरक्षा, आंखों की सुरक्षा और खतरनाक धुएं और गैसों से सावधानियाँ, आग लगने की स्थिति में श्रमिकों की सुरक्षा वयस्क श्रमिकों के लिए कार्य घंटे, जिसमें प्रति सप्ताह अधिकतम 48 घंटे या प्रतिदिन 9 घंटे शामिल हैं अधिकतम घटो से अधिक काम करने पर ओवरटाइम वेतन मिलने की सुविधा। ठेका श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत ठेका मजदूरों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में ठेकेदारों और प्रमुख नियोक्ताओं की जिम्मेदारी होती है। ठेकेदारों के लिए प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, धुलाई सुविधाएं तथा पर्याप्त संख्या में शौचालय और मूत्रालय उपलब्ध कराने की सुविधाए। ठेकेदारों द्वारा ठेका मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान करने की सुविधाएं। ठेकेदारों और प्रमुख नियोक्ताओं के लिए ठेका मजदूरों का रिकॉर्ड बनाए रखने की सुविधाएं। इसके अतिरिक्त अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा संचालित किये जा रहे विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के अधिकारों के बारे में भी बताया गया तथा दिनांक 14.12.2024 को जनपद गोरखपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी बताया गया गया। यह जानकारी श्री विकास सिंह, अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर द्वारा दी गयी। उक्त कार्यक्रम में प्लांट हेड द्वारा अपर जनपद न्यायाधीश जी को बुके देकर स्वागत किया गया। शिविर के उपरांत अपर जनपद न्यायाधीश जी द्वारा आईजीएल परिसर में आंवले का पौधरोपण किया गया। कार्यक्रम का संचालन दशरथ मिश्र जी द्वारा किया गया और सभी अतिथियों के प्रति आभार अखिलेश कुमार शुक्ल द्वारा व्यक्त किया गया।

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